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रेलखंड पर परिचालन शुरू

सहरसा-पूर्णिया. कटाव स्थल के निरीक्षण के बाद हरी झंडी सहरसा -मानसी रेलखंड के पुल संख्या 47 पर कटाव निरोधी कार्य चला सिमरी-सलखुआ मार्ग पर चढ़ा पानी, बड़े वाहनों की आवाजाही पर रोक डीएम पहुंचे सिमरी सिमरी : पूर्व मध्य रेलवे अंतर्गत सहरसा-मानसी रेलखण्ड के फनगो हॉल्ट के निकट पुल संख्या 47 के पास ब्रिज के […]

सहरसा-पूर्णिया. कटाव स्थल के निरीक्षण के बाद हरी झंडी

सहरसा -मानसी रेलखंड के पुल संख्या 47 पर कटाव निरोधी कार्य चला
सिमरी-सलखुआ मार्ग पर चढ़ा पानी, बड़े वाहनों की आवाजाही पर रोक
डीएम पहुंचे सिमरी
सिमरी : पूर्व मध्य रेलवे अंतर्गत सहरसा-मानसी रेलखण्ड के फनगो हॉल्ट के निकट पुल संख्या 47 के पास ब्रिज के एप्रोच बोल्डर के पास कटाव होने की वजह से शुक्रवार को भी दिनभर कटाव स्थल पर बोल्डर गिराये जाने का कार्य जारी रहा.बताया जाता है कि दो दिन पूर्व पुल संख्या 47 के पास जलस्तर मे जबरदस्त वृद्धि हो गयी और पानी की वेग ज्यादा होने की वजह से पुल के किनारे लगे बोल्डर ढह गये, जिससे ट्रैक धंसने का खतरा बन गया. इसके बाद आनन – फानन में कटाव स्थल पर बोल्डर गिराने का काम शुरू हुआ. मौके पर एइएन दिनेश कुमार, आईओडब्लू अवनिकांत, सीनियर सेक्शन इंजीनियर राकेश कुमार, पीडब्लूआई अजय कुमार आदि मौजूद थे.
वही रेल से जुड़े जानकर बताते है कि 2005 मे यही पर बोल्डर ढह जाने के कारन ट्रैक धंस गया था और जिसके वजह से लगभग सप्ताह तक रेलमार्ग बंद रहा था.
अनुमंडल में चार जगह चल रहा है बाढ़ राहत कैंप: अनुमंडल प्रशासन की ओर से चार जगह बाढ़ राहत केंद्र चलाया जा रहा है. सलखुआ के बहुरवा, चिड़ैया सहित सिमरी के बेलवाड़ा और बनमा के सुगमा में यह केंद्र संचालित हो रहा है. इधर शुक्रवार को जिलाधिकारी विनोद कुमार गुंजियाल भी सिमरी पहुंचे और एसडीओ से अनुमंडल में चल रहे बाढ़पीड़ितों के राहत के लिए चल रहे कार्यो की समीक्षा की. वहीं गुरुवार देर शाम मोबारकपुर से सलखुआ जाने वाली बायपास सड़क पर भी पानी चढ़ गया. जिसके बाद सलखुआ थाने की ओर से सड़क पर बड़े वाहनों के परिचालन पर रोक लगा दिया गया. वहीं गुरुवार से ही सलखुआ के कोपड़िया पंचायत के कई वार्ड सहित अन्य पंचायतो में बाढ़ का पानी आने से ग्रामीणों को खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वही प्रखंड के बघवा पंचायत के मंझवा और गोपालपुर गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश करने के उपरांत किसानों का सैकड़ों एकड़ में लगी फसल बर्बाद हो गई. जिसे लेकर पूर्व पैक्स अध्यक्ष मिथलेश यादव ने जिला पदाधिकारी , अनुमंडल पदाधिकारी व अंचलाधिकारी को आवेदन देकर मुआवजे की मांग की है. आवेदन में कहा गया है कि गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश कर जाने से कई घरों के अंदर पानी प्रवेश कर गया और लोग अपने घरों को छोड़कर बांध पर रहने को मजबूर हैं. पानी आने की वजह से गाढ़ी कमाई जो फसल में लगाई वह भी आई इस बाढ़ में डूब गया जिसके कारण अब किसान भुखमरी के कगार पर हैं.

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