स्कूल पंजीयन. ताक पर आदेश, िबना पंजीयन वाले स्कूलों पर होगा जुर्माना
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स्कूल पंजीयन. ताक पर आदेश, िबना पंजीयन वाले स्कूलों पर होगा जुर्माना िजले में िबना पंजीयन के संचालित हो रहे स्कूलों पर िवभागीय शिकंजा कसने जा रहा है. िशक्षा िवभाग ने एक अप्रैल से ही िबना पंजीयन वाले स्कूलों पर प्रतिदिन के हिसाब से 10 हजार रुपये जुर्माना लगाने का आदेश जारी िकया था, पर […]
िजले में िबना पंजीयन के संचालित हो रहे स्कूलों पर िवभागीय शिकंजा कसने जा रहा है. िशक्षा िवभाग ने एक अप्रैल से ही िबना पंजीयन वाले स्कूलों पर प्रतिदिन के हिसाब से 10 हजार रुपये जुर्माना लगाने का आदेश जारी िकया था, पर वह आदेश ठंडे बस्ते में चला गया.
01 अप्रैल से होना था आदेश का पालन हर दिन होना था 10 हजार जुर्माना
प्राथमिक शिक्षा निदेशक की ओर से निजी स्कूलों के पंजीयन को लेकर नियमित अंतराल पर आदेश निर्गत होते रहे हैं. इस साल भी इस बाबत निर्देश जारी किया गया था. जिसमें आदेश को 01 अप्रैल से प्रभावी बताया गया था. निदेशक ने कहा था कि 01 अप्रैल तक जिन स्कूलों ने पंजीयन के लिए आवेदन नहीं किया है, सभी को नोटिस निर्गत कर जुर्माना की प्रक्रिया आरंभ की जाये. आदेश के अनुसार बिहार राज्य बच्चों की मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा नियमावली 2011 के तहत पंजीयन के लिए आवेदन नहीं करने वालों को प्रतिदिन 10 हजार रुपये का जुर्माना करना था. वहीं विभागीय अधिकारियों को नियमित तौर पर पंजीकृत स्कूलों की जांच करनी थी. लेकिन इसका अनुपालन जिला में नहीं किया गया. यहां तक की पंजीयन को लेकर भी जिले का शिक्षा विभाग उदासीन ही रहा है.
पूर्णिया : बिना मानक के विद्यालय संचालन मामले में जिला शिक्षा विभाग अब खुद विवादों में घिर चुका है. इसकी मूल वजह यह है कि विभागीय आदेश के बावजूद जिले का शिक्षा महकमा इसके अनुपालन के प्रति उदासीन रहा है. जिले में कुल 104 निजी स्कूल शिक्षा विभाग से पंजीयन प्राप्त हैं. जबकि 26 स्कूल प्रत्याशा सूची में शामिल हैं. इन स्कूलों को शिक्षा विभाग पंजीयन निर्गत करने पर विचार कर रहा है. इसके अलावा पंजीकृत व प्रत्याशा सूची सहित कुल 319 स्कूल ऐसे हैं, जिन्होंने पंजीयन के लिए आवेदन किया है. जबकि एक अनुमान के मुताबिक अकेले जिला मुख्यालय में 200 से अधिक निजी स्कूल संचालित हैं. अधिकतर स्कूलों ने अब तक पंजीयन के लिए आवेदन तक नहीं किया है. विभागीय प्रावधान के अनुसार ऐसे स्कूलों को रोजाना 10 हजार रुपये का जुर्माना करना है. इससे पूर्व सक्षम पदाधिकारी अर्थात जिला शिक्षा पदाधिकारी के स्तर से सभी को नोटिस निर्गत किया जाना है.
तीन सदस्यीय कमेटी को कराना है अनुपालन : निजी विद्यालयों के पंजीयन को लेकर जिला स्तर पर तीन सदस्यीय कमेटी गठित है. जिला शिक्षा पदाधिकारी मो मंसूर आलम की अध्यक्षता में गठित इस कमेटी में सर्वशिक्षा डीपीओ विजय कुमार झा सचिव हैं. जबकि जिलाधिकारी की ओर से जिला पंचायती राज पदाधिकारी (वरीय उप समाहर्ता) कुमार विवेकानंद समिति के मनोनीत सदस्य हैं. स्कूलों को पंजीयन निर्गत करने से लेकर कार्रवाई तक की जिम्मेवारी इसी समिति की है. इसमें विशेष जिम्मेवारी बतौर सचिव डीपीओ श्री झा की है. वहीं सभी सदस्यों को पंजीकृत स्कूलों का नियमित निरीक्षण कर यह सुनिश्चित करना है कि स्कूल निर्धारित मानकों का उल्लंघन न करें. कार्रवाई के पूर्व प्रस्तावना कमेटी की बैठक में ही लिया जाना है.
तीन माह में निर्गत करना है पंजीयन संख्या : आवेदित 319 में से जिला शिक्षा विभाग की ओर से महज 104 स्कूलों को अब तक पंजीयन संख्या निर्गत किया गया है. जबकि 26 अन्य स्कूलों को प्रत्याशा सूची में रखा गया है. वहीं प्रावधानों के अनुसार समिति को आवेदन के तीन माह के अंदर पंजीयन संख्या निर्गत करना है. इससे पूर्व अधिकारियों को स्कूल की स्थलीय जांच करनी है. मानकों में कमी पाये जाने पर स्कूल को उसे पूरा करने के लिए लिखित पत्र निर्गत करना है. इसके लिए स्कूल को तीन साल तक का समय दिया जा सकता है. हालांकि इस पर अंतिम निर्णय समिति को ही लेना है. तीन साल के अंदर मानकों को पूरा नहीं करने पर आवेदक को संस्थान बंद करना होगा. लेकिन जिला शिक्षा विभाग में कई आवेदन ऐसे हैं, जिन्हें दो वर्ष से भी अधिक का समय गुजर गया है, लेकिन आवेदन पर कोई विचार नहीं हो सका है. जाहिर है यहां सब कुछ राम भरोसे चल रहा है.
बिना पंजीयन वाले स्कूलों को करना है प्रतिदिन 10 हजार का जुर्माना
जिले में 104 स्कूलों को ही प्राप्त है पंजीयन
पंजीकृत सहित कुल 319 स्कूलों ने किया है आवेदन
01 अप्रैल से लागू होना था विभागीय आदेश
अनिवार्य शिक्षा नियमावली 2011 के तहत होना है जुर्माना
तीन सदस्यीय कमेटी को कराना है अनुपालन
बरती जायेगी सख्ती लगाया जायेगा जुर्माना
निदेशक के आदेश का अनुपालन हर हाल में सुनिश्चित कराया जायेगा. आवेदित स्कूलों पर शीघ्र विचार व बिना आवेदित स्कूलों के विरुद्ध जुर्माना के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी को लिखा जायेगा. ऐसे स्कूलों के खिलाफ सख्ती से निबटा जायेगा.
डा चंद्रप्रकाश झा, क्षेत्रीय शिक्षा
उप निदेशक, पूर्णिया
मानकविहीन स्कूलों को किया जाना चािहए बंद
विभाग को शीघ्र ही आवेदित स्कूलों के आवेदन पर विचार करना चाहिए. मानक विहीन स्कूलों को बंद किया जाना चाहिए. ताकि किसी प्रकार का कोई विवाद न हो. एसोसिएशन इसमें सहयोग के लिए पूरी तरह तैयार है.
उदयशंकर प्रसाद सिंह, अध्यक्ष, प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन, पूर्णिया
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