बिहार में मानसून अब पूरी तरह सक्रिय हो चुका है.प्रदेश में अभी तक सामान्य से 176 फीसदी अधिक 239.6 मिलीमीटर बारिश दर्ज हो चुकी है़.गंडक और कोसी नदियां अब खतरे के निशान निशान से ऊपर बह रही हैं. गंगा, घाघरा एवं उनकी अन्य सहायक नदियों का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है़. नदी किनारे के इलाके अब जलमग्न होने लगे हैं. कई इलाकों में बाढ़ का पानी घरों के अंदर प्रवेश करने लगा है और लोगों को निचले इलाके से निकाला जाने लगा है.
राज्य के अलग-अलग हिस्सों में लगातार बारिश से रविवार को कई स्थानों पर गंडक और कोसी खतरे के निशान से ऊपर बही. वहीं गंगा, घाघरा, बूढ़ी गंडक और महानंदा नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी का रुख रहा. अन्य नदियों के जलस्तर में उतार-चढ़ाव जारी था. हालांकि नदियों के निचले इलाकों में बाढ़ से जनजीवन अस्त-व्यस्त है.
केंद्रीय जल आयोग के अनुसार गंडक नदी मुजफ्फरपुर जिले के रेवाघाट में खतरे के निशान से 40 सेंमी और गोपालगंज जिले के डुमरियाघाट में 1.29 मी ऊपर बह रही थी. कोसी नदी का जलस्तर वीरपुर में खतरे के निशान से करीब 31 सेंमी ऊपर था. दोनों नदियों के जलस्तर में कमी का रुख है.
गंगा नदी का जलस्तर पटना के दीघा घाट पर खतरे के निशान से 1.05 मीटर नीचे था. वहीं गांधी घाट पर गंगा नदी खतरे के निशान से 1.63 मीटर और 2.57 मीटर नीचे बह रही थी. इसमें बढ़ोतरी की संभावना है. वहीं पुनपुन नदी पटना के पास श्रीपालपुर में खतरे के निशान से 1.70 मीटर नीचे बह रही थी. इसमें भी बढ़ोतरी का रुख है.
Posted By: Thakur Shaktilochan