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विकसित भारत बनाने में बिहार के योगदान को लेकर प्रस्ताव तैयार कर रहा है योजना एवं विकास विभाग

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक विकसित भारत बनाने की योजना पर नीति आयोग ने कार्य शुरु कर दिया है.आयोग इसके लिये राज्यों से भी सुझाव मांगी है.

2047 तक भारत को विकसित बनाने के नीति आयोग ने राज्य से मांगा प्रस्ताव,बिहार योजना एवं विकास विभाग को दी गयी विशेष जिम्मेवारी संवाददाता,पटना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक विकसित भारत बनाने की योजना पर नीति आयोग ने कार्य शुरु कर दिया है.आयोग इसके लिये राज्यों से भी सुझाव मांगी है.आयोग ने इस संबंध में राज्य सरकार को भेजे पत्र में लिखा है कि,राज्य विकसित राष्ट्र बनाने में किस प्रकार मददगार साबित हो सकता है इस विजय डक्यूमेंट आयोग को दें.जिसमें मुख्य रूप से आर्थिक विकास, पर्यावरणीय स्थिरता, सामाजिक प्रगति और सुशासन जैसे विकास के विभिन्न पहलुओं को शामिल किया जाय.नीति आयोग से पत्र आने के बाद बिहार सरकार ने भी इस दिशा में तैयारी शुरु करते हुये योजना एवं विकास विभाग को इसके लिये नोडल विभाग बनाया गया है.योजना एवं विकास विभाग ने इसके लिये अन्य विभागों से भी सुझाव मांगी गयी हैं.योजना विभाग के सूत्रों का कहना है कि बिहार ने आर्थिक विकास, कृषि और एलाइड सेक्टर,उद्योग,इंफ्रास्ट्रक्चर,श्रम,रोजगार, कौशल,पर्यावरणीय स्थिरता,सामाजिक प्रगति और सुशासन जैसे विकास के विभिन्न पहलुओं को लेकर एक विजन डक्यूमेंट नीति आयोग को देने के लिये तैयार कर रहा है. विकसित भारत के साथ विकसित बिहार के आर्थिक विकास का आशय एक विकसित भारत के साथ-साथ एक विकसित बिहार के निर्माण के लिये आर्थिक विकास का आशय एक लचीली और मजबूत अर्थव्यवस्था होनी चाहिए जो अपने सभी नागरिकों के लिए अवसर और उच्च जीवन स्तर प्रदान कर सके. अर्थव्यवस्था को उद्यमिता, नये प्रयोग और प्रतिस्पर्धात्मकता के आधार पर 21वीं सदी की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होना चाहिए. वहीं पर्यावरणीय स्थिरता में प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षित करने के लिए स्वच्छ और हरित वातावरण होना चाहिए. पर्यावरण को पुनर्स्थापन, संरक्षण और लचीलेपन के आधार पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने में सक्षम होना चाहिए. सामाजिक प्रगति और सुशासन विकसित भारत के साथ विकसित बिहार में एक समावेशी और सामंजस्यपूर्ण समाज होना चाहिए जो अपने सभी नागरिकों की गरिमा और भलाई सुनिश्चित करे. समाज को न्याय, समानता और विविधता पर आधारित भारत की सांस्कृतिक विरासत का जश्न मनाने और उसका सम्मान करने में सक्षम होना चाहिए. इसके लिये सुदृढ़ नीतियों और जवाबदेही के साथ एक चुस्त शासन होना चाहिए. एक सुशासन प्रणाली वह है जहां विश्वसनीय डेटा एकत्र करने, सुधार के लिए क्षेत्रों का विश्लेषण करने और टीम वर्क, प्रतिबिंब, सहानुभूति और परामर्श के आधार पर देश को बेहतर बनाने के लिए तेजी से कार्य करने का प्रावधान है.

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