पटना. राज्य भर के आइटीआइ में शॉर्ट टर्म विषयों की पढ़ाई होगी. केंद्र सरकार ने सभी सरकारी आइटीआइ के अलावा कम से कम दो ट्रेड की पढ़ाई कराने वाले निजी आइटीआइ को शॉर्ट टर्म कराने की अनुमति दे दी है. कोर्स करा पायेंगे. इसमें राज्य के स्थानीय उद्योग के अनुसार ही विषय पढ़ाया जायेगा, ताकि औद्योगिक वातावरण को और बल मिल सके.
प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीटी) की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि शॉर्ट टर्म कोर्स 240 घंटे का होगा. इसमें 48 घंटे की कटौती या बढ़ोतरी की जा सकती है. इससे अधिक समय इसमें नहीं लगना चाहिए. शॉर्ट टर्म कोर्स की अनुमति आइटीआइ में अतिरिक्त तौर पर दी गयी है.
अगर कोई आइटीआइ शाम में चल रहा है, तो वह उस समय भी शॉर्ट टर्म पढ़ाई करा सकेंगे. इसकी पढ़ाई अधिकतम छह माह के भीतर पूरा किया जाना है. किसी भी परिस्थिति में इस अवधि के बाद शॉर्ट टर्म कोर्स कराने की अनुमति नहीं रहेगी. स्थानीय उद्योग के अनुसार आइटीआइ प्रशासन ट्रेड का चयन करेगा. उसी के अनुसार छात्रों को प्रशिक्षण दिया जायेगा. प्रशिक्षण लेने वालों को पढ़ाई के बाद प्रमाण पत्र भी जारी किया जायेगा, जिसमें शॉर्ट टर्म कोर्स का जिक्र रहेगा.
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प्रशिक्षण का मॉड्यूल तय करने के लिए राज्यों को अधिकार दिया गया है. बिहार में श्रम संसाधन विभाग के मुखिया (अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव या सचिव) की अध्यक्षता में एक समिति गठित है. यही समिति शॉर्ट टर्म का मॉड्यूल तय करेगी. यानी, इसके लिए नामांकन की प्रक्रिया क्या हो, शुल्क क्या हो और प्रशिक्षणार्थियों की प्रवेश प्रक्रिया क्या हो, यही समिति तय करेगी, लेकिन केंद्र सरकार ने साफ किया है कि प्रशिक्षण शुल्क नाममात्र का हो. छात्रों के लिए यह बोझ नहीं होना चाहिए. सरकारी आइटीआइ की संख्या 149 है. इन सभी में शॉर्ट टर्म की पढ़ाई हो सकेगी, जबकि प्राइवेट आइटीआइ की संख्या एक हजार से अधिक है. लेकिन कम से कम दो ट्रेड की पढ़ाई करा रहे संचालकों में जिनकी इसके प्रति दिलचस्पी होगी, वही शॉर्ट टर्म की पढ़ाई करा सकेंगे.