पटना : बिहार में मौसम की मार से किसान परेशान हैं. खासकर आम और लीची के किसानों की कमर टूट गयी है. बेमौसम बरसात और आंधी के साथ तूफान की वजह से फल के किसानों को काफी नुकसान हुआ है. जानकारी के मुताबिक सबसे ज्यादा नुकसान राज्य में आम और लीची की फसल को हुआ है. उत्तर बिहार के लीची बगानों में ओले की वजह से लीची का पल्प टूट गया है. किसान काफी परेशान हैं. वहीं हाल आम का है. बाजार में लंगड़ा का आना अब असंभव सा दिख रहा है.
सोमवार को मुजफ्फरपुर के ग्रामीण इलाके में ओले पड़ने से लीची के पेड़ टूट गये हैं, वहीं पल्प पूरी तरह खराब हो चुके हैं. बेमौसम हुई बारिश और अत्यधिक गर्मी की वजह से फल के पैदावार पर खासा असर पड़ा है. कृषि विभाग और किसानों की मानें तो ओलों की वजह से सबसे ज्यादा नुकसान आम और लीची की फसल को हुआ है.
किसानों की मानें तो मौसम की बेरूखी से इस बार आम की पैदावार बिहार में करीब 40 से 50 फीसदी तक कम रह सकती है, वहीं दूसरी ओर लीची का उत्पादन 30 से चालीस फीसदी घट जायेगी. मौसम की मार से बीते साल की तुलना में आम का उत्पादन काफी कम रहेगा. मौसम ने मुजफ्फरपुर की शाही लीची को पूरी तरह बरबाद कर दिया है. शाही लीची के किसान प्रभु नाथ कुशवाहा कहते हैं कि स्थिति काफी खराब है. मौसम ने बहुत नुकसान पहुंचाया है.
मुजफ्फरपुर में लीची के किसानों की कमर टूट चुकी है, बगान के बगान लीची और मंजर पूरी तरह नष्ट हो चुके हैं. यहीं नहीं मौसम की मार की वजह से इस बार लीची की कीमतों में बीस से 25 फीसदी की बढ़ोतरी भी हो सकती है.
किसान कहते हैं कि मौसम की मार के बाद सरकार की ओर से भी किसी प्रकार की मदद नहीं मिलती है. बहुत मेहनत के बाद लीची की फसल तैयार होती है, लेकिन मौसम की बेरुखी सबकुछ तबाह कर जाती है. वहीं हाल आम की फसलों के साथ भी हुआ है. भागलपुर सहित बिहार के जिन इलाकों में आम की पैदावार अच्छी होती है, वहां इस बार पूरी तरह बरबादी दिख रही है. इससे पूर्व में आयी आंधी-पानी की वजह से फसलों को नुकसान हुआ है.
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