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स्टाइपेंड नहीं मिलने से नाराज पीएमसीएच में इंटर्न छात्रों ने किया हंगामा, ओपीडी रजिस्ट्रेशन काउंटर कराया बंद

पीएमसीएच में इंटर्न कर रहे छात्रों ने बताया कि उनको हर महीने 20 हजार रुपये स्टाइपेंड मिलता है. लेकिन बीते चार महीने से राशि नहीं मिली है. जबकि छात्रों ने कई बार अपनी समस्या अस्पताल प्रशासन को बतायी. उनकी मांग पूरी नहीं हुई, तो सभी एकजुट छात्र ओपीडी का कार्य बहिष्कार कर दिया.

पटना. पीएमसीएच में इंटर्न कर रहे एमबीबीएस छात्रों ने स्टाइपेंड की राशि देने की मांग को लेकर सोमवार को कार्य बहिष्कार किया. नाराज छात्रों ने कार्य बहिष्कार के बाद रजिस्ट्रेशन काउंटर बंद कर दिया, इससे ओपीडी डेढ़ घंटे के लिए बाधित हो गया. सुबह 9 बजे से 10:30 कुल डेढ़ घंटे तक रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाया. रजिस्ट्रेशन काउंटर बंद करा देने से ओपीडी में सही से मरीजों का इलाज नहीं हो पाया. दरअसल पीएमसीएच में इंटर्न कर रहे छात्रों ने बताया कि उनको हर महीने 20 हजार रुपये स्टाइपेंड मिलता है. लेकिन बीते चार महीने से राशि नहीं मिली है. जबकि छात्रों ने कई बार अपनी समस्या अस्पताल प्रशासन को बतायी. उनकी मांग पूरी नहीं हुई, तो सभी एकजुट छात्र ओपीडी का कार्य बहिष्कार कर दिया.

ओपीडी पहुंचे अधीक्षक, आश्वासन के बाद माने छात्र

ओपीडी में रजिस्ट्रेशन नहीं होने की सूचना पाकर मौके पर अस्पताल के अधीक्षक डॉ आइएस ठाकुर पहुंचे और छात्रों की मांग पूरी करने का आश्वासन दिया. आश्वासन मिलने के बाद छात्र माने और फिर से कार्य शुरू कर दिया. इधर डेढ़ घंटे तक हंगामे के कारण ओपीडी में करीब 400 से अधिक मरीजों का इलाज नहीं हो पाया. ओपीडी बंद होने से खास कर दूसरे जिले से आये मरीज और परिजनों की खूब फजीहत हुई. पीएमसीएच में रोजाना 2000 से 2500 मरीज इलाज कराने आते हैं.

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छात्रों ने दी हड़ताल की चेतावनी

पीएमसीएच में कुल 153 इंटर्न छात्र हैं. इनकी ड्यूटी ओपीडी, इमरजेंसी, वार्ड, पैथोलॉजी व रेडियोलॉजी आदि सभी विभागों में लगायी जाती है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से हर महीने 20 हजार रुपये वेतन बतौर इंटर्न के तौर पर दिया जाता है. छात्रों का कहना है कि पीएमसीएच छोड़ प्रदेश के सभी अस्पतालों में वेतन समय पर दिया जा रहा है, लेकिन यहां समय पर भुगतान नहीं किया जा रहा है. छात्रों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द वेतन नहीं मिला तो वे हड़ताल करेंगे. वहीं अस्पताल के अधीक्षक डॉ आइएस ठाकुर ने कहा कि मरीजों को कोई परेशानी नहीं हो, इसके लिए सीनियर व जूनियर डॉक्टरों को अलर्ट कर दिया गया था. हालांकि अधिकांश मरीजों का इलाज किया गया. छात्रों को परेशानी नहीं हो, इसलिए स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिकर जल्द वेतन भुगतान करा दिया जायेगा.

गोपालगंज और मुंगेर मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई इसी सत्र से

इधर, राज्य में दो नये मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में 150-150 एमबीबीएस सीटों पर दाखिले को लेकर संरचना की अंतिम तैयारी की जा रही है. बिहार स्वास्थ्य एवं आधारभूत संरचना निगम लिमिटेड को इन दोनों मेडिकल कॉलेजों की संरचना तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गयी है. इसको लेकर निगम की ओर से टेंडर जारी किया गया है. टेंडर में 18 माह में संरचना तैयार करने की तिथि निर्धारित की गयी है. गोपालगंज और मुंगेर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के भवन निर्माण के बाद अब इसके अंतिम चरण की तैयारी की जा रही है. इसमें कॉलेज के अंदर आवासीय भवन का निर्माण कराया जाना है.

क्या क्या बनना है

फैकल्टी और स्टाफ के रहने के लिए 720 बेडों के साथ 110 बेडों का निर्माण किया जाना है. साथ ही हॉस्टल का भी निर्माण कराया जाना है. निगम द्वारा तैयार बीओक्यू 585 करोड़ निर्धारित की गयी है. अभी जो निर्माण कार्य कराया जाना है, उसमें आंतरिक और बाहरी पाइपलाइन और स्वच्छता कार्य, विद्युत कार्य (एलटी और एचटी), साइट का विकास, चारदीवारी निर्माण, सीवरेज उपचार संयंत्र, आग का पता लगाना, आग अलार्म और दमन, सीसीटीवी, भूनिर्माण के साथ सिविल कार्य का निर्माण शामिल है. मेडिकल कॉलेज के लिए चिकित्सा और गैर-चिकित्सा फर्नीचर आदि की भी खरीद की जानी है.

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