छापेमारी की खबर के बाद उनके पैतृक गांव फुलवरिया में अचानक सन्नाटा पसर गया. गांव की गलियां सुनी हो गयीं. कोई किसी कुछ भी कहने को तैयार नहीं था. मंगलवार को लालू प्रसाद के पैतृक आवास फुलवरिया में भी छापेमारी किये जाने की बात फैल गयी.
लोगों को लगा कि आयकर की टीम फुलवरिया में भी पहुंचेगी. लोग पूरे दिन आयकर टीम के आने की चर्चा में लगे रहे. हालांकि, समाचार लिखे जाने तक कोई भी जांच एजेंसी फुलवरिया नहीं पहुंची. लालू यादव के आवास पर छापेमारी का कवरेज करने के लिए पटना से टीवी चैनलों के रिपोर्टरों की आवाजाही पूरे दिन फुलवरिया में लगी रही. लेकिन, देर शाम तक गांव में आयकर विभाग की टीम नहीं आयी. गांव के लोगों के चेहरे पर इस पूरे प्रकरण के बाद मायूसी छायी रही. लोग समझ नहीं पा रहे थे कि आगे क्या होगा. वैसे फुलवरिया स्थित आवास पर कोई रहता नहीं है. उनके बड़े भाई का परिवार रहता है.
छापेमारी को साजिश बता रहे ग्रामीण : लोगों का मानना है कि दो दशक तक बिहार की सत्ता के केंद्र में रहे राजद सुप्रीमो से केंद्र सरकार भयभीत है. फुलवरिया के लाल को फंसाने के लिये गहरी साजिश की गयी है. गांव के लोगों ने बताया कि यह सब केंद्र सरकार के द्वारा रची गयी साजिश है. पटना : राजद प्रमुख लालू प्रसाद के करीबियों के ठिकानों पर आयकर की छापेमारी की सूचना जंगल में आग की तरह फैल गयी. सूचना पाते ही राजद नेताओं और मीडियाकर्मी लालू प्रसाद के सरकारी आवास 10 सर्कुलर रोड के पास एकत्र हो गये. लालू आवास पहुंचनेवाले राजद नेताओं को सीधे प्रवेश मिल ग
या, जबकि वहां मीडिया का समूह इस कार्रवाई को लेकर लालू प्रसाद के बयान के इंतजार में दिन भर इंतजार करता रहा. आयकर छापे को लेकर न तो लालू प्रसाद ने और नहीं उनके परिवार के किसी सदस्य ने कोई जवाब दिया.