11.3 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पूर्णिया में हत्या की दो बड़ी चर्चित घटनाएं

पूर्णिया : पूर्णिया में हत्या की दो बड़ी चर्चित घटनाएं फिर सुर्खियों में आ गयी है. माकपा विधायक अजीत सरकार और भाजपा विधायक राजकिशोर केसरी की हत्या को लेकर एक बार फिर सियासत गर्म हो गया है. सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक गलियारों तक इन घटनाओं पर बहस छिड़ गयी है. दरअसल, उन्नीस साल पुराने […]

पूर्णिया : पूर्णिया में हत्या की दो बड़ी चर्चित घटनाएं फिर सुर्खियों में आ गयी है. माकपा विधायक अजीत सरकार और भाजपा विधायक राजकिशोर केसरी की हत्या को लेकर एक बार फिर सियासत गर्म हो गया है. सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक गलियारों तक इन घटनाओं पर बहस छिड़ गयी है. दरअसल, उन्नीस साल पुराने विधायक अजीत सरकार हत्याकांड मामले में एक नया मोड़ तब आ गया जब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाइकोर्ट के फैसले के खिलाफ सीबीआइ द्वारा दायर अर्जी को सुनवाई के लिए मंजूर कर लिया. याद होगा कि पटना हाइकोर्ट ने इस मामले में सांसद पप्पू यादव को बरी कर दिया था.

इधर, सात साल पूर्व हुए पूर्णिया के भाजपा विधायक राजकिशोर केसरी हत्या के मामले ने भी टर्न ले लिया है. हाल ही में इस घटना को लेकर पत्रकार नवलेश पाठक ने फेसबुक पोस्ट में कुछ नयी सूचना जारी कर सनसनी फैला दी है. नवलेश ने अपने पोस्ट में केसरी हत्याकांड में एक एेसे नेता के हाथ होने का दावा किया है, जिसका आतंकी कनेक्शन है. उनके इस दावे को गंभीरता से लेते हुए पूर्णिया के पूर्व सांसद उदय सिंह ने सीबीआइ से इस मामले की दोबारा जांच करने का अनुरोध किया है. सीबीआइ निदेशक आलोक वर्मा को लिखे पत्र में उन्होंने कहा है कि श्री पाठक के पास जो भी सबूत है वह सीबीआइ को मुहैया कराएं ताकि जो अभियुक्त बाहर घूम रहे हैं, उस पर कार्रवाई हो सके.

अजीत सरकार हत्याकांड में सीबीआइ द्वारा दायर अर्जी हुई मंजूर राजकिशोर हत्याकांड में नवलेश पाठक के एक पोस्ट ने पकड़ा तूल
अजीत सरकार हत्याकांड पर एक नजर
करीब 19 साल पहले पूर्णिया के माकपा विधायक अजीत सरकार की हत्या 14 जून 1998 को गोली मार कर की गयी थी. हमलावरों ने उन पर तब अंधाधुंध फायरिंग की थी जब वे हरदा के गांव से अपने समर्थक का पंचायत कर कार से घर लौट रहे थे. राज्य सरकार के अनुरोध पर इस मामले की जांच सीबीआइ ने की थी. इसमें पप्पू यादव समेत चार लोगों को अभियुक्त बनाया गया था. सीबीआइ द्वारा दाखिल आरोप पत्र पर निचली अदालत ने सजा सुनायी थी, लेकिन पटना हाइकोर्ट ने 2013 में पप्पू यादव समेत तीन लोगों को यह कहकर बरी कर दिया था कि इन लोगों के खिलाफ कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं है. हाइकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सीबीआइ ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआइ की इसी अर्जी को सुनवाई के लिए मंजूर कर लिया है.
केसरी हत्याकांड पर एक नजर
सात साल पूर्व भाजपा विधायक राजकिशोर केसरी की हत्या 4 जनवरी 2011 को चूनापुर रोड स्थित उनके आवास पर की गयी थी. यह घटना तब हुई जब एक निजी स्कूल की संचालिका रूपम पाठक उनसे मिलने आयी थी. इसी दौरान उसने विधायक के पेट में चाकू घोंप दिया था. अस्पताल ले जाने के क्रम में अत्यधिक रक्तस्राव के कारण उनकी मौत हो गयी. मौके पर ही रूपम को गिरफ्तार कर लिया गया था. इस मामले की जांच का जिम्मा सीबीआइ को सौंपा गया था. सीबीआइ की अदालत ने इस मामले में रूपम पाठक के खिलाफ उम्रकैद की सजा सुनायी थी.
इस मामले की जांच इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि यह अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया कि आखिर अजीत सरकार की हत्या किसने की थी. अगर इस मामले के सभी आरोपित दोषमुक्त हैं, तो आम लोग यह जानना चाहते हैं कि दोषी कौन है. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का पार्टी ने स्वागत किया है.
सुनील सिंह, जिला मंत्री, माकपा, पूर्णिया
यह एक न्यायिक प्रक्रिया है. इस प्रक्रिया के तहत कोर्ट में अपनी बात को जोरदार ढंग से रखा जायेगा. वैसे, कोर्ट के फैसले का हमलोग सम्मान करते हैं. हमें कोर्ट से इंसाफ मिलने की पूरी उम्मीद है.
राजेश यादव, प्रदेश प्रवक्ता, जन अधिकार पार्टी

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें