भभुआ : बिहार के कैमूर जिला की एक अदालत ने एक महिला अनुमंडल पुलिस अधिकारी के शादी का लालच देकर यौन प्रताड़ना मामले में भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 2009 बैच के अधिकारी पुष्कर आनंद की जमानत याचिका को आज खारिज कर दिया. अतिरिक्त जिला न्यायधीश प्रथम दूधनाथ सिंह ने इस मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए पुष्कर द्वारा दायर की गयी एक याचिका को आज खारिज कर दिया.
वर्ष 2014 में कमूर जिला में पुष्कर के पदस्थापन के दौरान वहां अपने अधिनस्थ काम कर रही एक महिला अनुमंडल पुलिस अधिकारी के शादी का लालच देकर यौन प्रताड़ना मामले के बारे में गत 09 अप्रैल को बिहार के पुलिस महानिदेशक पीके ठाकुर ने बताया था कि इसकी जांच कर रही कमेटी के इस मामले में साक्ष्य पाये जाने पर आगे की कार्रवाई की जा रही है.
यह पूछे जाने पर क्या इस मामले में आरोपी आईपीएस अधिकारी को गिरफ्तार किया जायेगा, ठाकुर ने कहा था कि जांच अभी पूरी होनी बाकी है और कानूनीरूप से जो भी आवश्यक कार्रवाई होगी, की जायेगी. पुष्कर ने इस मामले में आरोपपत्र समर्पित नहीं किये जाने की दलील देते हुए जमानत याचिका दायर की थी.
इससे पूर्व पुष्कर द्वारा दायर अंतरिम जमानत की याचिका पर कैमूर के जिला एवं सत्र न्यायधीश अरुण कुमार ने इस मामले की केस डायरी पेश किये जाने का निर्देश देते हुए गत 29 अप्रैल तक उन्हें गिरफ्तार नहीं किये जाने का निर्देश दिया था.
जिला मुख्यालय भभुआ में अनुमंडल पुलिस अधिकारी के पद पर तैनात एक महिला अधिकारी ने कैमूर के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक पुष्कर आनंद पर 29 दिसंबर 2014 को कथित तौर पर यौन प्रताड़ना का आरोप लगाये जाने पर राज्य सरकार ने इस मामले की जांच का आदेश दिया था और इसकी जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की थी.
इस तीन सदस्यीय कमेटी में अपराध अनुसंधान विभाग के कमजोर वर्ग (महिला शाखा) की तत्कालीन पुलिस महानिरीक्षक एएस निलेकर ने आरोप को सही पाया था. बाद में निलेकर के स्थान पर प्रीता वर्मा को कमेटी में शामिल किया गया था. इस कमेटी के तीन अन्य सदस्यों में अपराध अनुसंधान विभाग के कमजोर वर्ग की पुलिस अधीक्षक हरप्रीत कौर और सहायक पुलिस महानिरीक्षक (जांच) राजेश कुमार भी शामिल थे.
जांच कमेटी ने आरोपी आईपीएस अधिकारी के खिलाफ न केवल आरोपों को सही बताया था बल्कि विभागीय कार्रवाई की भी अनुशंसा की थी. पीड़ित अनुमंडल पुलिस अधिकारी ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि जुलाई 2014 में कैमूर पुलिस अधीक्षक का पद संभालने के बाद पुष्कर ने उन्हें शादी का सांझा देकर उनका यौन उत्पीड़न किया था. शादी से इनकार करने पर उन्होंने पुष्कर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी.