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फिर आ गयी चिट्ठी और रुक गया कार्यपालक पदाधिकारी का तबादला
इओ को हटाने के लिए 30 पार्षदों के सर्वसम्मत निर्णय को फिर लगा झटका सासाराम कार्यालय : फिर चिट्ठी आयी और कार्यपालक पदाधिकारी का तबादला रुक गया. करीब तीन माह से नगर पर्षद में कार्यपालक पदाधिकारी (इओ) के तबादले को लेकर खेल चल रहा है. 24 अगस्त को स्थानांतरण के बाद योगदान करने आयी परसा […]
इओ को हटाने के लिए 30 पार्षदों के सर्वसम्मत निर्णय को फिर लगा झटका
सासाराम कार्यालय : फिर चिट्ठी आयी और कार्यपालक पदाधिकारी का तबादला रुक गया. करीब तीन माह से नगर पर्षद में कार्यपालक पदाधिकारी (इओ) के तबादले को लेकर खेल चल रहा है. 24 अगस्त को स्थानांतरण के बाद योगदान करने आयी परसा बाजार (सारण) की कार्यपालक पदाधिकारी कुमारी हिमानी कलेक्ट्रेट में जिलाधिकारी से मिलने का इंतजार करती रहीं और चंद घंटों में ही सासाराम नगर पर्षद के कार्यपालक पदाधिकारी मनीष कुमार का तबादला रुकने की चिट्ठी आ गयी. फिर क्या था?
योगदान करने आयीं इओ को बैरंग परसा बाजार लौटना पड़ा, क्योंकि नगर विकास एवं आवास विभाग के निदेशक के पत्र में उन्हें अगले आदेश तक वहीं रहने का आदेश दिया गया है. पत्र की सूचना मिलते ही उन पार्षदों में मायूसी छा गयी, जो इओ को हटाने के लिए निर्णय लेने के बाद से उनके तबादले का इंतजार कर रहे थे.
चार माह से चल रहा तबादले का खेल
नयी नगर सरकार का गठन 10 जून को हुआ था. इसके बाद से ही नयी नगर सरकार व नगर कार्यपालक पदाधिकारी में शीतयुद्ध जारी हो गया. स्थिति तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में रही. इस बीच 30 जून 2017 को इओ का तबादला हो गया. उनकी जगह नये इओ प्रह्लाद लाल को आना था.
आज आयेंगे, कल आयेंगे कि स्थिति के बीच 18 जुलाई 2017 को खबर आयी उनको वित्तीय अनियमितता के कारण सासाराम नहीं भेजा जायेगा. मनीष कुमार के तबादले पर स्टे लग गया. 10 अगस्त 2017 को 40 में से 30 पार्षदों ने सर्वसम्मत से बहुमत के साथ इओ को हटाने का निर्णय लिया. तब से 24 अक्तूबर तक आज तबादला होगा, तो कल होगा कि अटकलें लगती रहीं. 24 अक्तूबर को तबादले का पत्र आया और 31 अक्तूबर को स्टे का पत्र आया.
निर्वाचन आयोग की सहमति बना स्टे का कारण
गत 24 अक्तूबर को नगर विकास एवं आवास विभाग ने सासाराम नगर पर्षद कार्यपालक पदाधिकारी को परसा बाजार व परसा बाजार की कार्यपालक पदाधिकारी को सासाराम स्थानांतरित किया था.
तब से परसा बाजार की कार्यपालक पदाधिकारी के आने का इंतजार हो रहा था. मंगलवार को वह करीब दो बजे सासाराम पहुंचीं. जिलाधिकारी से कलेक्ट्रेट में करीब दो घंटे के इंतजार के बाद मुलाकात हुई. इसी बीच नगर विकास एवं आवास विभाग के निदेशक सह अपर सचिव भरत झा का पत्र (दिनांक 31 अक्टूबर 2017 पत्रांक 7077) आ पहुंचा, जिसमें स्पष्ट कहा गया है कि दोनों कार्यपालक पदाधिकारियों का स्थानांतरण व पदस्थापन का कार्यान्वयन निर्वाचन आयोग की सहमति प्राप्त होने तक स्थगित किया जाता है. पत्र आने के बाद दोनों इओ की नगर पर्षद में मुलाकात हुई. पत्र देखने की औपचारिकता पूरी हुई और फिर चार्ज लेने की बात गौंण हो गयी.
प्रभात खबर ने पहले ही किया था अागाह
24 अक्तूबर को कार्यपालक पदाधिकारी के स्थानांतरण की सूचना पर प्रभात खबर ने आगाह किया था कि दोनों खेमों में बड़े-बड़े महारथी हैं, जिनकी पहुंच पटना की राजनीति से लेकर प्रशासनिक गलियारों तक है. कार्यपालक चले जाये, तभी माना जायेगा कि उनका तबादला हो गया.
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