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लालू का गाय के प्रति भाजपा प्रेम की जांच के बयान के विवाद ने लिया बड़ा रूप

पटना हाजीपुर : राजद प्रमुख लालू प्रसाद के अपने पार्टी के कार्यकर्ताओं से भाजपा के गाय के प्रति प्रेम की जांच के लिए भाजपा नेताओं के घरों के सामने दूध नहीं दे सकने वाली बूढ़ी गायों को बांधने के सलाह के बाद गत 6मई को बिहार के वैशाली जिला की एक अदालत में भाजपा के […]

पटना हाजीपुर : राजद प्रमुख लालू प्रसाद के अपने पार्टी के कार्यकर्ताओं से भाजपा के गाय के प्रति प्रेम की जांच के लिए भाजपा नेताओं के घरों के सामने दूध नहीं दे सकने वाली बूढ़ी गायों को बांधने के सलाह के बाद गत 6मई को बिहार के वैशाली जिला की एक अदालत में भाजपा के एक स्थानीय नेता के एक परिवाद पत्र दायर किये जाने के साथ भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने उन पर पलटवार करते हुए आज कहा कि लालू और उनके कार्यकर्ता जब स्वयं को सबसे बड़ा गौ सेवक होने का दावा करते हैं, तो वर्षों गाय से दूध प्राप्त करने के बाद उसे हमारे दरवाजे क्यों छोड़ना चाहते हैं.

राजद-बीजेपी में तकरार बढ़ा

गत, 4 मई को राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से कहा था कि भाजपा के लोग बूढ़ी और दूध नहीं दे पाने वाली गायों की सही मायने में देखभाल करते हैं या नहीं यह देखने के लिए उनके घरों के बाहर ऐसे मवेशियों को बांधे. नालंदा जिला के राजगीर में आयोजित राजद के प्रशिक्षण शिविर के बाद इस दल के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान लालू ने भाजपा और आरएसएस पर वोट हासिल करने के लिए गोरक्षा के मुद्दे को भुनाने के आरोप को सही साबित करने तथा गौमाता के प्रति उनके प्रेम की जांच के लिए अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से भाजपा नेताओं के घर के सामने सड़क पर घूम रही बिना दूध देने वाली बूढ़ी गायों को बांधने की सलाह दी थी.

लालू ने दी थी कार्यकर्ताओं को सलाह

उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि भाजपा नेता और जो लोग आरएसएस से जुड़े हैं वे गोरक्षा के नाम पर अल्पसंख्यक को निशाना बना रहे हैं. वे दूध के लिए नहीं बल्कि वोट के लिए ऐसा कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा था कि उनके ऐसा करने पर उन्हें अगर चार-छह डंडे भी खाने पडें तो उसे सहन कर लें. लाठी बर्दाश्त करें लेकिन गाय को भाजपा नेता के घर पर जरूर बांधें. गोमाता के प्रति प्रेम जताने वाली भाजपा के लिए अब ऐसा ही करना होगा. राजद प्रमुख लालू प्रसाद की इस सलाह के बाद गत छह मई को वैशाली जिला के भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के उपाध्यक्ष चंदेश्वर कुमार भारती ने अपने वकील लक्ष्मण कुमार सिन्हा किसलय के माध्यम मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में लालू और उनकी पार्टी राजद के चार अन्य कार्यकर्ताओं के खिलाफ भादंवि की धारा 323, 341, 379 और 504 के तहत एक परिवाद पत्र दायर किया गया था.

बीजेपी नेता ने लगाया आरोप

वैशाली जिले के गुरौल थाना अंतर्गत विशनपुर अर्डा गांव निवासी चंदेश्वर कुमार भारती के वकील किसलय ने आरोप लगाया था कि राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद द्वारा गत 4 मई को नालंदा जिला के राजगीर में किये गये आह्वान पर गत 5 मई को जब राजद कार्यकर्ता उनके मुवक्किल के घर के दरवाजे पर दो बूढ़ी गाय बांधने आये तो उन्होंने इसका विरोध किया. विशनपुर अर्डा गांव लालू के बड़े पुत्र और मंत्री तेज प्रताप यादव के विधानसभा क्षेत्र महुआ में पड़ता है. भारती ने आरोप लगाया था कि उनके मुवक्किल द्वारा विरोध किये जाने पर राजद कार्यकर्ताओं ने उनके साथ मारपीट की तथा उनसे दो हजार रुपये भी छीन लिए. भारती ने यह भी आरोप लगाया था कि राजद कार्यकर्ताओं ने उन्हें उक्त बूढ़ी गायों को खिलाने, अपने दरवाजे पर रखने तथा उनकी सेवा करने के लिए धमकाया.

विवाद पैदा करने कोशिश-राज

प्रभारी मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मोहम्मद एफ बारी ने भारती के इस परिवाद पत्र के सुनवाई की अगली तारीख आगामी 19 मई निर्धारित करते हुए इसे अपर मुख्य न्यायधीश :चतुर्थ: को हस्तानांतरित कर दिया है. भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने लालू पर आज पलटवार करते हुए कहा कि लालू और उनके कार्यकर्ता जब स्वयं को सबसे बडा गौ सेवक होने का दावा करते हैंै, तो वर्षों गाय से दूध प्राप्त करने के बाद उसे हमारे दरवाजे क्यों छोड़ना चाहते हैं. वहीं, राजद प्रवक्ता प्रगति मेहता ने कहा कि लालू प्रसाद ने केवल गोरक्षा की बात करने वाले भाजपा नेता सही मायने में गाय से प्रेम करते हैं या नहीं की जांच के लिए कहा था पर वैशाली के भाजपा नेता इसको लेकर बेवजह विवाद पैदा करने की कोशिश में लगे हैं.

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