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”चार हजार में कैसे घर में बजेगी शहनाई”

पांच सौ व एक हजार रुपये के नोट अचानक बंद हो जाने से आ रही परेशानी सासाराम शहर : पांच सौ व एक हजार रुपये के नोट अचानक बंद हो जाने से आ रही परेशानियों में सबसे अधिक उन लोगों के लिए बेहद कठिन घड़ी है, जिनके बेटे-बेटियों की शादी सिर पर है. जो रकम […]

पांच सौ व एक हजार रुपये के नोट अचानक बंद हो जाने से आ रही परेशानी
सासाराम शहर : पांच सौ व एक हजार रुपये के नोट अचानक बंद हो जाने से आ रही परेशानियों में सबसे अधिक उन लोगों के लिए बेहद कठिन घड़ी है, जिनके बेटे-बेटियों की शादी सिर पर है. जो रकम जुटा कर रखा गया था वह कागज का ढेर हो गयी है. बैंक में इतनी अधिक रकम कैसे बदलें, जबकि एक व्यक्ति से केवल चार हजार रुपये ही लेने का बैंकों में फिलहाल प्रावधान रखा गया है.
करगहर से आये रितेश यादव ने कहा कि 15 नवंबर को मेरी शादी है. बैंक में निकाली राशि में पांच सौ औरएक हजार रुपये के नोट ही मिले थे, जिस पर रोक लगा दिया है़ अब इन रुपयों को बैंक में बदलना है. समय कम था इस लिए पहले ही दिन बैंक चला आया.
चूंकि एक व्यक्ति चार हजार रुपये ही बदल सकता है, इस लिए अपने साथ कई दोस्तों को भी लेकर आया हूं, जिससे कि कुछ ज्यादा रकम बदलवा सकूं. वह शुक्रवार को एसबीआइ की मुख्य शाखा में नोटों को बदलने पहुंचे थे. बैंकों में उमड़े कई लोगों के बीच वे भी थे, जिनके यहां शादियां हैं. बैंक उनके रुपये जमा तो कर रहे हैं, लेकिन बदले में केवल चार हजार रुपये ही दिये जा रहे हैं. लोगों को समझ में नहीं आ रहा था कि इतने पैसे में वे शादी की तैयारी कैसे करें. सवाल बड़ा है कि अगर लक्ष्मी घर नहीं पहुंच सकीं, तो फिर शहनाई कैसे बजेगी.
शहर के गौरक्षणी निवासी अरुण कुमार व उनकी पत्नी सुनीता देवी भी गुरुवार को पंजाब नेशनल बैंक पहुंचे थे नोट बदलने. दंपती वैसे तो 28 हजार रुपये लेकर आये थे, लेकिन वहां उन्हें मिले सिर्फ चार हजार रुपये ही. अरुण की बेटी प्रिया की शादी 30 नवंबर को ही है. शादी के लिए अभी काफी खरीदारी करनी है. गहने तक अभी नहीं बन सके हैं. बैंक के बाहर सीढ़ियों पर बैठे पति-पत्नी इसी चिंता में खोये मिले. न्यू एरिया निवासी सुरेंद्र प्रसाद अपने भतीजे अमित की शादी के लिए रुपये निकालने बैंक पहुंचे थे. 16 नवंबर को उसका तिलक है. तैयारी के लिए जो रुपये निकाले गये थे. अब वह बेकार हो गये हैं. मोकर निवासी रामाकांत प्रजापति के बेटी निशा की शादी 21 नवंबर को ही है.
बैंक से डेढ़ लाख रुपये निकाले थे, लेकिन अब बड़े नोटों को बदलने की चिंता उन्हें खाये जा रही है. कादिरगंज निवासी शकील अहमद, गोला बाजार निवासी अशोक साह सहित कई अन्य लोगों के सामने भी अपने बेटे बेटियों की शादी का संकट है. इन सभी के पास बड़े नोट तो हैं, लेकिन बाजार में अब उनकी कोई अहमियत नहीं है. ऐसे सभी लोगों को बैंकों में निराशा ही हाथ लगी.

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