पटना: भ्रष्टाचार के आरोप में कैमूर के पूर्व सिविल सजर्न व पश्चिमी कोसी नहर प्रमंडल, खुटौना के कार्यपालक अभियंता, जो फिलहाल कुसहा तटबंध पर प्रतिनियुक्त हैं, को सेवा से बरखास्त कर दिया गया है. एक चिकित्सक को भी लंबे समय से अपने पदस्थापन स्थल से गायब रहने के आरोप में सेवा से बरखास्त किया गया है.
चतुर्थ वित्त आयोग की अनुशंसा पर नगर निकायों में विकास कार्यो के लिए 325 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गयी है. इसी तरह राज्य उच्च पथ संख्या 78 बिहटा- सरमेरा पथ के चौड़ीकरण व उन्नयन कार्य जो पूरा हो गया है, के लिए 1117. 58 करोड़ रुपये के पुनरीक्षित प्राक्कलन को मंजूरी दी गयी है. एक अन्य फैसले में एडीबी संपोषित राज्य उच्च पथ संख्या 68, 69, 70, 71, 73, 74, 75, 76 व 77 के चौड़ीकरण, उन्नयन, पुल-पुलियों का निर्माण कार्य पूरा हो गया है उसके लिए 2628.87 करोड़ रुपये के पुनरीक्षित प्राक्कलन की मंजूरी दी गयी है. इन फैसलों पर शुक्रवार को कैबिनेट ने मुहर लगा दी.
मंत्रिमंडल की बैठक में लिये गये निर्णय की जानकारी देते हुए कैबिनेट के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्र ने बताया कि कैमूर के तत्कालीन सिविल सजर्न डॉ उचित मंडल पर वित्तीय अनियमितता का आरोप था. पहले उन्हें निलंबित किया गया था, अब सरकार ने उन्हें सेवा से बरखास्त कर दिया गया है. कोसी पश्चिमी नहर तटबंध कुसहा में प्रतिनियुक्त कार्यपालक अभियंता कामेश्वरनाथ सिंह को वर्ष 2009 में निगरानी ने पटना आने के क्रम में उनकी गाड़ी से आठ लाख नकद बरामद किया था. वह रिश्वत की राशि बतायी गयी थी. उन्हें भी सेवा से बरखास्त किया गया है.
उदवंत नगर, भोजपुर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थापित चिकित्सक डॉ विजय कुमार सिंह लंबे समय से गायब चल रहे थे. उन्हें अनुशासनहीनता के आरोप में सेवा से बरखास्त किया गया है.
पुस्तकालयाध्यक्षों के वेतन के लिए 4.14 करोड़
मंत्रिमंडल ने माध्यमिक शिक्षा के अंतर्गत राज्य के विभिन्न जिला पर्षदों व नगर निकायों में नियोजित 1601 पुस्तकालयाध्यक्षों के वेतन भुगतान के लिए 4.14 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गयी है. इसी तरह चंद्रगुप्त प्रबंधन संस्थान पटना को स्थापना मद के लिए छह करोड़ तथा कॉरपस फंड के लिए ढाई करोड़ रुपये की मंजूरी दी गयी है. ललित नारायण मिश्र आर्थिक विकास एवं सामाजिक परिवर्तन संस्थान को डेढ़ करोड़ रुपये व ब्रेडा कर्मियों के वेतन भुगतान के लिए 3.68 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गयी है. श्री मेहरोत्र ने बताया कि चतुर्थ राज्य वित्त आयोग की अनुशंसा पर स्थानीय निकाय क्षेत्रों में सड़क, स्ट्रीट लाइट, नाला आदि के निर्माण के लिए 325.93 करोड़ रुपये चालू वित्तीय वर्ष में दिये जायेंगे. यह राशि राज्य सरकार को मिलने वाले करों में से हिस्सेदारी के रूप में नगर निकायों को देने का प्रावधान है. नगर विकास विभाग के इस प्रस्ताव पर मंत्रिमंडल ने अपनी मंजूरी दे दी है. बिहार विधायी कार्य सेवा (भरती, प्रोन्नति एवं सेवा शर्ते) नियमावली को भी मंजूरी दी गयी है.