श्रुतिकांत, सहरसा : दुर्घटना व अपराध के बाद त्वरित कार्रवाई करने के उद्देश्य से पुलिस विभाग ने अपने चार पाहियों वाहनों को जीपीएस सिस्टम से लैस करने का निर्णय लिया है. इससे पुलिस अफसरों को घटना की जानकारी मिलते ही वे घटना स्थल के लिए रवाना हो सकेंगे. जीपीएस सिस्टम की मॉनीटरिंग कंट्रोल रूम से करते हुए घटना स्थल जाने वाले वाहन को देखा जायेगा और उनके रास्ता बदलने पर तत्काल उन्हें घटना स्थल के सही रास्ते जाने की सूचना दी जायेगी.
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चुनाव प्रक्रिया समाप्त होते ही जीपीएस सिस्टम से लैस होंगे सभी पुलिस वाहन
श्रुतिकांत, सहरसा : दुर्घटना व अपराध के बाद त्वरित कार्रवाई करने के उद्देश्य से पुलिस विभाग ने अपने चार पाहियों वाहनों को जीपीएस सिस्टम से लैस करने का निर्णय लिया है. इससे पुलिस अफसरों को घटना की जानकारी मिलते ही वे घटना स्थल के लिए रवाना हो सकेंगे. जीपीएस सिस्टम की मॉनीटरिंग कंट्रोल रूम से […]
इस सिस्टम से लोगों को सही टाइम पर पुलिस की सुविधा मिलेगी. पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार ने बताया कि चुनाव प्रक्रिया समाप्त होते ही जिले के सभी थाना, ओपी, शिविर, पुलिस लाइन व अन्य जगहों के चारपहिया वाहनों में जीपीएस सिस्टम को इंस्टॉल किया जायेगा.
हाइटेक होगी सहरसा पुलिस: पुलिस विभाग अपराध को रोकने के लिए हाईटेक सिस्टम अपनाने जा रहा है. आम लोगों को विभाग से शिकायत रहती है कि घटना की सूचना मिलने के बाद भी पुलिस समय पर मौके पर नहीं पहुंच पाती. इसकी वजह से कई बार अपराधी घटना को अंजाम देकर फरार हो जाते हैं. इसी तरह कभी-कभी छोटी घटनाएं भी बड़े मामले का रूप ले लेती है.
वहीं अब इस तरह के मामले में त्वरित कार्रवाई करने के लिए पुलिस विभाग जीपीएस सिस्टम का उपयोग करेगी. इसके तहत पुलिस विभाग के सभी वाहनों में जीपीएस मशीन लगायी जाएगी और सिस्टम लगने के बाद घटना स्थल के सबसे पास रहने वाले पुलिस दल को घटना की सूचना दी जायेगी और घटना स्थल का लोकेशन बता कर तत्काल रवाना किया जायेगा. तांकि जल्द से जल्द घटना स्थल पहुंचाकर स्थिति को सामान्य किया जा सके. वही जीपीएस सिस्टम से वाहन पर नजर रखा जायेगा.
इसके लगने से जहां गश्ती में तैनात अधिकारी या जवान लापरवाही नहीं कर पाएंगे. सूचना मिलने के बाद उन्हें तत्काल घटना स्थल के लिए रवाना होना होगा. पूरे रास्ते वाहन की निगरानी कंट्रोल रूम में लगे जीपीएस सिस्टम से की जाएगी. यदि वाहन अचानक रुकती है या अचानक अपना रास्ता बदलेगी तो इसका पता कंट्रोल रूम को चल जायेगा. ऐसे में लापरवाही करने की गुंजाइश खत्म हो जायेगी.
लोगों को नहीं मिलेगा शिकायत का मौका
एसपी राकेश कुमार ने कहा कि जीपीएस सिस्टम लगाने का मुख्य उद्देश्य लोगो को एक स्तरीय सुरक्षा सुविधा उपलब्ध कराना है. सिस्टम लग जाने के बाद जैसे ही लोगों की शिकायत कंट्रोल रूम या थाने में मिलेगी. वैसे ही मामले में कार्रवाई शुरू कर दी जायेगी. इसके चलते पुलिस पर लेटलतीफी की शिकायत से भी मुक्ति मिलेगी और लोगों को थाना व पुलिस से भी शिकायत का भी मौका नहीं मिलेगा.
इस सेवा का सबसे ज्यादा फायदा ग्रामीण क्षेत्र के थानों को मिलेगी. ग्रामीण थानों के क्षेत्र अपेक्षाकृत बड़े होते हैं. बड़ा क्षेत्र होने पर पुलिस को भी कई बार घटना स्थल पहुंचने में समय लग जाता है. लेकिन जीपीएस से मॉनीटरिंग होने से बिना समय खराब किये पुलिस कम से कम समय में ज्यादा दूरी तय करते हुए जल्द से जल्द दूरस्थ घटना स्थल पर पहुंच सकेगी.
कुछ दिन पूर्व ही मिले हैं 20 नये वाहन
मुख्यालय से सदर थाना सहित अन्य थाना, ओपी, शिविर में 20 नए सूमो, जिप्सी सहित अन्य चार पहिया वाहन उपलब्ध कराया गया है. वहीं जिले में योगदान के कुछ दिन बाद ही क्राइम मीटिंग में आये थानाध्यक्षों के वाहनों की जांच पुलिस अधीक्षक ने पुलिस लाइन में औचक रूप से निरीक्षण कर समय निर्धारित कर ससमय वाहनों की स्थिति में ससमय सुधार लाने का निर्देश दिया था.
जिसके बाद थानाध्यक्षों की उपेक्षा का दंश झेल रहे वाहनों की सर्विसिंग करा सभी वाहनों में बोर्ड, लाइट, स्टिकर लगाया गया था. इन सभी वाहनों में भी जीपीएस सिस्टम लगाया जायेगा. एसपी ने बताया कि कुछ थाना, ओपी, शिविर में पुराने व जर्जर हालत में वाहन है. जो पुलिस के काम नहीं आ रहा है. जल्द ही ऐसे वाहनों की जांच कर उसे रद्द किया जायेगा.
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