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सिविल सर्जन पर भी कार्रवाई की तलवार

पूर्णिया : स्वास्थ्य विभाग में सवा करोड़ के फर्जीवाड़ा मामले में अब वर्तमान सिविल सर्जन पर भी कार्रवाई की तलवार लटक रही है. इस प्रकार इस मामले में अब दो पूर्व व एक वर्तमान सिविल सर्जन पर गाज गिरना तय माना जा रहा है. इन तीनों सिविल सर्जन ने अपने अपने कार्यकाल में एरियर के […]

पूर्णिया : स्वास्थ्य विभाग में सवा करोड़ के फर्जीवाड़ा मामले में अब वर्तमान सिविल सर्जन पर भी कार्रवाई की तलवार लटक रही है. इस प्रकार इस मामले में अब दो पूर्व व एक वर्तमान सिविल सर्जन पर गाज गिरना तय माना जा रहा है. इन तीनों सिविल सर्जन ने अपने अपने कार्यकाल में एरियर के रूप में 21 छटनीग्रस्त कर्मचारियों को काम नहीं करने की अवधि के वेतन का भुगतान कर दिया गया था. विभाग ने तत्कालीन दोनों सिविल सर्जन से स्पष्टीकरण की मांग की है. जिसका जवाब भी विभाग को मिल चुका है. ऐसा माना जा रहा है कि एक छटनीग्रस्त कर्मी का भुगतान वर्तमान सिविल सर्जन के कार्यावधि में किया गया है. विभाग वर्तमान सिविल सर्जन से भी जवाबतलब कर सकती है.

वर्तमान सिविल सर्जन के कार्यकाल में बिल संख्या 100/2015-16 के माध्यम से सदर अस्पताल के चतुर्थवर्गीय कर्मचारी जय कृष्ण महतो को कुल 5 लाख 38 हजार 466 रुपये का भुगतान किया गया. बताया जा रहा है कि 24 मार्च 2014 को प्रथम चरण का भुगतान किया गया था. आवंटन समाप्त होने कारण चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी जय कृष्ण महतो के एरियर का भुगतान नहीं हो पाया था.
इसलिए तत्कालीन सिविल सर्जन ने अपने पत्रांक 1120 दिनांक 26 मार्च 2014 के माध्यम से अस्पताल के डीएस को एरियर भुगतान का आदेश दिया था. इसी आदेश के आलोक में वर्तमान सिविल सर्जन ने बिना कुछ सोचे समझे जय कृष्ण महतो को एरियर का भुगतान कर दिया गया.अब अहम सवाल है कि पिछले दोनों सिविल सर्जन के गलत आदेशों का अनदेखी कैसे कर दिया. पदभार संभालने के बाद इतनी बड़ी गलती पर उसका ध्यान क्यों नहीं गया और इसकी सूचना सरकार को क्यों नहीं दी गयी.आश्चर्य तो यह है कि वर्तमान सिविल सर्जन ने पूर्ववर्ती दोनों सिविल सर्जन के नक्शे कदम पर चल कर वह भी जय कृष्ण महतो को एरियर का भुगतान कर दिया. माना जा रहा है कि इन्हीं गलतियों से विभाग वर्तमान सीएस पर भी शिकंजा की तैयारी में है.
जानें क्या है पूरा मामला
वर्ष 2004 में राज्य भर के स्वास्थ्य विभाग में बहाल 300 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया था. इनकी नियुक्ति में उचित प्रक्रिया नहीं अपनाने को कारण बताया गया था. इसके बाद सभी कर्मचारी अदालत की शरण में चले गये थे. अदालत से इन्हें राहत मिली और सभी कर्मचारियों की सेवा बहाल कर दी गयी. इस बीच 18 अप्रैल 2004 से 28 फरवरी 2007 के बीच इन कर्मचारियों ने सेवा नहीं दी.बावजूद जिले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभिन्न कार्यालयों के 21 छटनीग्रस्त कर्मचारियों का वेतन भुगतान कर दिया गया है.इस मामले में कोर्ट ने केवल सेवा बहाली का आदेश दिया था. आवंटन के अभाव में कई किश्तों में कर्मचारियों का भुगतान किया गया. ये सिविल सर्जन थे तैनात 2012 तक डॉ रामचरित्र मंडल और 2014 तक डॉ एसएन झा सिविल सर्जन के रूप में पूर्णिया में पदस्थापित थे. इन्हीं के कार्यकाल में कर्मचारियों को चार करोड़ रुपये एरियर का भुगतान बिना किसी सरकारी आदेश के कई किस्तों में किया गया.
जो भी दोषी होंगे, कार्रवाई तय है
इस मामले में जो भी अधिकारी दोषी पाये जायेंगे, उस पर कार्रवाई की गाज गिरना तय माना जा रहा है. पूरे मामले की जांच की जा रही है. शीघ्र ही तमाम दोषी सामने आ जायेंगे.

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