अनदेखी. वाहनों के ठोकर से टूट रहा जीटी रोड का डिवाइडर
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लाखों खर्च, बुझीं लाइटें
अनदेखी. वाहनों के ठोकर से टूट रहा जीटी रोड का डिवाइडर घोटाला उजागर होने के बाद नगर पर्षद ने नहीं उठाया कोई कदम सासाराम कार्यालय : यह सही है कि शहर को सुंदर दिखने में पुराने जीटी रोड के डिवाइडर व उसपर लगे डेकोरेटेड लैंप पोस्ट प्रमुख भूमिका निभाते हैं. जिस समय लाइटें लगायी गयी […]
घोटाला उजागर होने के बाद नगर पर्षद ने नहीं उठाया कोई कदम
सासाराम कार्यालय : यह सही है कि शहर को सुंदर दिखने में पुराने जीटी रोड के डिवाइडर व उसपर लगे डेकोरेटेड लैंप पोस्ट प्रमुख भूमिका निभाते हैं. जिस समय लाइटें लगायी गयी थी, उस समय इनकी चकाचौंध में शहर के लोग अन्य समस्याओं को नजर अंदाज कर दिये थे. लेकिन, जब डिवाइडर से वाहन टकराने लगे, तो लोगों चिंता बढ़ने लगी.
मामले की छानबीन होने लगी, तो बड़ा घोटाला उजागर हुआ. घोटाला के उजागर होते ही, नगर पर्षद इस ओर देखना लगभग बंद कर दिया और वाहनों के टक्कर से डिवाइडर टूटते रहे. नगर पर्षद केवल सावधानी की बोर्ड लगाती रही. धारासायी होते डेकोरेटेड लैंप पोस्ट कबाड़ में रखे जाते रहे.
नहीं जलते आधे से अधिक लैंप पोस्ट : वर्ष 2014-15 में सिविल लाइंस मुहल्ले से लेकर रेलवे मालगोदाम के सामने तक पुराने जीटी रोड पर डिवाइडर बना. डिवाइडर पर डेकोरेटेड लैंप पोस्ट लगाया गया. लैंप पोस्ट की बिजली को लेकर कुछ दिनों तक झिक-झिक होते रही. इसके बाद बिजली मिली व शहर की सड़कें चमक उठी. हालांकि, कुछ दिनों बाद दुर्घटना में टूटते पोलों के कारण लैंपों में खराबी आते रही. आलम यह हुआ कि शायद ही कभी ऐसा अवसर आया हो, जब सभी लैंप एक साथ रोशन होते हों. कभी धर्मशाला, तो कभी सिविल लाइंस, तो कभी कचहरी के पास लैंप बूझे रहते हैं, जिसके कारण लोगों को रात में सड़क पर चलने में मुश्किल होता है.
डिवाइडर पर लगे डेकोरेटेड लैंप पोस्ट की कम हो रही संख्या
टूटे डिवाइडर की नहीं होती मरम्मत
काली मंदिर से लेकर डीएसपी निवास तक डिवाइडर का मामला फंसा रहा. किसने बनवाया आज तक नगर पर्षद नहीं बता सकी. हालांकि, उक्त निर्माण का भुगतान भी नहीं हुआ है. लेकिन, त्रुटीपूर्ण निर्माण के कारण काली मंदिर व डीएसपी निवास के सामने वाहन डिवाइडर से टकराते रहे हैं. दोनों छोरों पर वाहनों के टकराने से डिवाइडर की लंबाई घटती गयी और इसके साथ ही लैंप पोस्ट भी हटते गये. करीब चार माह पहले कचहरी के सामने ट्रक के दुर्घटना ग्रस्त होने पर एक साथ चार डेकोरेटेड लैंप पोस्ट धारासायी हो गये थे.
घोटाले के कारण नहीं लग रहा नया लैंप
डेकोरेटेड लैंप की खरीद में घोटाले का आरोप लगने के कारण नगर पर्षद जनहित में रोशनी के लिए थोड़ी बहुत मरम्मत करा देती है. लेकिन, खाली पड़े स्थानों पर नया लैंप पोस्ट नहीं लगाती. इसके अलावे टूटते डिवाइडरों को भी उनके पुराने स्थान तक निर्माण नहीं कराती. डिवाइडरों के टूटने पर वहां सावधानी का बोर्ड जरूर लगा देती है. इसके बाद भी वाहन डिवाइडर से टकरा दुर्घटना ग्रस्त हो जाते हैं.
कोर्ट में चल रहा मामला
डेकोरेटेड लैंप पोस्ट लगाने व डिवाइडर निर्माण का कार्य मेरे कार्यकाल से पहले का है. चुकी मामला कोर्ट में चल रहा है, इस लिए कोई नया कार्य इसमें कराना संभव नहीं है. इसके बावजूद नगर पर्षद से रोशनी के लिए लैंपों की मरम्मत समय-समय पर करायी जाती है.
मनीष कुमार, इओ, नगर पर्षद
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