पूर्णिया : अपना आशियाना हो, यह हर किसी का सपना होता है. लेकिन इस सपने पर भी ग्रहण लगने लगा है. स्थिति यह है कि महज दो लाख रुपये में दो कमरा, शौचालय और रसोई घर का निर्माण कराना है. ईंट, कंक्रीट और बालू के दाम आसमान छू रहे हैं. एक तो पहले से ही महंगाई मुंह बाये खड़ी थी और ऊपर से अब जीएसटी की वजह से बालू और कंक्रीट का दाम काफी बढ़ गया है,
जिससे घर बनाने वालों के उम्मीद पर पानी फिरने लगा है. वहीं बिचौलियों द्वारा कमीशन की वसूली से भी मुश्किलें बढ़ी हुई है. जानकार बतलाते हैं कि कई वार्ड पार्षद भी कमीशनखोरी के खेल में शामिल हैं तो कई निगम के बाबू भी बहती गंगा में हाथ धो रहे हैं. कुल मिला कर सपने साकार होना आसान नहीं दिख रहा है.
कमीशन से अछूता नहीं है आवास योजना : चर्चा है कि आवास योजना में बिचौलिये द्वारा 10 फीसदी तक कमीशन लिया जा रहा है. हालांकि हर जगह ऐसा नहीं है और न ही इसकी कोई पुष्टि हुई है. ऐसा नहीं है कि आवास योजना में कमीशन का खेल पहली बार हो रहा है. इससे पहले भी आईएचएसडीपी तथा राजीव आवास योजना में कई वार्डों में लाभुकों से मोटी रकम वसूले जाने की बातें तब सामने आयी थी. विडंबना तो यह है कि आवाज उठने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई.
अलबत्ता इस बार भी लाभुकों के चयन के साथ ही बिचौलिये सक्रिय हो गये हैं. सरकारी योजनाओं के लाभ इस तरफ के लूट खसोट के बाद गरीबों के लिए मुसीबत बनता जा रहा है.
भवन निर्माण सामग्री छुड़ा रही है पसीना
हालात यह है कि सरकार घर बनाने के लिए दो लाख रुपये दे रही है. इन दिनों जहां ईंट का दाम 6600 रुपये प्रति हजार है, वहीं बालू प्रति सीएफटी 03 हजार से बढ़ कर 5200 रुपये हो गया है. बताया जाता है कि सरकार के स्तर पर बालू खनन पर प्रतिबंध और सख्ती के बाद इस तरह की स्थिति उत्पन्न हुई है. सबसे अधिक बालू को लेकर समस्या बनी हुई है. गिट्टी 04 हजार रुपये की जगह 6300 रुपये बिक रहा है. वहीं मजदूरी भी लगातार बढ़ती ही जा रही है और 300 रुपये की जगह मजदूर 350 रुपये से लेकर 400 रुपये तक की मांग कर रहा है. वहीं राजमिस्त्री 500-600 रुपये से कम लेने को तैयार नहीं है. ऐसे में लाभुकों के पसीने छूट रहे हैं.
हालात यह है कि सरकार घर बनाने के लिए दो लाख रुपये दे रही है. इन दिनों जहां ईंट का दाम 6600 रुपये प्रति हजार है, वहीं बालू प्रति सीएफटी 03 हजार से बढ़ कर 5200 रुपये हो गया है. बताया जाता है कि सरकार के स्तर पर बालू खनन पर प्रतिबंध और सख्ती के बाद इस तरह की स्थिति उत्पन्न हुई है. सबसे अधिक बालू को लेकर समस्या बनी हुई है. गिट्टी 04 हजार रुपये की जगह 6300 रुपये बिक रहा है. वहीं मजदूरी भी लगातार बढ़ती ही जा रही है और 300 रुपये की जगह मजदूर 350 रुपये से लेकर 400 रुपये तक की मांग कर रहा है. वहीं राजमिस्त्री 500-600 रुपये से कम लेने को तैयार नहीं है. ऐसे में लाभुकों के पसीने छूट रहे हैं.
02 लाख रुपये की राशि आवंटित
66 सौ रुपये प्रति हजार है ईंट
52 सौ रुपये है बालू प्रति सीएफटी
63 सौ रुपये है गिट्टी की मौजूदा कीमत
04 सौ रुपये रोजाना है मजदूरों की मजदूरी
06 सौ रुपये है रोज की दर से मजदूरी लेते हैं राजमिस्त्री
कोई पैसे मांगे, तो नगरायुक्त या मेयर से करें शिकायत
अगर कोई भी व्यक्ति गरीबों की योजना में पैसे की मांग करता है तो वह अपराध है. ऐसी स्थिति में लाभुक सीधा नगर आयुक्त या मेयर कार्यालय में शिकायत कर सकते हैं. आवास योजना या किसी भी योजना में ऐसी सूचना मिलेगी तो संबंधित व्यक्ति चाहे वह कोई भी हो सख्त कार्रवाई होगी. लाभुक किसी भी प्रलोभन में नहीं पड़े, सीधी शिकायत दर्ज कराएं
विभा कुमारी, मेयर, नगर निगम, पूर्णिया