पूर्णियाः सांप्रदायिक विचारधारा से आम आदमी का भला नहीं होता. यह संकीर्ण सोच का ही परिणाम होता है. हमारे समाज की संरचना विभिन्न जातियों और धार्मिक आस्थाओं पर बनी हुई है. उन आस्थाओं के ऊपर सांप्रदायिक सोच हमला करती रही है. इसलिए पूर्णिया के संदर्भ में जन मानस से अपील है कि धार्मिक उन्माद फैलाने वाले विचारधारा से खुद को अलग रखें.
उक्त बातें अखिल भारतीय कांग्रेस के सचिव सह बंगाल प्रभारी डॉ शकील अहमद खान ने अपने पूर्णिया प्रवास के दौरान कही. उन्होंने कहा कि जहां तक पूर्णिया के विकास का प्रश्न है यहां विकास की गति बहुत धीमी है. पूर्णिया शहर के अंदर ही नगर निगम, बिजली व अस्पताल की व्यवस्था चरमरायी हुई है. अफसरशाही बेलगाम होकर सरकारी पैसों का लूट करती रही है. जिसके ऊपर जनप्रतिनिधि अंकुश लगाने में सक्षम नहीं है. जनप्रतिनिधि खुद भी कहीं न कहीं भ्रष्टाचार के शिकार हुए हैं. उन्होंने कहा कि पिछले दो लोकसभा चुनावों में जिस व्यक्ति को प्रतिनिधित्व करने दिया गया, उसके वादे तो बहुत ही लंबे-चौड़े रहे परंतु वास्तविकता इसके विपरीत रही. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी प्रारंभ से लेकर आज तक जातीय एवं धार्मिक सौहार्द को बढ़ावा देने वाली पार्टी रही है. इसकी छतरी के अंदर तमाम समुदाय के लोग रहे हैं. पार्टी भेदभाव की राजनीति से अलग विकास की राजनीति पर विश्वास करती है. इसलिए पिछले नौ वर्षो में विभिन्न कार्यक्रमों तथा योजनाओं के द्वारा कानून बना कर जनता के हाथ में अधिकार देने का काम किया है. खाद्य सुरक्षा अधिकार एवं भूमि अधिग्रहण बिल दोनों देश के गरीब जनता के हक में है. उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में राजनीति का आपराधिकरण बड़े पैमाने पर हुआ है. आपराधिक चरित्र के लोग, सजायाफ्ता लोग एवं सामाजिक द्वेष फैलाने वाले लोग राजनीति में बड़ी संख्या में आने लगे हैं. इन सबको रोकने के लिए उच्चतम न्यायालय ने एक सार्थक पहल किया है. जिसे लेकर कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने राजनैतिक तौर पर अपनी मजबूत मुहर लगायी है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी एवं कांग्रेस पार्टी का यह सैद्धांतिक कदम राजनीति में आपराधिकरण को बहुत हद तक रोकने का प्रयास करेगा.