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Friday, March 29, 2024

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बिहार में अब एएसआइ कर सकेंगे शराब के मामले की जांच व कार्रवाई

राज्य सरकार ने निबंधन उत्पाद एवं मद्य निषेध के सहायक अवर निरीक्षक (एएसआइ) के तर्ज पर बिहार पुलिस के जमादार को भी शराब के मामलों में अनुसंधान और कार्रवाई का अधिकार दे दिया है.

पटना : राज्य सरकार ने निबंधन उत्पाद एवं मद्य निषेध के सहायक अवर निरीक्षक (एएसआइ) के तर्ज पर बिहार पुलिस के जमादार को भी शराब के मामलों में अनुसंधान और कार्रवाई का अधिकार दे दिया है. सूत्रों के अनुसार इसके लिए सरकार ने विशेष अधिकार का प्रयोग किया है. शराबबंदी कानून में अध्यादेश के जरिये बदलाव कर अक्तूबर, 2016 से ही प्रभावी बनाया है. इससे कोर्ट में विचाराधीन हजारों मामले, जिनमें शराब जब्ती या कार्रवाई-अनुसंधान का दायित्व जमादार ने निभाया था, उनमें आरोपितों को लाभ नहीं मिलेगा. सरकार के इस कदम से आइजी, मद्य निषेध के एक पत्र के बाद जिला पुलिस को आने वाली दिक्कतें दूर होंगी.

लंबित मामलों के निबटारे में भी तेजी आयेगी. बिहार मद्यनिषेध और उत्पाद अधिनियम, 2016 के अनुसार निबंधन उत्पाद एवं मद्य निषेध के जमादार को शराबबंदी कानून लागू कराने के लिए अभियान का नेतृत्व करने, अनुसंधान- छापेमारी आदि का अधिकार मिला हुआ है. वहीं, इस कानून की धारा 73 (इ) में स्पष्ट है कि बिहार पुलिस का जमादार या इससे नीचे के पुलिस पदाधिकारी से अनुसंधान, तलाशी- जब्ती सूची आदि की कार्रवाई नहीं करायी सकती थी. राज्य में एएसआइ या इससे नीचे की कोटि के पुलिस कर्मियों ने जो कार्रवाई की भी उन मामलों में आरोपितों को कोर्ट से इसी आधार पर राहत मिल गयी थी कि कार्रवाई सक्षम अधिकारी ने नहीं की है. आइजी, मद्य निषेध ने 12 जून, 2020 को सभी जिलों के एसएसपी को पत्र भी लिखा था. इसके बाद राज्य भर के जमादारों को शराब संबंधी मामलों की अनुसंधान-कार्रवाई से हटा दिया गया था.

आइजी के पत्र से जिला पुलिस को हो रही थी दिक्कत

आइजी, मद्यनिषेध के पत्र के बाद कई एसएसपी ने पुलिस मुख्यालय को आने वाली दिक्कतों से अवगत कराया था. राज्य में दारोगा के पद रिक्त होने के कारण रात्रि गश्त और पेट्रोलिंग, रुटीन चेकिंग आदि काम में जमादार ही लीड रोल में होते हैं. ऐसे में चेकिंग के दौरान शराब बरामद होने पर कागजी कार्यवाही के लिए दारोगा को बुलाना पड़ रहा था. ऐसी ही व्यावहारिक दिक्कतों को दूर करने के लिए पुलिस मुख्यालय ने सरकार को नियम में बदलाव का प्रस्ताव भेजा था. मुख्यालय के एडीजीपी जितेंद्र कुमार ने कहा िक एएसआइ को अनुसंधान का अधिकार मिलने से शराबबंदी कानून के लंबित मामलों के निष्पादन में तेजी आयेगी. पुलिस में अनुसंधानकों की संख्या भी बढ़ जायेगी़

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