पूर्णिया : एक तरफ जहां पूर्णिया शहर में सार्वजनिक स्थलों पर शौचालय एवं यूरिनल का घोर अभाव है. वहीं सरकारी कार्यालयों में भी शौचालय का टोटा है. अगर कहीं शौचालय है भी तो जीर्ण-शीर्ण अवस्था में. हालांकि अधिकारियों के कक्ष में इसकी व्यवस्था है. मगर कर्मचारियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है. इससे सरकारी दफ्तरों में काम करने वाले महिला कर्मियों को ज्यादा परेशानी उठानी पड़ती है. कलेक्ट्रेट के महिला कर्मी मजबूरन कलेक्ट्रेट परिसर से सटे सुलभ शौचालय जाकर फ्रेस में होते हैं.
प्रभात खबर ने कलेक्ट्रेट एवं जिला परिषद के अंदर तीन शौचालयों का मुआयना किया और कर्मियों के लिए बने तीनों शौचालय असहज अवस्था में पाया. सबसे पहला शौचालय कलेक्ट्रेट परिसर में है, जहां गंदगी का अंबार है और हालत जीर्ण-शीर्ण है. देखरेख के अभाव में इस शौचालय की यह हालत हो गयी है. सरकारी कर्मी अपने अधिकारियों के विरुद्ध आवाज नहीं उठा सकते. लेकिन दबी जुबान से भिनभिनाते जरूर हैं. वही हालत विकास भवन के अंदर बने शौचालय का है. वहां भी गंदगी का अंबार लगा हुआ है. दूसरी ओर जिला परिषद कार्यालय के शौचालय की भी वही हालत है. इस ओर आने वाले किसी भी व्यक्ति का मन गंदगी देख भिनभिना जाता है.