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बिहार में शराबबंदी पर सीएम की समीक्षा बैठक पर भाजपा और राजद आमने समान

बिहार में लागू शराबबंदी कानून (Liquor Ban In Bihar)पर मंगलवार को सीएम नीतीश कुमार की समीक्षा बैठक पर भाजपा और राजद आमने सामने हो गई है.

पटना: बिहार में लागू शराबबंदी कानून (Liquor Ban In Bihar) पर मंगलवार को सीएम नीतीश कुमार की समीक्षा बैठक पर भाजपा और राजद आमने सामने हो गई है. भाजपा नेता और सुशील कुमार मोदी ने लालू प्रसाद को चुनौती दी है कि हिम्मत हो तो शराबबंदी के मुद्दे पर अगला चुनाव लड़े. इसपर राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने पलटवार करते हुए कहा कि शराबबंदी पर सीएम नीतीश कुमार की समीक्षा बैठक पर पलटवार करते हुए कहा कि समीक्षा बैठक ‘खोदा पहाड़ निकली चुहिया’ जैसा था.

शराब की होम डिलीवरी करने वालों पर होगी पैनी नजर

बताते चलें कि बिहार में लागू शराबबंदी कानून (Liquor Ban In Bihar) को लेकर मंगलवार को सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक की गयी. करीब 7 घंटे तक चली इस बैठक के बाद सीएम नीतीश कुमार ने अधिकारियों को शराब बिक्री में संलिप्त सभी लोगों पर कड़ी कार्रवाई करने के सख्त निर्देश दिये हैं. बैठक के बाद अपर मुख्य सचिव गृह चैतन्य प्रसाद ने कहा कि लापरवाह थानाप्रभारी को चिन्हित कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का सीएम ने निर्देश दिया है. ऐसे अफसर अब तत्काल निलंबित होंगे. साथ ही सीएम नीतीश ने शराब की होम डिलीवरी करने वालों को भी चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिये हैं.

राजद ने कहा- खोदा पहाड़ निकली चुहिया

सीएम के समीक्षा बैठक पर राजद प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा कि ये बैठक ‘खोदा पहाड़ निकली चुहिया’ जैसा था. राजद प्रवक्ता ने कहा कि सीएम की घंटों चली मैराथन बैठक में उन्हीं बातों की पुनरावृत्ति की गई है जिनकी चर्चा पहले हुए समीक्षा बैठकों में की जाती थी. इस बैठक में नया सिर्फ यह है कि शराबबंदी मामले में बड़े अघिकारियों को अपरोक्ष रूप से जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया गया है. जबकि पिछली बार हुए समीक्षा बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने डीएम और एसपी के खिलाफ भी कार्रवाई करने की घोषणा किया था.

लालू प्रसाद में हिम्मत हो तो अगला चुनाव शराबबंदीपर लड़े- भाजपा

इधर, भाजपा नेता और राज्य सभा सदस्य सुशील कुमार मोदी लालू प्रसाद में यदि हिम्मत हो तो घोषणा करें कि उनकी पार्टी अगला चुनाव शराबबंदी के मुद्दे पर लड़ेगी और अगर गलती से सत्ता मिल ही गई, तो पहली घोषणा पूर्ण मद्यनिषेध को खत्म करने की होगी. जो लोग शराबबंदी को विफल बताते हुए सवाल पूछ रहे हैं, उन्हें अपने दौर की अराजकता, गरीबी, अपहरण, पलायन और नरसंहारों पर श्वेत पत्र जारी करना चाहिए.

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