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नियमों में बदलाव के बाद अमल पर कवायद शुरू, उल्लंघन करने वालों पर हो रही कार्रवाई

पूर्णिया : ट्रैफिक नियमों में हुए बदलाव के बाद इस पर अमल करने और कराने की कवायद शुरू हो गयी है. पिछले चार दिनों से यह कोशिश की जा रही है कि पूर्णिया में पूरी तरह इसका अनुपालन हो. इस नजरिये से सख्ती बरती जा रही है और जुर्माना भी लगाया जा रहा है. पुलिस […]

पूर्णिया : ट्रैफिक नियमों में हुए बदलाव के बाद इस पर अमल करने और कराने की कवायद शुरू हो गयी है. पिछले चार दिनों से यह कोशिश की जा रही है कि पूर्णिया में पूरी तरह इसका अनुपालन हो. इस नजरिये से सख्ती बरती जा रही है और जुर्माना भी लगाया जा रहा है.

पुलिस नियमों का उल्लंघन करने वालों के धर-पकड़ में लग गयी है. जुर्माना की राशि काफी अधिक है और यही वजह है कि इन नियमों को लेकर सवाल भी खड़े किये जा रहे हैं.
सोशल मीडिया पर अलग-अलग कामेंटस आ रहे हैं पर इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि ये नियम हम सबकी सुरक्षा के लिए ही हैं. ट्रैफिक नियमों में बदलाव के चार दिन बीत गये फिर भी सुधार नहीं जबकि जीवन हमारा और सुरक्षा की जुगत में ट्रैफिक अधिकारी जुटे हैं पर क्या यह हमारी अपनी जिम्मेवारी नहीं!
वैसे, प्रतिक्रियाओं से जो तथ्य उभर कर आये हैं उससे यह कहना गलत नहीं होगा कि सुरक्षित यातायात के लिए कुछ हमें तो कुछ आपको यानी प्रशासन को भी सुधार करने की जरूरत है. नियमों का अनुपालन कराने के लिए प्रशासन को भी कुछ अपनी जिम्मेवारी तय करनी होगी.
गड्ढों में तब्दील सड़कों को दुरुस्त करने की तय हो जिम्मेदारी: सड़क को सुरक्षित यातायात का एक बड़ा जरिया माना जाता है पर न केवल शहर बल्कि पूरे जिले में मुख्य सड़क को छोड़ कहीं दुरुस्त नहीं हैं. लोग कहते भी हैं कि सुरक्षा के लिए हेलमेट की तरह दुरुस्त सड़क का होना भी अनिवार्य है.
सवाल यह उठाया जा रहा है कि इन गड्ढों में तब्दील हो रही सड़कों को दुरुस्त करने की जिम्मेदारी किसकी है और इस दिशा में पहल क्यों नहीं हो रही. शहर में ही आरएनसाव चौक से केहाट थाना जाने वाली सड़क पर कलाभवन के आस पास जगह-जगह गड्ढे बने हुए हैं. इस सड़क पर बाइक वाले कभी खुद गिर जाते हैं तो कभी सामने से कोई धक्का मार जाता है जिससे वे घायल हो जाते हैं.
लोग कहते हैं कि इसके लिए जुर्माना किस पर और कौन लगाए? इसी तरह लाइनबाजार में कब्रिस्तान जाने वाली सड़क को गड्ढों में ढूंढ़ना मुश्किल हो जाता है. इस पर भी आये दिन दुर्घटनाएं होती हैं. शहर और आसपास इस तरह की जर्जर सड़कों की लंबी फेहरिश्त है जिसे दुरुस्त करना लाजिमी माना जा रहा है.
गड्ढों के बीच सड़क को ढूंढ़ते हैं लोग
यह कब्रिस्तान जाने वाली सड़क है जो लाइनबाजार से निकल कर विभिन्न मुहल्लों से गुजरते हुए माधोपाड़ा तक चली जाती है. कई जगह इस सड़क का अस्तित्व भी नहीं दिखता जबकि जगह-जगह इतने गड्ढे बन गये हैं कि आये दिन दुर्घटना होती है. कभी लोग गड्ढे में गिर कर जख्मी हो जाते हैं तो कभी सामने से कोई धक्का देकर घायल कर जाता है. इस सड़क को भी पिछले एक दशक से अपने जीर्णोद्धार का इंतजार है.
संभल कर चलिए, जिंदगी अपनी है
अपनी जिन्दगी के प्रति हम खुद भी काफी लापरवाह हैं. सड़क पर बाइक चला रहे हैं तो सतर्कता जरूरी है पर जब हम सिनेमाई नशे में स्टंट करने लगते हैं तो हमारी जिंदगी खतरे में पड़ जाती है.
नये नियमों के तहत ट्रैफिक अधिकारी हेलमेट न पहनने का जुर्माना वसूल करते हैं जिसकी भरपाई तो हो सकती है पर इस तरह हाथ छोड़ लहरिया बाइक चलाने पर जो जुर्माना भरना पड़ सकता है उसकी भरपाई मुमकिन नहीं.
सड़क पर बने गड्ढों के कारण होती है दुर्घटना
आरएनसाव चौक से कलाभवन होते हुए केहाट जाने वाली सड़क पिछले कई सालों से इसी तरह जर्जर है. इस सड़क पर औसतन हर दो दिन पर एक दुर्घटना हो जाती है.
गड्ढों से बगल होकर निकलने के चक्कर में बाइक वाले अक्सर आमने-सामने एक दूसरे से टकरा जाते हैं और घायल हो जाते हैं. यह वही सड़क है जिससे रोजाना प्रशासनिक अधिकारियों की आवाजाही होती है फिर भी इसके गड्ढे सालों से नहीं भरे जा सके हैं.
सड़कों पर यत्र-तत्र बैठे रहते हैं पशु
शहर में इस तरह की कई सड़कें हैं जहां पशुओं का बसेरा बना रहता है. कहीं तो पशुपालक खुद ही खुला छोड़ देते हैं तो कहीं लावारिश पशु साफ जगह देख कर बैठ जाते हैं.
इसके कारण भी कई दफे दुर्घटनाएं होती हैं. साइड हट कर निकलने के चक्कर में वाहन सामने से आते वाहन से टकरा जाते हैं. सुबह-सुबह कभी लाइन बाजार और कभी रामबाग के आस पास यह दृश्य नजर आ जाता है. शहरवासी इस पर भी नियंत्रण लाजिमी बताते हैं.
न हो ऑटो पर ओवर लोडिंग
टेम्पो को शहर की लाइफ लाइन सेवा कही जाती है पर जिस तरह इस पर पैसेंजर को बैठाया जाता है उससे लाइन भले ही रह जाये लाइफ की गुंजाइश कम हो जाती है. सुरक्षित यातायात के लिए ऑटो पर बैठने वाले और यात्रियों को बैठाने वालों को भी इस पर मंथन करना होगा.
अपने साथ पैसेंजर की जान बचाने की जिम्मेदारी उनकी भी बनती है. यातायात पुलिस का काम सिर्फ उन्हें सतर्क करना है, सुरक्षा की जवाबदेही तो अपनी ही है.
पांच दिन में पूर्णिया में वसूला गया 1.24 लाख का जुर्माना
पूर्णिया. 01 सितंबर से परिवहन विभाग द्वारा नये परिवहन नियम लागू किये जाने के बाद शहर में जिला परिवहन विभाग के अधिकारी व कर्मी समेत यातायात पुलिस द्वारा प्रतिदिन वाहनों की जांच की जा रही है. वाहनों की जांच से शहर में नियम तोड़ वाहन संचालन करने वालों में हड़कंप है.
पांच दिनों के लगातार अभियान के तहत अब तक 01 लाख 24 हजार रुपये जुर्माना के रूप में वसूल किया गया है. इनमें परिवहन विभाग द्वारा 59 हजार एवं यातायात विभाग द्वारा 65 हजार रुपये वसूल किया गया है. जिला परिवहन पदाधिकारी विकास कुमार ने बताया कि जांच प्रतिदिन जारी रहेगा.
कहते हैं अधिकारी
एक सितंबर से यातायात के नये कानून लागू हो गये हैं. इस पर पूरी सख्ती से अमल किया जा रहा है. कानून सबके लिए है. नियमों का उल्लंघन करने वाले सभी लोगों पर कार्रवाई की जायेगी. इसके लिए आवश्यक निर्देश जारी कर दिये गये हैं. सघन चेकिंग अभियान भी चलाया जा रहा है.
विकास कुमार, जिला परिवहन पदाधिकारी, पूर्णिया

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