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दो मजदूर भाग कर पहुंचे घर

परिजनों की आखें छलकीं. मुक्त कराये गये महाराष्ट्र में बंधक बने पांच लोग रजीगंज पंचायत के साहेब महादलित कामत टोला में सोमवार को जमकर खुिशयां बरसीं. महीनों से महाराष्ट्र ले जाकर वहां बंधक बनाये गये सात बाल मजदूरों में पांच को पुिलस छुड़ा लायी, जबकि दो पहले ही वहां से भाग आये थे. पूर्णिया / […]

परिजनों की आखें छलकीं. मुक्त कराये गये महाराष्ट्र में बंधक बने पांच लोग

रजीगंज पंचायत के साहेब महादलित कामत टोला में सोमवार को जमकर खुिशयां बरसीं. महीनों से महाराष्ट्र ले जाकर वहां बंधक बनाये गये सात बाल मजदूरों में पांच को पुिलस छुड़ा लायी, जबकि दो पहले ही वहां से भाग आये थे.
पूर्णिया / रानीपतरा :मुफस्सिल थाना क्षेत्र के रजीगंज पंचायत के साहेब महादलित कामत टोला के लोगों के लिए सोमवार दोहरी खुशी लेकर आया. सबसे पहले बंधक बने मजदूरों में से 02 पप्पू ऋषि और संजय ऋषि भाग कर घर पहुंचा. वहीं दूसरी ओर मुफस्सिल थानाध्यक्ष अमित कुमार के नेतृत्व में कोल्हापुर के कागले पहुंची पुलिस की विशेष टीम ने श्रीलक्ष्मी सर्विस लोहा फैक्ट्री से शेष 05 बंधक बने मजदूरों को मुक्त करा लिया है. सूचना मिलते ही महादलित टोला में जश्न का माहौल छा गया है. लोगों ने एक दूसरे से गले मिल कर खुशी का इजहार किया.
पुलिस द्वारा मुक्त कराये गये मजदूरों में मोनू ऋषि, गुलशन ऋषि, मुन्ना ऋषि, विकास ऋषि और अमर ऋषि शामिल है. गौरतलब है कि प्रभात खबर में 01 सितंबर को ‘ महाराष्ट्र में बंधक बने हैं पूर्णिया के सात मजदूर ‘ शीर्षक से खबर प्रकाशित हुई थी. जिसके बाद एसपी निशांत कुमार तिवारी के निर्देश पर विशेष टीम गठन कर मजदूरों की रिहाई के लिए कोल्हापुल भेजा गया था. इस बाबत थाना कांड संख्या 330/16 दर्ज किया गया था. सोमवार को गांव पहुंचे पप्पू ऋषि और संजय ऋषि ने बंधक बने रहने के दौरान ठेकेदार और फैक्ट्री मालिक द्वारा बेइंतहा जुल्म किये जाने की बात कही. पप्पू ऋषि ने बताया कि उन लोगों को भर पेट भोजन नहीं दिया जाता था और 16 से 18 घंटे काम लिया जाता था.
बताया कि बरसौनी निवासी करण ऋषि और केनगर निवासी दिलीप उन लोगों को महाराष्ट्र के कागले ले गया था. वहां ले जाकर बरसौनी निवासी रिंकू ऋषि के हवाले कर दिया. इन लोगों ने फैक्ट्री मालिक से 03 लाख रूपये अग्रिम के रूप में ले लिया. कहा कि काम से इनकार करने पर या भोजन मांगने पर फैक्ट्री मालिक और उनके लठैतों द्वारा चमड़े के चाबुक से पिटाई की जाती थी. जबकि संजय ऋषि ने बताया कि वे लोग दाने-दाने के मोहताज थे और पैसे मांगने पर ठेकेदार और मालिक दोनों द्वारा पिटाई की जाती थी. पप्पू ऋषि और संजय ने बताया कि दो सप्ताह पहले वे लोग फैक्ट्री की दीवार कूद कर भाग गये और बेलापुर पहुंचा.
बेलापुर में कुछ दिनों तक निर्माण कार्य में मजदूर के रूप में काम किया और जब 02 हजार रूपये जमा हो गये तो घर के लिए प्रस्थान किया. पप्पू ने बीते दिनों को याद करते हुए कहा ‘ जान बची गयी, यही बड़ी बात है. अब जिंदगी में कभी वापस नहीं जायेंगे ‘ . वहीं पप्पू ऋषि के पिता दिलचंद ऋषि ने कहा कि आज उनका बेटा घर आ गया है. इससे बड़ी खुशी की बात और क्या हो सकती है. वे ईश्वर से कामना करते हैं कि सभी लोग सकुशल घर वापस आ जाये.
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विकास, गुलशन और मोनू को महाराष्ट्र के गोकुल तिड़वा से बरामद किया गया. जबकि मुन्ना और अमर को कोल्हापुर स्थित बासको इंजीनियरिंग से बरामद किया गया. वहीं मिली जानकारी के अनुसार पुलिस टीम सभी मुक्त कराये गये 05 मजदूरों को लेकर सोमवार की रात पूर्णिया के लिए रवाना हो गयी है.
प्रभात खबर में छपी थी खबर
दो बंधक बना मजदूर पहले ही रवाना हो गया था. जबकि शेष पांच को पुलिस टीम ने बरामद कर लिया है. सभी मजदूरों के साथ पुलिस टीम पूर्णिया के लिए प्रस्थान कर गयी है.
निशांत कुमार तिवारी, एसपी, पूर्णिया

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