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प्रभार के लेनदेन में फंसा ट्रेजरी का काम
15 दिन पहले स्टांप के लिए जमा हुए 60 लाख रुपये सासाराम नगर : कोषागार पदाधिकारी के प्रभार के लेन-देन में एक पखवारे से ट्रेजरी का काम बाधित है. स्टांप नहीं मिलने से न्यायालय व अन्य सरकारी कार्य बाधित हो रहा है. इसके कारण सरकार को प्रतिदिन लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा […]
15 दिन पहले स्टांप के लिए जमा हुए 60 लाख रुपये
सासाराम नगर : कोषागार पदाधिकारी के प्रभार के लेन-देन में एक पखवारे से ट्रेजरी का काम बाधित है. स्टांप नहीं मिलने से न्यायालय व अन्य सरकारी कार्य बाधित हो रहा है. इसके कारण सरकार को प्रतिदिन लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है. इसको लेकर स्टांप वेंडरों में भी मायूसी है. प्रतिदिन ट्रेजरी का चक्कर लगा रहे हैं. सासाराम व्यवहार न्यायालय, बिक्रमगंज अनुमंडल व डेहरी अनुमंडल न्यायालयों में सन्नाटा पसरा है. तीनों न्यायालयों का कार्य बाधित है. रजिस्ट्री कार्यालय में भी असर दिख रहा है़ सहायक कोषागार पदाधिकारी राकेश कुमार सिन्हा की मानें तो स्टांप वेंडर 15 दिन पहले स्टांप के लिए लगभग 60 लाख रुपये जमा कर दिये हैं.
नियमित कोषागार पदाधिकारी के अनुपस्थिति के कारण स्टांप की निकासी नहीं हो पा रही है. ट्रेजरी का प्रभार जिला भविष्य निधि पदाधिकारी महंथ स्वरूप के जिम्मे है. डेहरी कोषागार का भी प्रभार इन्हीं अधिकारी के जिम्मे है. नियमित अधिकारी द्वारा प्रभारी अधिकारी को पूर्ण प्रभार नहीं दिया गया है. यहीं कारण है कि ट्रेजरी से स्टांप नहीं निकल रहा है. व्यवहार न्यायालय में 10, डेहरी न्यायालय में छह व बिक्रमगंज न्यायालय में पांच स्टांप वेंडर है. तीन माह पहले दिया गया स्टांप समाप्त हो गया है. नया स्टॉक मिला नहीं, सभी वेंडर रोज अपनी दुकान खोलते हैं कि शायद आज स्टांप मिले. वहीं फरियादी स्टांप के लिए वेंडरों का चक्कर लगा रहे हैं.
कोषागार पदाधिकारी ने नहीं दिया प्रभार
जिला कोषागार पदाधिकारी कमल किशोर चौधरी ने छुट्टीमें जाने से पहले प्रभारी पदाधिकारी को पूर्ण प्रभार नहीं दिया है.
बिना पूर्ण प्रभार के प्रभारी पदाधिकारी स्टांप की निकासी नहीं कर सकते हैं. यह कोषागार पदाधिकारी की बड़ी भूल मानी जा रही है. तीन माह की लंबी छुट्टी के बाद 20 अक्तूबर को कोषागार पदाधिकारी योगदान किया़ पुनः दो नवंबर से छुट्टी पर चले गये. छुट्टी लेने के कारण चाहे जो रहा हो. अपने निजी समस्या से सरकारी कार्य को बाधित करना एक पदाधिकारी के लिए संज्ञेय अपराध माना जायेगा. जानकार बताते हैं कि ट्रेजरी जैसे मुख्य विभाग में एक अधिकारी की घोर लापरवाही से न्यायालय का कार्य बाधित होना एक गंभीर मामला है.
पूर्ण प्रभार के बिना नहीं हो सकती स्टांप की निकासी
नियमित कोषागार पदाधिकारी द्वारा मुझे पूर्ण प्रभार नहीं दिया गया है. पूर्ण प्रभार के बिना स्टांप की निकासी नहीं की जा सकती है. तीन माह की लंबी छुट्टी के बाद केके चौधरी एक सप्ताह के लिए योगदान किये पुनः दो नवंबर से छुट्टी पर बिना प्रभार दिये चले गये. उनको इसकी जानकारी भी है कि स्टांप का स्टॉक समाप्त हो गया है. वेंडर नये स्टांप के लिए राशि भी जमा कर दिये हैं. फिर भी बिना प्रभार दिये छुट्टी पर जाना समझ से परे है. इसकी सूचना डीएम को दी गयी है. डीएम से आदेश पत्र मिलते ही स्टांप की निकासी शुरू कर दी जायेगी. मामला गंभीर है. स्टांप नहीं होने के कारण न्यायालय व अन्य महत्वपूर्ण कार्य प्रभावित हो रहा है.
महंथ स्वरूप, प्रभारी कोषागार पदाधिकारी, सासाराम
दिया गया संपूर्ण प्रभार
नियमित कोषागार पदाधिकारी कमल किशोर चौधरी अपने बेटा-बेटी की शादी के लिए दो नवंबर से 30 नवंबर तक अवकाश पर रहेंगे. इस दौरान जिला कोषागार का कार्य प्रभावित न हो इस विभाग का संपूर्ण प्रभार भविष्य निधि पदाधिकारी मंहथ स्वरूप को दिया गया है. महंथ स्वरूप डेहरी कोषागार का भी प्रभार देखते रहेंगे. यह आदेश गुरुवार से ही प्रभावी हो गया. प्रभार के लेन-देन में कोषागार का कार्य प्रभावित था. स्टांप नहीं मिलने से कई महत्वपूर्ण कार्य बाधित थे. संपूर्ण प्रभार के बाद यह समस्या दूर हो गयी.
अनिमेष कुमार पराशर, डीएम, रोहतास
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