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उत्तर बिहार में दूर होगा बिजली संकट

दो ग्रिडों के चालू होने से सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, चंपारण आदि के उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा पटना : दरभंगा और अरेराज (मोतिहारी) में सुपर ग्रिड चालू हो जाने के बाद उत्तर बिहार में बिजली संकट दूर हो जायेगा. लोगों को बेहतर बिजली मिलने लगेगी. दरभंगा का ग्रिड इसी महीने चालू होगा. जबकि, मोतिहारी के ग्रिड को […]

दो ग्रिडों के चालू होने से सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, चंपारण आदि के उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा
पटना : दरभंगा और अरेराज (मोतिहारी) में सुपर ग्रिड चालू हो जाने के बाद उत्तर बिहार में बिजली संकट दूर हो जायेगा. लोगों को बेहतर बिजली मिलने लगेगी. दरभंगा का ग्रिड इसी महीने चालू होगा. जबकि, मोतिहारी के ग्रिड को जून में चालू करने की तैयारी है. दोनों ग्रिड के चालू हो जाने के बाद उत्तर बिहार में 1000 मेगावाट से अधिक बिजली की आपूर्ति शुरू हो जायेगी.
दक्षिण बिहार में सात सुपर ग्रिड था, लेकिन उत्तर बिहार में इसकी कमी देखी जा रही थी. दरभंगा में 400-220 केवीए और अरेराज में 400-132 केवीए का ग्रिड बन रहा है. दरभंगा का ग्रिड बनकर तैयार हो गया है और इसका ट्रायल भी हो गया है. इसी महीने इसके विधिवत चालू होने की घोषणा होगी. मोतिहारी ग्रिड जून में चालू होगा. दोनों ग्रिड के चालू हो जाने से सीतामढ़ी, शिवहर, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, चंपारण, सीवान, गोपालगंज, छपरा आदि को उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा. लो वोल्टेज की समस्या दूर होगी.
उत्तर बिहार में लंबे समय से सुपर ग्रिड की जरूरत महसूस की जा रही थी. दक्षिण बिहार में बांका, लखीसराय, बोधगया, बिहारशरीफ, पुसौली, पटना और आरा में सुपर ग्रिड था. उत्तर बिहार में किशनगंज व कटिहार में सुपर ग्रिड था. अब दरभंगा व मोतिहारी में ग्रिड हो जाने से उपभोक्ताओं को अधिक और गुणवत्तापूर्ण बिजली मिलने लगेगी.
वर्ष के अंत तक सूबे में हो जायेंगे 152 ग्रिड
राज्य में बिजली उपभोक्ताओं की संख्या बढ़ रही है साथ ही बिजली की भी मांग बढ़ रही है. राज्य में 24 घंटे सातों दिन बिजली आपूर्ति के कंसेप्ट पर काम हो रहा है. बिजली की बढ़ती मांग और खपत को देखते हुए बिजली संचरण व्यवस्था को दुरुस्त किया जा रहा है.
चालू वित्तीय वर्ष में 40 नया ग्रिड बनाने की योजना है. इनमें से कई का काम शुरू भी हो गया है. अभी राज्य में 110 ग्रिड है. चालू वित्तीय वर्ष के अंत तक इसकी संख्या 152 हो जायेगी. इन ग्रिडों के बन जाने के बाद बिजली निकासी की क्षमता 9000 मेगावाट हो जायेगी. अभी राज्य की बिजली निकासी क्षमता 6392 मेगावाट है.
इस साल के अंत तक राज्य के सभी गांवों में और अगले साल यानी 2018 तक सभी घरों में बिजली पहुंचाने की योजना है.
24-7 कंसेप्ट को अमली जामा पहनाने के लिए सभी ग्रिडों को आपस में जोड़ा जा रहा है. सभी ग्रिडों को डबल सर्किट तार से जोड़ा जा रहा है. ग्रिडों को आपस में जुड़ने और डबल सर्किट तार का सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि अगर कोई ग्रिड फेल करेगा या तार में खराबी आयेगी तो दूसरे ग्रिड से आपूर्ति शुरू हो जायेगी. राज्य में 82 लाख से अधिक उपभोक्ता हैं. अभी राज्य में 4000 से 4200 मेगावाट बिजली की मांग है. इसमें लगातार बढ़ोतरी हो रही है.

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