पूर्णिया : वा कंपनी का एरिया मैनेजर प्रवीण सिन्हा न केवल शातिर है, बल्कि सनकी भी है. अब तक के पुलिसिया अनुसंधान में भले ही पति प्रवीण सिन्हा ही खुश्बू के हत्यारे के रूप में सामने आ रहा है, लेकिन वक्त बढ़ने के साथ पुलिस की उलझनें भी बढ़ती जा रही हैं. खास बात यह है कि तमाम कवायद के बावजूद पुलिस रविवार की रात पूछताछ में प्रवीण से बहुत कुछ हासिल नहीं कर सकी. पूछताछ के दौरान प्रवीण के अजीबो-गरीब व्यवहार भी सामने आये.
जानकारों की मानें तो प्रवीण ने पुलिस को बरगलाने की हरसंभव कोशिश की है. अब पुलिस की सारी निगाह फोरेंसिक जांच पर जा टिकी है. वहीं स्थानीय पुलिस वैज्ञानिक अनुसंधान में भी जुटी हुई है और संभावना जतायी जा रही है कि शीघ्र ही पूरे मामले का सनसनीखेज खुलासा हो जायेगा.
प्रवीण के भाई पवन पर टिकी है निगाह : सूत्रों की मानें तो प्रवीण का छोटा भाई पवन जो किशनगंज में बैंक कर्मी है, प्रत्येक शनिवार की रात में प्रवीण के आवास शिवाजी कॉलोनी आकर रहता था और सोमवार की सुबह वापस चला जाता था. खुशबू की हत्या शनिवार की रात में हुई. हत्या की स्थिति से स्पष्ट है कि किसी एक व्यक्ति ने खुशबू की हत्या गला रेत कर की हो, संभव नहीं है. पुलिसिया जांच भी इस ओर इंगित कर रहा है कि घर में प्रवीण व खुशबू के अलावा कई अन्य शख्स भी मौजूद था. दूसरे कमरे में टेबुल पर तीन ग्लास में रखा कोल्ड ड्रिंक्स भी इस ओर इशारा करता है.
ऐसी स्थिति में पुलिस पवन के मोबाइल का सीडीआर खंगालने में जुटी है. इस आधार पर शनिवार की देर रात पवन के मोबाइल का टावर लोकेशन का भी पता चल जायेगा कि वह घटना के समय शिवाजी कॉलोनी में मौजूद था अथवा नहीं. पुलिस पवन से संपर्क करने का भी प्रयास कर रही है.
प्रवीण व खुशबू के गायब मोबाइल से होगा राज का खुलासा : प्रवीण व खुशबू के पास एंड्रॉयड मोबाइल था. सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार खुशबू और प्रवीण फेसबुक से भी जुड़े हुए थे. जाहिर है प्रवीण की दवा कंपनी द्वारा दिये गये साधारण मोबाइल जो पुलिस ने बरामद की है, उसमें ऐसी कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है. दोनों के मोबाइल बरामद होने पर हत्या के अगर कोई अन्य कारण हैं तो उसका भी खुलासा हो जायेगा. दहेज हत्या के अलावा प्रेम-प्रसंग की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता है. वह इसलिए कि जिस प्रकार नृशंस तरीके से हत्या हुई है, अमूमन प्रेम-प्रसंग में ही इस प्रकार की हत्या की जाती है. इसी प्रकार प्रवीण व खुशबू के गायब मोबाइल से भी पुलिस को बड़ी मदद मिल सकती है.
फोरेंसिक जांच में मिले अहम सुराग : प्रवीण ने हत्या के लिए सशक्त पटकथा भले ही लिखी हो और हत्या में शातिरों की मदद लिया हो, लेकिन फोरेंसिक जांच के बाद प्रवीण की कलई खुलती नजर आ रही है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार परिस्थितिजन्य साक्ष्य और फोरेंसिक जांच दल से मिले पुख्ता संकेत के बाद ही प्रवीण की गिरफ्तारी सुनिश्चित की गयी.
जानकार बताते हैं कि प्रवीण ने हत्या के वक्त पहने कपड़े को ठिकाना लगा दिया, लेकिन रसोई घर के बेसिन में लगे खून के धब्बे के अलावा प्रवीण के हाथ में बंधे धागे और हाथ में पहनी हुई अंगूठी में भी खुशबू के रक्त के निशान पाये गये हैं. इस प्रकार यह तय हो गया है कि हत्या में प्रवीण की अहम भूमिका थी. अब फोरेंसिक एक्सपर्ट वारदात स्थल पर पाये गये अंगुलियों के निशान से यह पता करने में जुटे हुए हैं कि हत्या में कितने लोग संलिप्त थे और हत्या में उसी चाकू का इस्तेमाल हुआ है, जो बरामद किया गया है अथवा किसी अन्य धारदार हथियार का इस्तेमाल हुआ है. इसके अलावा भी कई ऐसे बिंदु हैं, जिस पर जांच के बाद पूरे मामले का खुलासा हो जायेगा.
मामले में एफआइआर हुआ दर्ज : मृतका खुशबू के भाई गया जिला के वजीरगंज थाना निवासी अमित कुमार के फर्द बयान के आधार पर हत्या मामले में कांड संख्या 299/16 दर्ज किया गया है, जो दहेज हत्या से जुड़ा हुआ है. इसमें पति प्रवीण कुमार सिन्हा के अलावा देवर पवन कुमार सिन्हा को भी अभियुक्त बनाया गया है. गौरतलब है कि प्रवीण और पवन नालंदा जिला के लहेड़ी थाना निवासी हैं. रविवार को पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया है. जबकि हत्यारा पति प्रवीण को सोमवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
पूछताछ में पुलिस के छूटते रहे पसीने शातिराना अंदाज में हुई हत्या
खुशबू हत्याकांड
केहाट थाना के हाजत में रविवार की रात प्रवीण सिन्हा चैन की नींद सोया. हालांकि उसने रात में कुछ नहीं खाया. रविवार को गिरफ्तारी के बाद से लेकर रविवार की रात तक पुलिसिया पूछताछ में कभी भी न तो प्रवीण के चेहरे पर शिकन नजर आयी और न ही पत्नी की मौत का गम नजर आया. वहीं पूछताछ के क्रम में हमेशा प्रवीण ने पुलिस को बरगलाने की कोशिश की. अधिकांश सवाल के जवाब में उसने चुप्पी साधे रखी, जबकि कई बार उन्होंने ऐसे जवाब दिये, जो पुलिस के लिए भी अप्रत्याशित था. पूछताछ में उपस्थित एक अधिकारी ने माना कि प्रवीण न केवल शातिर है, बल्कि सनकी भी है. उसके शातिराना अंदाज को इस प्रकार समझा जा सकता है कि उसने अपनी सुझ-बुझ से हत्या के हर साक्ष्य को मिटाने की हरसंभव कोशिश की. हालांकि वह इसमें पूरी तरह सफल नहीं रहा. हत्या के मौके पर जो परिस्थितिजन्य साक्ष्य पाया गया, उससे पुलिस के अधिकारी भी हैरान हैं. ऐसा प्रतीत होता है कि हत्या की पटकथा पूर्व में ही लिखी जा चुकी थी और इसकी तैयारी भी पूर्व से ही की जा रही थी.
जिस नृशंस तरीके से खुशबू की हत्या की गयी है, उससे स्पष्ट है कि प्रवीण काफी शातिर है. इसमें कोई शक नहीं कि दवा के पेशे में रह कर अर्जित अनुभवों का इस्तेमाल भी उसने हत्याकांड में किया है. इसके अलावा हत्या में किसी अन्य प्रोफेशनल की मदद से भी इनकार नहीं किया जा सकता है. संभावना यह जतायी जा रही है कि नशीली दवा कोल्ड ड्रिंक्स में मिला कर पहले खुशबू को बेहोश किया गया और फिर गला रेत कर उसकी हत्या कर दी गयी. हत्या के दौरान प्रवीण ने टेलीविजन की आवाज तेज रखी, ताकि किसी को कोई शक नहीं हो सके.