पूर्णिया : वर्ष 2017-18 के लिए पेश आम बजट की खासियत यह रही कि 92 साल बाद देश में आम बजट में ही रेल बजट को समाहित कर दिया गया. दूसरी खासियत यह रही कि बजट अपने समय से एक महीने पहले पेश किया गया. प्रभात खबर ने पेश बजट को लेकर समाज के विभिन्न तबके के लोगों से बातचीत कर बजट के बारे में उनकी राय जानने की कोशिश की. प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए किसी ने इसे बेहतर भविष्य का बजट बताया, तो किसी ने छलावा.
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नोटबंदी के बाद बजट से अपेक्षा रखनेवाले को निराशा : सांसद
पूर्णिया : वर्ष 2017-18 के लिए पेश आम बजट की खासियत यह रही कि 92 साल बाद देश में आम बजट में ही रेल बजट को समाहित कर दिया गया. दूसरी खासियत यह रही कि बजट अपने समय से एक महीने पहले पेश किया गया. प्रभात खबर ने पेश बजट को लेकर समाज के विभिन्न […]
सांसद संतोष कुशवाहा ने कहा कि यह आम बजट नहीं, खास बजट है. बजट में बिहार की पूरी तरह उपेक्षा की गयी है और रेल बजट तो महज खाली बोतल साबित हुआ है. बिना आधारभूत संरचना विकसित किये कैशलेश का प्रावधान किया जाना गांव के गरीब लोगों के साथ मजाक है. यह बजट किसान व मजदूर विरोधी है. नोटबंदी के बाद जो लोगों ने अपेक्षा पाल रखी थी, उसमें केवल निराशा ही हाथ लगी है.
विधायक लेसी सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार अब तक केवल सपना ही बेचती रही है. इस बजट के माध्यम से भी केवल सपना ही बेचा गया है. बजट का जमीनी हकीकत से कोई लेना-देना नहीं है.
टैक्स स्लैब में मामूली छूट दी गयी है, जिससे कोई लाभ मिलने वाला नहीं है. बजट में खासकर बिहार की उपेक्षा की गयी है. बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए था, ऐसा नहीं किया गया और न ही विशेष पैकेज ही दिया गया. कुल मिला कर बजट छलावा से हट कर कुछ भी नहीं है.
कांग्रेस नेता वीके ठाकुर ने कहा कि आम बजट केवल खास लोगों का बजट है. नोटबंदी के बाद बजट में रोजगार पर फोकस किये जाने की उम्मीद युवाओं को थी, जिससे उन्हें निराशा हाथ लगी है. किसानों के लिए इस बजट में दूर-दूर तक कोई उम्मीद नजर नहीं आती है. रेल बजट में भी बिहार की पूरी तरह उपेक्षा हुई है. राजनीतिक दलों के चंदे को पारदर्शी बनाने की कोशिश की गयी है, जो सराहनीय है. टैक्स स्लैब में छूट तो मिली है, लेकिन इसका दायरा बढ़ना चाहिए था.
कांग्रेस नेता कुमार आदित्य ने कहा कि यह बजट पूरी तरह गरीब विरोधी है. खासकर बिहार के लिए बजट में किसी प्रकार का प्रावधान नहीं होना निराशाजनक है. रेल बजट का अस्तित्व ही समाप्त कर दिया गया है, जो कहीं से जायज नहीं है. रेल के मामले में सीमांचल के लोग हाशिये पर हैं. आयकर छूट सीमा बढ़नी चाहिए थी, जो अधूरी रह गयी. किसानों के लिए यह बजट पूरी तरह निराशाजनक है.
जदयू नेता आमोद मंडल ने आम बजट को हवा-हवाई बताते हुए कहा है कि शेरो-शायरी के रास्ते विकास की यात्रा पूरी नहीं की जा सकती है. यह केवल आंकड़ों और खोखले शब्दों की बाजीगरी है. इस प्रकार इस बजट में कोई संदेश नहीं है. बजट में न तो किसानों के लिए ही कुछ ठोस नजर आ रहा है और न ही युवाओं के रोजगार के लिए कोई खाका पेश किया गया है. रेलवे को लेकर लोगों ने जो उम्मीद पाल रखी थी, वह पूरी तरह धराशायी हो गयी.
शिक्षक डाॅ अनिल कुमार सिंह कहते हैं कि आम बजट समाज के हर वर्ग के लोगों को ध्यान में रख कर पेश किया गया है. इस बजट से मध्यम वर्ग के लोगों को सबसे अधिक लाभ मिलेगा. कैशलेश ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए कई उपाय किये गये हैं, जो पूरी तरह देशहित में हैं. यह बजट भविष्य का बजट है.
जिला अधिवक्ता संघ के उपाध्यक्ष दिलीप कुमार दीपक ने कहा कि आम बजट में गरीबों के हित का खास ख्याल रखा गया है. एक करोड़ परिवार को गरीबी रेखा से बाहर लाने का संकल्प सराहनीय है. वरिष्ठ नागरिकों के लिए आधार आधारित हेल्थ स्मार्ट कार्ड, इनकम टैक्स की सीमा बढ़ाना, किसान बीमा योजना, फसल बीमा योजना का दायरा बढ़ाना आदि कई ऐसे सराहनीय कदम हैं, जिसके दूरगामी परिणाम शीघ्र ही नजर आयेंगे. यह बजट विकासोन्मुख है.
जिला कांग्रेस कमेटी के महासचिव गौतम वर्मा ने कहा कि आम बजट 2017 दिशाहीन, आधारहीन, निराशाजनक व बिना किसी विजन का है. बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने व विशेष पैकेज का वादा करने वाली केंद्र सरकार ने एक बार फिर बिहार के लोगों के साथ विश्वासघात किया है. इसके अलावा गैर भाजपा शासित राज्यों के साथ सौतेला व्यवहार किया गया है. इसकी आशंका पहले से थी. यह बजट पूर्णरूप से अमीरों को फायदा पहुंचाने वाला है.
भाजपा के जिलाध्यक्ष प्रफुल्ल रंजन वर्मा ने कहा कि यह बजट ऐतिहासिक बजट है. बजट में समाज के हर वर्ग का ध्यान रखा गया है. इससे छोटे करदाताओं को बड़ी राहत मिलेगी. यह बजट रोजगार प्रदान करने वाला है और आधारभूत सुविधाएं भी उपलब्ध करायेगा. सामाजिक सुरक्षा को मजबूत करना व स्वास्थ्य सुविधाएं सबको उपलब्ध कराना इसका उद्देश्य है. नि:संदेह इस बजट के बाद विकास व स्थिरता को बढ़ावा मिलेगा. इसके परिणाम भी शीघ्र ही सामने आयेंगे.
जदयू नेता राकेश कुमार ने कहा कि आम बजट कहीं से भी आम जनता के हित में नहीं है. महंगाई व बेरोजगारी इस बजट के बाद बढ़ेगी. नोटबंदी से अर्थव्यवस्था पर जो नकारात्मक प्रभाव पड़ा है, वह बजट में भी स्पष्ट दिखाई दे रहा है. केंद्र सरकार आज तक सपने बेचने का काम करती रही है और यह बजट भी सपने से ऊपर नहीं उठ पाया है. कालाधन की बात करने वाली केंद्र सरकार ने इस बजट में कालाधन की चर्चा तक नहीं की है, जो कालाधन की हकीकत बयां करता है.
उद्यमी पंकज नायक ने कहा कि आम बजट बेहतर भविष्य का बजट है. किसानों के लिए इस बजट में कई अहम घोषणाएं की गयी हैं. मनरेगा के लिए 48,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया जाना साबित करता है कि केंद्र सरकार को गांव के गरीबों की चिंता है. योजना के तहत गांवों में 10 लाख तालाब बनेंगे, जिससे किसानों को ही लाभ होगा. यह पहला ऐसा बजट है, जिसमें हर श्रेणी के करदाता को राहत पहुंचायी गयी है. इस बजट में सबका साथ और सबका विकास छिपा हुआ है.
जन अधिकार पार्टी युवा परिषद के प्रवक्ता राजेश यादव ने कहा कि आम बजट और रेल बजट दोनों में बिहार समेत सीमांचल की उपेक्षा की गयी है. आम बजट ने युवाओं को पूरी तरह निराश किया है, क्योंकि इसमें युवाओं को रोजगार की बात नहीं कही गयी है. हमेशा जुमलेबाजी करने वाली सरकार के बजट में भी जुमलेबाजी ही नजर आ रही है. लोगों को उम्मीद थी कि रेल बजट से कोसी-सीमांचल को कुछ लाभ मिलेगा, लेकिन रेल बजट तो ढूंढ़ने से भी नहीं मिल रहा है.
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