पूर्णिया : मांगो के समर्थन में 10 मई को पूर्णिया जिला की सभी दवा दुकानें बंद रहेगी. इस आशय की जानकारी जारी बयान में पूर्णिया डिस्ट्रिक्ट केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के जेनरल सेकेट्री लाल मोहन सिंह ने दी है.
जारी बयान में एसोसिएशन के जेनरल सेक्रेट्री श्री सिंह ने बताया है कि आल इंडिया केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एक्ट 1940 को बदलने की मांग को लेकर 10 मई को राज्य एवं पूर्णिया जिले के सभी दवा दुकानें बंद रहेगी. एवं सभी दवा विक्रेता धरना प्रदर्शन पर बैठेंगे. धरना प्रदर्शन में पूर्णिया जिले के करीब 12 सौ दवा दुकानों (थोक एवं खुदरा) भी शामिल होंगे.
श्री सिंह ने बताया है कि हर दिन 80 से 90 लाख रुपये का कारोबार होता है. पूरे बिहार में दवा दुकानों की संख्या लगभग 40 हजार है और पूरे देश में लगभग 7.5 लाख. एसोसिएशन की मांगों में फार्मेसी एक्ट में बदलाव और दवा दुकानों में फार्मासिस्ट की बाध्यता समाप्त करने की मांग शामिल है. एसोसिएशन का कहना है कि दवा दुकानों में पैक मेडिसीन उपलब्ध होता है जिसके लिए फार्मासिस्टों की जरूरत नहीं है.
एसोसिएशन ने संशोधित नयी दवा नीति 2008 के कानून में संशोधन की मांग की है. श्री सिंह का कहना है कि इसे लागू किया गया तो कई दवाओं पर बंदिश लग जायेगी. इससे आम लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना होगा.
श्री सिंह ने कहा है कि ड्रग एक्ट के वर्तमान प्रारूप में बदलाव होता है तो दवा विक्रेताओं को होने वाले मुनाफे चार से छह प्रतिशत की कमी आयेगी. उन्होंने कहा है कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के दवा क्षेत्र में क्रय विक्रय में आगमन से करीब 25 लाख परिवार तथा एक करोड़ से अधिक जनता प्रभावित होंगे. इसका संगठन पूरजोर विरोध करती है.