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सीनियर डॉक्टरों ने नहीं लगाया राउंड, नर्स व फार्मासिस्ट रहे गायब, कराह उठे मरीज
परेशानी. जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से हलकान रहे मरीज पटना : डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर पीएमसीएच में जूनियर डॉक्टरों की 48 घंटे की सांकेतिक हड़ताल दूसरे दिन भी जारी रही. मंगलवार को जूनियर डॉक्टरों ने काम बंद रखा. इधर, सीनियर डॉक्टर भी पहले की तरह विलंब से पहुंचे और वार्ड में राउंड भी नहीं […]
परेशानी. जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से हलकान रहे मरीज
पटना : डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर पीएमसीएच में जूनियर डॉक्टरों की 48 घंटे की सांकेतिक हड़ताल दूसरे दिन भी जारी रही. मंगलवार को जूनियर डॉक्टरों ने काम बंद रखा. इधर, सीनियर डॉक्टर भी पहले की तरह विलंब से पहुंचे और वार्ड में राउंड भी नहीं लगाया.
साथ ही कुछ वार्डों में नर्स, फार्मासिस्ट, लैब टैक्नीशियन, एक्स-रे टेक्नीशियन पारा मेडिकल स्टाफ नदारद मिले. इसका असर यह रहा कि मरीजों को दिन भर दोहरी मार झेलनी पड़ी. इस दौरान मरीजों को न सही मायने में इलाज मिला और न दवाएं. यहां तक मरीजों को अपनी जांच रिपोर्ट लेने के लिए भी इधर-उधर भटकना पड़ा. इन सबके बीच जूनियर डॉक्टर की 48 घंटे की सांकेतिक हड़ताल मंगलवार रात आठ बजे खत्म हो गयी और वे काम पर लौट आये.
30 प्रतिशत मरीज बिना इलाज के लौटे : हड़ताल की वजह से ओपीडी में 30 प्रतिशत मरीजों का इलाज नहीं हो सका और उन्हें बिना इलाज के ही लौटना पड़ गया. आम दिनों में ओपीडी में रोजाना 2500 से 2800 के आसपास मरीजों का उपचार होता है, लेकिन हड़ताल के चलते सिर्फ 1981 मरीजों का ही इलाज हो पाया. करीब 500 से 700 ऐसे मरीज थे, जिन्हें बिना इलाज ही लौटना पड़ा. नाराज मरीजों ने पीएमसीएच व स्वास्थ्य विभाग के प्रति अपना आक्रोश भी प्रकट किया. हालांकि इमरजेंसी में रोजाना की तरह 400 नये मरीजों का इलाज हुआ.
ओपीडी में अफरा-तफरी, लेट पहुंचे सीनियर डॉक्टर : मरीजों की शिकायत है कि ओपीडी का ताला नौ बजे खुला, लेकिन सीनियर डॉक्टर 9:30 बजे से 10 बजे के बीच अपने चेंबर में आये. नतीजा ओपीडी में भीड़ लग गयी. कुछ देर के लिए वहां अफरा-तफरी रही. बाद में सुरक्षा कर्मचारी पहुंचे और सभी को लाइन में लगाया. मरीजों का कहना है कि डॉक्टर समय पर आते, तो ओपीडी में अधिक भीड़ नहीं लगती.
पटना : पीएमसीएच में दो दिन चलनेवाली सांकेतिक हड़ताल मंगलवार को रात आठ बजे खत्म हो गयी. रात आठ बजे से जूनियर डॉक्टरों ने अपने-अपने वार्ड में ड्यूटी ज्वाइन कर ली.
हालांकि हड़ताल खत्म करने से पहले जूनियर डॉक्टरों ने स्वास्थ्य विभाग व पीएमसीएच प्रशासन को चेतावनी दी है कि अगर 15 दिन के अंदर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव की ओर से दिया गया आश्वासन अगर पूरा नहीं हुआ, तो 16वें दिन एक बैठक कर बड़ी रणनीति बनायेंगे, साथ ही अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जायेंगे. इधर जेडीए के अध्यक्ष डॉ विनय कुमार यादव ने बताया कि जिन डॉक्टरों की ड्यूटी रोस्टर के अनुसार लगी, वह रात आठ बजे से काम पर लौट गये और उन्होंने मरीजों का उपचार किया. डॉ विनय ने बताया कि बुधवार से जूनियर डॉक्टर ओपीडी में अपनी सेवाएं देंगे.
जूनियर डॉक्टरों की मांग
सचिवालय में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन व जूनियर डॉक्टरों के बीच वार्ता हुई. जूनियर डॉक्टरों को आश्वासन दिया गया है कि मुजफ्फरपुर मेडिकल कॉलेज में टीओपी थाना खुलेगा, साथ ही पीएमसीएच में 72 की जगह 140 सुरक्षा गार्डों की तैनाती होगी. कई अन्य मांगें भी मानी गयीं.
पटना सिटी : नालंदा मेडिकल काॅलेज अस्पताल में लगातार दूसरे दिन मंगलवार को भी कनीय चिकित्सक दिनभर हड़ताल पर रहने के बाद शाम को काम पर लौट आये. हड़ताली कनीय चिकित्सकों ने सुबह में अस्पताल के इमरजेंसी गेट के बाहर से विरोध मार्च निकाला और अधीक्षक कार्यालय आये, जहां पर प्रदर्शन के उपरांत सुरक्षा की मांगों को लेकर अस्पताल अधीक्षक डॉ आनंद प्रसाद सिंह को मांगों का ज्ञापन सौंपा.
अधीक्षक ने हड़तालियों को आश्वस्त किया कि इमरजेंसी में सुरक्षा प्रहरियों की संख्या बढ़ायी जायेगी. दो दिनों की सांकेतिक हड़ताल पर गये कनीय चिकित्सकों ने सुबह से ही अस्पताल के ओपीडी, आॅपरेशन थिएटर व वार्ड में ड्यूटी से अलग रहे. कनीय चिकित्सक संघ के सचिव अविनाश कुमार, डॉ मात्लेह समेत अन्य शामिल थे. हड़ताल के बाद यहां सीनियर डॉक्टरों ने कमान संभल ली थी.
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