फ्रांस की अलस्टॉम कंपनी कर रही है निर्माण
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मधेपुरा से देश को मार्च में मिलेगा देश का सबसे तेज रफ्तार इलेक्ट्रिक इंजन
फ्रांस की अलस्टॉम कंपनी कर रही है निर्माण अभी देश में छह हजार हार्स पावर वाले इलेक्ट्रिक इंजन का होता है प्रयोग सहरसा/मधेपुरा : भारतीय रेलवे को 120 किमी प्रति घंटे तक की रफ्तार वाले 12 हजार हॉर्स पॉवर के सभी नये इलेक्ट्रिक इंजन मार्च में मिल जायेंगे, जब फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों भारत […]
अभी देश में छह हजार हार्स पावर वाले इलेक्ट्रिक इंजन का होता है प्रयोग
सहरसा/मधेपुरा : भारतीय रेलवे को 120 किमी प्रति घंटे तक की रफ्तार वाले 12 हजार हॉर्स पॉवर के सभी नये इलेक्ट्रिक इंजन मार्च में मिल जायेंगे, जब फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों भारत दौरे पर मधेपुरा पहुंचेंगे. दरअसल, फ्रांसीसी कंपनी अलस्टॉम के साथ मिल कर इसका निर्माण किया जा रहा है. रेलवे मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से यह जानकारी सामने आयी है कि मार्च में सबसे तेज रफ्तार का इलेक्ट्रिक इंजन देश को मधेपुरा इंजन फैक्ट्री से मिलेगी. सूत्रों के अनुसार, कोसी के मधेपुरा प्लांट में 12 हजार हॉर्स पॉवर का पहला इंजन तैयार हो चुका है और इसका परीक्षण जारी है. शुक्रवार को पहुंचे चीफ इलेक्ट्रिक इंजीनियर राकेश कुमार तिवारी ने भी कार्य प्रगति का जायजा लिया है. रेलवे सूत्र से मिली जानकारी के अनुसार इस साल मार्च में सभी नये इंजन शुरू किये जायेंगे,
जब फ्रांस के राष्ट्रपति अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन की बैठक में हिस्सा लेने भारत आयेंगे. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आगामी 28 फरवरी को मधेपुरा स्थित इंजन फैक्ट्री में कार्यक्रम संभावित है. पिछले हफ्ते वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के लिए अपने दावोस दौरे के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने एलान किया था कि राष्ट्रपति मार्च में अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन में हिस्सा लेंगे. सूत्र ने यह भी बताया कि नए डब्लूएजी 12 इंजन का इस्तेमाल मालवाहक गाड़ियों के लिए किया जाएगा. यह लगभग 9,000 टन के सामान को ढो सकता है. फ्रांस में अलस्टॉम की फैक्ट्री से ट्विन-सेक्शन वाले इस इलेक्ट्रिक इंजन का पहला बॉडी पार्ट पिछले साल सितंबर में भारत पहुंचा था. अलस्टॉम के वाइस प्रेसिडेंट, सेल्स एंड बिजनेस डेवलपमेंट (एशिया-पैसिफिक) भरत सल्होत्रा ने कहा कि 12 हजार हॉर्स पावर के इंजन का प्रवेश एक परिवर्तनकारी कदम होगा, क्योंकि यह भारतीय रेलवे को भारी सामान ढोने वाले और लंबी दूरी तक चलने वाली गाड़ियों को ‘डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर’ पर चलाने की इजाजत देगा. रेलवे अधिकारियों ने कहा कि रफ्तार में बढ़ोतरी से रेल नेटवर्क में लाइन क्षमता बेहतर होगी. मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, मौजूदा समय में भारतीय रेलवे मालवाहक सेवाओं के लिए छह हजार हॉर्स पॉवर के इंजन का इस्तेमाल करता है. अलस्टॉम के प्रेसिडेंट ने यह बात भी कही कि सरकार के इस कदम से माल ढुलाई के मामले में दुनियाभर में भारतीय रेलवे का प्रदर्शन सबसे अच्छा होगा.
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