पूर्णिया : टेंडर के खेल में माहिर नगर निगम की कार्यशैली अजूबा है. घोषणाओं के साथ निविदा और शहर वासियों को स्मार्ट सिटी का दिवा स्वप्न दिखाने वाले निगम ने निविदा के बहाने कई महत्वपूर्ण योजनाओं को फाइलों में लटका कर रख दिया है.
शहर में सफाई को लेकर बनी योजनाबद्ध बजट पर निकला निविदा हो या फिर वार्ड पार्षदों को सरकारी निर्देश पर लैपटॉप देने की बात, शहर में शौचालय की व्यवस्था से लेकर, सफाई के अभाव में फैली गंदगी से उत्पन्न मच्छरों को मारने के लिए फॉगिंग की व्यवस्था सभी के सभी योजनाएं निविदा के भंवर जाल में उलझ कर रह गयी है.
हालात यह है कि किसी में संवेदक नहीं मिला है, तो किसी निविदा में संवेदकों ने पहल की तो अब तक इस पर कोई अमल नहीं हुआ है. दिन, महीने गुजरते चले गये, आम शहरवासी हलकान हैं. लेकिन निगम के अधिकारी इस दिशा में ठोस पहल के बजाय निविदा के बहाने नयी योजनाओं के कार्यान्वयन व नयी-नयी घोषणाओं में व्यस्त दिख रहे हैं.