कार्रवाई. निविदा में अब बची हैं ग्यारह कंपनी
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दो आउटसोिर्संग कंपनी ब्लैक लिस्टेड
कार्रवाई. निविदा में अब बची हैं ग्यारह कंपनी जिले के पीएचसी में भोजन, जेनरेटर, साफ-सफाई व धुलाई के काम में लगे कंपनियों से प्राप्त निविदा 7 मई को खोली गयी थी, इनमें दो को ब्लैकलिस्टेड कर दिया गया. पूर्णिया : जिले के स्वास्थ्य संस्थानों में भोजन, साफ-सफाई, जेनरेटर व कपड़ा धुलाई के काम में लगे […]
जिले के पीएचसी में भोजन, जेनरेटर, साफ-सफाई व धुलाई के काम में लगे कंपनियों से प्राप्त निविदा 7 मई को खोली गयी थी, इनमें दो को ब्लैकलिस्टेड कर दिया गया.
पूर्णिया : जिले के स्वास्थ्य संस्थानों में भोजन, साफ-सफाई, जेनरेटर व कपड़ा धुलाई के काम में लगे नौ आउट सोर्सिंगिंग कंपनी को विभाग ने इस बार बाहर का रास्ता दिखा दिया है. इसमें दो आउट सोर्सिंगिंग एजेंसी के काम को संतोषजनक नहीं पाये जाने पर जिलापदाधिकारी ने काली सूची में डाल दिया है. वहीं अन्य सात एजेंसियों के पास आवश्यक दस्तावेज नहीं रहने के कारण निविदा के पैनल से बाहर कर दिया गया है.
अब निविदा में महज ग्यारह एजेंसी बच गयी हैं, जिनके भाग्य का फैसला होना है.
दस्तावेजों के अभाव में इन्हें भी रहना पड़ा बाहर : रुचि के अभिव्यक्ति के तहत जमा कुल 20 निविदादाताओं में से सात एजेंसी के पास आवश्यक दस्तावेज नहीं रहने के कारण उनके आवेदनों को अस्वीकृत कर दिया है. इनमें संचेतिका, आकाशगंगा, समर वेलफेयर, अमृता इंटरप्राइजेज, परम वैभव,
मां सीता देवी जन कल्याण संस्थान, लिच्छवी वेलफेयर फाउंडेशन आदि शामिल हैं. इन सात एजेंसियों को अलग अलग कारणों से तकनीकी एवं वित्तीय निविदा से बाहर रखा गया है. इस प्रकार अब मात्र ग्यारह एजेंसी निविदा में शामिल हैं.
एजेंसियों में है असंतोष
निविदा से बाहर निकाली गयी एजेंसियों में भारी आक्रोश है. एक एजेंसी ने प्रमंडलीय आयुक्त को पत्र लिख कर गलत ढंग से निविदा से बाहर रखने का आरोप जिला स्वास्थ्य समिति पर लगाया है. एजेंसी ने स्पष्ट कहा है कि कंडिका 15 के तहत लगाये आरोप निराधार हैं. इसके अलावे भी कई आउट सोर्सिंगिंग एजेंसी ने भी गलत ढंग से निविदा से बाहर किया गया है. कई एजेंसी जिला स्वास्थ्य समिति पर और भी कई प्रकार के आरोप लगा रहे हैं. जिला स्वास्थ्य समिति के इस रवैये से निविदाकर्ताओं में आक्रोश व्याप्त है.
ये कंपनी हुई बाहर
जिले के सदर अस्पताल सहित तमाम पीएचसी में भोजन, जेनरेटर, साफ सफाई व कपड़ा धुलाई के काम में लगे आउट सोर्सिंग एजेंसी से प्राप्त रुचि की अभिव्यक्ति के तकनीकी भाग को 07 मई को खोला गया था. इसमें से दो आउट सोर्सिंग एजेंसी के कार्य संतोषजनक नहीं पाये जाने पर जिलाधिकारी ने अस्वीकृत कर दिया था, जो शनिवार को खुलने वाले रुचि की अभिव्यक्ति वित्तीय भाग में भी शामिल नहीं किया गया. निविदा से बाहर किये जाने वालों में श्रीमती रत्ना रानी दास एवं ए टू जेड प्रोटेक्शन शामिल हैं. ऐसा माना जा रहा है कि कसबा एवं श्रीनगर पीएचसी में सेवाओं में गड़बड़ी के कारण ही उनके आवेदन को अस्वीकृत किया गया है.
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