होर्डिंग बनाने में पांच से लेकर 35 हजार रुपये तक होते हैं खर्च
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कूड़े में गिरा ”स्वच्छता अभियान”
होर्डिंग बनाने में पांच से लेकर 35 हजार रुपये तक होते हैं खर्च शहर में स्वच्छता अभियान से जुड़े तीन दर्जन से अधिक होर्डिंग में चार-पांच ही सही सासाराम नगर : स्वच्छता अभियान को लेकर शहर में जगह-जगह लगाये गये होर्डिंग अब नालों पर गिरे पड़े नजर आ रहे हैं. शहर में कई जगह इस […]
शहर में स्वच्छता अभियान से जुड़े तीन दर्जन से अधिक होर्डिंग में चार-पांच ही सही
सासाराम नगर : स्वच्छता अभियान को लेकर शहर में जगह-जगह लगाये गये होर्डिंग अब नालों पर गिरे पड़े नजर आ रहे हैं. शहर में कई जगह इस तरह की स्थिति देख कर यह लगता है स्थानीय प्रशासन स्वच्छता अभियान की जागरूकता को लेकर कितना तत्पर है. कई जगह होर्डिंग गिर कर पूरी तरह बर्बाद हो गया है. गौरतलब है कि सरकार के निर्देश पर स्थानीय प्रशासन शहर में होर्डिंग का जाल बिछा देती है. होर्डिंग लगाने के बाद इसकी देख-रेख की जिम्मेदारी नगर पर्षद की होती है. नगर पर्षद कभी इसकी सुधी नहीं लेती है. जानकार बताते है कि एक-एक होर्डिंग पर पांच हजार से लेकर 35 हजार रुपये तक खर्च होते हैं.
शहर में स्वच्छता अभियान से संबंधित ही करीब तीन दर्जन से अधिक होर्डिंग व बोर्ड लगे है. इसमें से चार-पांच होर्डिंग ही बेहतर स्थिति में हैं. बाकि, कहीं नाले में तो कही कूड़े के ढेर पर गिरे नजर आते हैं. इससे जाहिर होता है कि स्थानीय प्रशासन होर्डिंग लगाने के बाद इसके रख-रखाव को लेकर कितना जिम्मेदार है.
लगाने के अगले दिन ही गिरा होर्डिंग
शेरशाह मकबरा के दक्षिण छकोनवा मोड़ के स्वच्छता अभियान का बड़ा बोर्ड नाले में गिरा है. होर्डिंग के स्टैंड में स्थानीय लोग पशु बांध देते हैं. जानकारी के अनुसार रोड को नाले के गिनारे गिले जमीन पर इसे गाड़ा गया था. अगले दिन तेज हवा के कारण नाले में गिर गया. नगर पर्षद के कर्मी इसी रास्ते से होकर कूड़ा डंप करने जाते है. स्थानीय लोग कर्मचारियों से बोले भी है.
काली स्थान मोड़ के पास जमींदोज
शहर में काली स्थान मोड़ पर स्वच्छता का होर्डिंग जमींदोज हो गया है. बाकी कोर कसर स्थानीय लोगों ने पूरी की और उसके ऊपर से कूड़ा फेंक दिया. यह अब भी जारी है. जबकि, इसी रास्ते से होकर जिले के बड़े-बड़े अधिकारियों का आना-जाना होता है. इसके बाद भी होर्डिंग का दुर्दशा समझ से परे है.
निजी स्वार्थ के लिए फाड़ दिया गया होर्डिंग
संत पॉल्स मोड़ पर मजार के समीप निजी लाभ के लिए फुटपाथी दुकानदार होर्डिंग को फाड़ दिये है. ताकि, उस स्टैंड पर अपना होर्डिंग या उसके आड़ में अपना दुकान लगाते रहे. अगर प्रशासन सजग होता, तो सरकार का हजारों रुपये बर्बाद होने से बच जाते.
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