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नीति आयोग को पीएम के पैकेज की जानकारी नहीं
आरटीआइ के तहत िमली जानकारी से खुलासा पटना : प्रधानमंंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में विधानसभा चुनाव के ठीक पहले बिहार के लिए 1.25 लाख करोड़ रुपये के जिस स्पेशल पैकेज का एलान किया था, उसकी जानकारी नीति आयोग के पास नहीं है. इसका खुलासा सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी से हुआ है. […]
आरटीआइ के तहत िमली जानकारी से खुलासा
पटना : प्रधानमंंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में विधानसभा चुनाव के ठीक पहले बिहार के लिए 1.25 लाख करोड़ रुपये के जिस स्पेशल पैकेज का एलान किया था, उसकी जानकारी नीति आयोग के पास नहीं है. इसका खुलासा सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी से हुआ है. जदयू के प्रदेश प्रवक्ताओं नीरज कुमार व राजीव रंजन प्रसाद ने गुरुवार को प्रेस काॅन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि आरटीआइ के जरिये मांगी गयी जानकारी में नीति आयोग के आरटीआइ सेल के डायरेक्टर सह सीनियर रिसर्च आॅफिसर जगत हजारिका ने 26 अप्रैल को जारी पत्र में बताया है कि नीति आयोग के पास यह स्पेशल पैकेज घोषित होने की प्रधानमंत्री कार्यालय के प्रेस रिलीज के अलावा और कोई सूचना नहीं है. इस संबंध में न ही कोई आदेश और न ही बिहार को पैसा देने के बारे में कोई निर्देश प्राप्त हुआ है.
सूचना के अधिकार के तहत उपलब्ध करायी गयी इस जानकारी के बाद जदयू ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री कार्यालय और केंद्र सरकार ने बिहार की जनता को खुले तौर पर धोखा दिया है.
पार्टी प्रवक्ता नीरज कुमार और राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि बिहार चुनाव हारने के बाद पीएमओ और केंद्र सरकार में बिहार के प्रति भाव ही नहीं दिखा है. नीरज कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विधानसभा चुनाव के पहले 18 अगस्त, 2015 को आरा में बिहार की एक तरह से बोली लगाते हुए सवा लाख करोड़ रुपये का पैकेज देने की बात कही थी, लेकिन अब यह पैकेज आकाश में है या पाताल में है, पता नहीं. अगर यह सिर्फ घोषणा थी, तो यह पाखंड की पराकाष्ठा है. यह बिहार के साथ राजनीतिक साजिश और धोखाधड़ी है. विधानसभा चुनाव में वोट नहीं मिला, तो बिहार की जनता को प्रताड़ित किया जा रहा है.
अगर यह पूरा नहीं हो रहा है, तो प्रधानमंत्री बताएं कि कब तक यह पूरा होगा? नीरज कुमार ने कहा कि केंद्र में बिहार के 12 मंत्री हैं. ये मंत्री सिर्फ शो पीस बन कर रह रहे हैं. कहीं ऐसा तो नहीं प्रधानमंत्री के इसे कारनामे की उन्हें पहले से जानकारी थी. इसे पॉलिटिकल स्कैम कहा जाये, तो अतिशोयक्ति नहीं होगी. जब चेक बाउंस हो जाता है, तो उसे जारी करनेवाले पर आपराधिक मामला बनता है. ऐसे में बिहार को पैकेज देने की सार्वजनिक घोषणा करने के बाद अब तक कुछ कार्रवाई नहीं करने का जिम्मेवार कौन है?
बिहार के साथ हुई बड़ी ठगी : राजीव
जदयू के प्रदेश प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि बिहार के साथ बड़ी ठगी हुई है. बिहार के जो भी सांसद और केंद्र में मंत्री हैं, उनसे जनता पूछ रही है कि क्या वे इस धोखाधड़ी में शामिल हैं? अगर वे शामिल नहीं हैं तो पीएम नरेंद्र मोदी इसको लेकर माफी मांगे और नीति आयोग को 125 लाख करोड़ के पैकेज बिहार को देने को कहें. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कह चुके हैं कि स्पेशल पैकेज सिर्फ छलावा है. नीति आयोग के जवाब से अब यह साबित हो गया है.
िवस चुनाव के पहले पीएम ने किया था एलान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य विधानसभा चुनाव के ठीक पहले 18 अगस्त, 2015 को आरा में बिहार के लिए 1.25 लाख करोड़ के स्पेशल पैकेज का एलान किया था. इसके बाद यह पूरे विधानसभा चुनाव के दौरान मुख्य मुद्दा बना था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जहां इसे पहले से घोषित योजनाओं की रिपैकेजिंग करार दिया था, वहीं भाजपा ने इसे बिहार के संपूर्ण विकास के लिए निर्णायक बताया था.
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