पूर्णिया : गुलाबबाग अवैध खाद प्रकरण के छह दिन बीत चुके हैं और अब तक की कार्रवाई सिफर ही कही जा सकती है. कृषि विभाग थाना में आवेदन सौंप कर अपने कर्तव्य की इतिश्री मान चुका है और जैसा कि अक्सर ऐसे मामले में होता है, पुलिस अपनी धुन में मस्त है. हैरानी की बात यह है कि खाद जैसे गंभीर मुद्दे पर जिससे लाखों किसान के भविष्य जुड़े हुए हैं,
मामले में केवल खानापूर्ति ही हो रही है. यह सवाल इसलिए लाजिमी है कि अब तक न तो मिथिला ट्रेडर्स के प्रोपराइटर के खिलाफ कार्रवाई हुई है और न ही वह मोबाइल वाला शख्स परदे से बाहर आया है, जिसकी जोर-शोर से चर्चा हो रही है. अगर सचमुच में अनुसंधान हो रहा है तो मास्टरमाइंड के बेनकाब होने की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता है. यह अलग बात है कि कृषि विभाग और पुलिस से उलट राजनीतिक दलों के इस मामले में तेवर तल्ख बने हुए हैं.
राजनीतिक दलों के तेवर हुए तल्ख : खाद प्रकरण को लेकर राजनीतिक घमासान भी मचा हुआ है. जिला राजद अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा है कि खाद प्रकरण को लेकर पार्टी द्वारा 03 अक्टूबर को जिला मुख्यालय में धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया है. इसमें नकली खाद के कारोबार से जुड़े गुनाहगारों की गिरफ्तारी की मांग की जायेगी. श्री कुमार ने बताया कि 29 सितंबर को वे पार्टी अध्यक्ष लालू प्रसाद से भी मिल कर वस्तुस्थिति से अवगत करायेंगे. वहीं नगर जदयू के प्रवक्ता अजीत भगत ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि नीरज ट्रेडिंग को खाद मामले में बचाने की कोशिश की जा रही है. बीएओ द्वारा लिखित आवेदन के बावजूद नीरज ट्रेडिंग के प्रोपराइटर नीरज खेमका के खिलाफ मामला दर्ज नहीं होना संदेहास्पद है. कहा कि विधायक पुत्र-पिता को आड़ बना कर खाद के गोरखधंधे में लिप्त हैं. अगर कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन िकया जायेगा.
मामले की लीपापोती में जुटे हैं खिलाड़ी
जैसे-जैसे दिन गुजर रहा है, नकली खाद के शातिर खिलाड़ी अपनी शतरंज की िबसात पर रोज नया दावं खेल रहे हैं. इन खिलाड़ियों को खाद प्रकरण में कृषि विभाग की चुप्पी और पुलिस की शिथिल पड़ी कार्रवाई रास्ता दिखा रही है. जाहिर है यह चुप्पी और खामोशी अनायास ही नहीं पैदा हुई है. खाद की जब्ती के बाद से ही इसके लिए लगातार प्रयास किये जा रहे थे. सूत्र तो बतला रहे हैं कि सब कुछ मैनेज हो चुका है.
काला कारोबार का रहा है पुराना इतिहास : नकली और अवैध खाद का कारोबार गुलाबबाग में हमेशा से चलता रहा है. सूत्र तो दावा करते हैं कि महज दो दिन पहले भी इसी तरह की एक खेप गुलाबबाग आयी थी. जब्त ट्रक के ड्राइवर ने भी अपने फर्द बयान में स्पष्ट रूप से कहा है कि उसे जो चालान दिया गया और जो बताया गया, उसके अनुसार गुलाबबाग में ही खाद की गाड़ी को अनलोड किया जाना था. ड्राइवर की बात इसलिए भी सच लगती है कि अगर खाद को गुलाबबाग में अनलोड नहीं किया जाना था तो तीन दिनों तक गुलाबबाग में ही गाड़ी क्यों खड़ी रखी जाती. दूसरा सवाल यह भी है कि अगर खाद गुलाबबाग से जुड़ा हुआ नहीं था तो मोबाइल वाला शख्स गुलाबबाग में क्यों मौजूद था. सवाल और भी कई हैं, लेकिन इसका जवाब न तो पुलिस के पास और न ही कृषि विभाग के पास है.
जांच में जो तथ्य आयेंगे सामने, उसी पर कार्रवाई
खाद प्रकरण में पुलिस पूरी तत्परता से अनुसंधान कर रही है. अनुसंधान में जो भी तथ्य सामने आयेंगे, उसके अनुसार कार्रवाई की जायेगी. मोबाइल वाले शख्स के बाबत भी तकनीकी अनुसंधान किया जा रहा है.
राजकुमार साह, सदर एसडीपीओ, पूर्णिया