सासाराम नगर : कोनार निवासी स्वतंत्रता सेनानी रामधारी सिंह को दिल का दौरा पड़ने से शुक्रवार की देर शाम मृत्यु हो गयी. इसकी जानकारी देते हुए इनके बड़े बेटे प्रोफेसर चंद्रमा सिंह ने बताया कि इधर कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे. शुक्रवार को सामान्य लग रहे थे. अचानक शाम में सीने में तेज दर्द हुआ और कुछ ही देर में दम तोड़ दिये.
कुशवाहा सभा भवन के अध्यक्ष सत्यनारायण स्वामी ने कहा कि रामधारी बाबू स्वतंत्रता सेनानी तो थे ही समाजसेवी भी थे. इस उम्र में भी उन की समाजसेवा में तत्परता को देखते बनता था. इनके दो पुत्र व दो पुत्रियां है. इनका जन्म 1916 में हुआ था. 101 वर्ष की उम्र में 20 जनवरी, 2017 को उन्होंने दुनिया से विदा ले ली.
बाजार में दिन भर रहा सन्नाटा
सासाराम ऑफिस. मानव शृंखला को लेकर शहर के बाजार में दिन भर सन्नाटा छाया रहा. डाकबंगला मार्केट, धर्मशाला, चौक, रौजा रोड से ले कर गोला बाजार तक ग्राहक नहीं दिखे. धर्मशाला चीप बूट हाउस के मालिक डब्लूजी का कहना था कि सुबह से दुकान खोला था, परंतु ग्राहक नहीं आये. साहू किराना धर्मशाला के व्यवसायी संजय कुमार का कहना था कि गांवों से बड़ी संख्या में ग्राहक यहां प्रतिदिन आते हैं. पर, यातायात बंद होने से बाजार में चहल पहल नहीं रही.
प्रमुख व्यवसायी रूंगा ब्रदर्स के प्रोपराइटर संतोष कुमार रूंगटा मानव शृंखला बनने पर खुश थे. पर, ग्राहकों के नहीं आने का अफसोस था. राैजा रोड स्थित दवा दुकानों में भी दवा लेने की भीड़ नहीं थी. शहर के लोग ही दवा खीरीदते दिखाई दिये. शहर का प्रमुख बाजार गोला में बड़ी संख्या में लोग गांव देहात से खरीदारी करने आते हैं. यातायात बाधित होने से बाजार में रौनक नहीं थी. फल दुकान के रामाशीश सिंह ग्राहकों के इंतजार में रहे, लेकिन मायूसी हाथ लगी. शाम में बाजर की थोड़ी बहुत रौनक बढ़ी जिसमें शहरवासी खरीदारी करते दिखाई दिये. मीना बाजार में शाम में महिलाएं पहुंची.