गर्मी का सितम. जानवरों को गर्मी से बचाने के लिए पिंजरों के तीन चौथाई हिस्से में लगाया गया एग्रोनेट
लाइफ रिपोर्टर @ पटना
चिलचिलाती धूप से जहां हर इंसान परेशान है, वहीं जानवर भी बेहाल हैं. इस मौसम में धूप व लू लगने से जानवर भी बीमार और सुस्त हो जाते हैं. ऐसे में इस सीजन में जानवरों को एक्स्ट्रा केयर की जरूरत पड़ती है़ यही वजह है कि संजय गांधी जैविक उद्यान (पटना जू) में भी जानवरों का खास ख्याल रखा जा रहा है़ जू प्रबंधन ने वन्यजीवों के शरीर के तापमान को नियंत्रित करने के लिए व्यापक इंतजाम कर रखा है. चिड़ियाघर में कई जानवरों के केज में वाटर स्प्रिंकलर लगाये गये हैं. बाघ और शेर के पिंजरे के सामने कूलर लगाया गया है. पक्षियों के बाड़े में एग्रोनेट कुछ हिस्सों में लगाया गया है.
जानवरों में बढ़ती गर्मी की वजह से कमजोरी न हो इसके लिए उन्हें मल्टीविटामिन दी जा रही है. वहीं पक्षियों को लू से बचाने के लिए ग्लोनाइन होमियोपैथी दवा और विटामिन सी का टैबलेट दिया जा रहा है. समय-समय पर पानी को बदला जा रहा है, जिससे पानी पीने में उन्हें परेशानी न हो.
भालू को मिल रहा आधा किलो तरबूज :बाघ को 8-9 किलो, शेर को 8 किलो और तेंदुआ को 2-2.5 किलो मांस दिया जा रहा है. भालू को रोजाना तरबूज आधा किलो, केला 750 ग्राम और हरी सब्जियां दी जा रही हैं. भालू को शहद बेहद प्रिय है. ऐसे में जू प्रशासन की ओर से भालू के पिंजरे के बीच में एक मिट्टी का बर्तन लटकाया गया है.
चिम्पांजी को खीर के बदले मिल रहा दही-चावल :चिम्पांजी को जहां पहले खीर दिया जा रहा था, अब इसकी जगह दही चावल दिया जा रहा है. सुबह से लेकर रात तक इन्हें फलों में अंगूर 250 ग्राम, सेब आधा व केला दिया जा रहा है. रोज एक डाभ का पानी, तरबूज आधा किलो, दही चावल और एक किलो अनार का जूस शामिल है.