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महिलाओं के लिए बजट में बढ़ी 32 फीसदी राशि

जेंडर बजटिंग : बिहार विधानसभा में पेश हुआ बजट, वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए 19,996 करोड़ रुपये का प्रावधान पटना : राज्य सरकार ने बिहार विधानसभा में जेंडर बजट पेश कर दिया है. जेंडर बजट में महिलाओं के विकास के लिए सरकार ने 32.63 फीसदी राशि की बढ़ोतरी की है. महिलाओं के विकास के लिए […]

जेंडर बजटिंग : बिहार विधानसभा में पेश हुआ बजट, वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए 19,996 करोड़ रुपये का प्रावधान
पटना : राज्य सरकार ने बिहार विधानसभा में जेंडर बजट पेश कर दिया है. जेंडर बजट में महिलाओं के विकास के लिए सरकार ने 32.63 फीसदी राशि की बढ़ोतरी की है. महिलाओं के विकास के लिए वित्तीय वर्ष 2016-17 में 15,077 करोड़ राशि की व्यवस्था की गयी थी, वहीं वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए 19,996 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. राज्य सरकार का इस साल का कुल बजट 1,60,085 करोड़ है.
जिसमें महिलाओं के लिए 12.49 फीसदी राशि की व्यवस्था की गयी है, जो वर्तमान वित्तीय वर्ष से ज्यादा है. चालू वित्तीय वर्ष में कुल बजट की 10.42 प्रतिशत राशि का ही महिलाओं के लिए प्रावधान किया गया था.
महिलाओं पर सबसे ज्यादा ग्रामीण विकास विभाग में राशि खर्च होगी. ग्रामीण विकास को इसके लिए सरकार ने 7245 करोड़ रुपये देने का प्रावधान किया है. वहीं, शिक्षा विभाग को लड़कियों व महिलाओं के विकास के लिए 6608 करोड़, समाजकल्याण विभाग के लिए 2877 करोड़ रुपये और स्वास्थ्य विभाग के लिए 1346 करोड़ के प्रावधान किये गये हैं.
महिलाओं के लिए प्रमुख योजनाएं
मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना, मुख्यमंत्री बालिका साइकिल योजना, मुख्यमंत्री कन्या सुरक्षा योजना, मुख्यमंत्री नारी शक्ति योजना, अंतरजातीय विवाह योजना, लक्ष्मीबाई सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना, इंदिरा आवास योजना, परवरिश, बिहार ग्रामीण जीवकोपार्जन परियोजना (जीविका) मुख्यमंत्री बालिका पोशाक योजना व मुख्यमंत्री शताब्दी पोशाक योजना, राजकीय महिला महाविद्यालय, इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना सहित राष्ट्रीय महिला शक्तिकरण मिशन व महिला विकास निगम.
पटना. बिहार विधानसभा में बाल कल्याण योजनाओं के लिए राज्य सरकार वित्तीय वर्ष 2017-18 में 18,420 करोड़ रुपये खर्च करेगी. इसमें सबसे ज्यादा 12,978 करोड़ रुपये सिर्फ शिक्षा विभाग के जरिये ही खर्च किये जायेंगे. वहीं, 3354 करोड़ रुपये समाज कल्याण विभाग से 1277 करोड़ रुपये पिछड़ा व अतिपिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग से खर्च किये जायेंगे. बाल कल्याण योजनाओं के लिए सरकार ने 2443 करोड़ की बढ़ोतरी की है. वित्तीय वर्ष 2016-17 में 15,977 करोड़ का बजट था, जबकि 2017-18 में 18,420 करोड़ का बजट रखा गया है.
बाल कल्याण योजनाओं की प्रमुख परियोजनाएं : सर्वशिक्षा अभियान, मध्याह्न भोजन योजना, पूरक पोषाहार (आंगनबाड़ी में), राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान, एकीकृत बाल विकास सेवाएं (दवाओं की किट), प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में छात्रवृत्ति. विद्यालय छात्रवृत्ति, मुख्यमंत्री बालिका पोशाक योजना, उच्च विद्यालय में छात्रवृत्ति, मुख्यमंत्री पोशाक योजना (सामान्य), मुख्यमंत्री विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना, मध्य विद्यालय के छात्रों का परिभ्रमण, नवजात शिशु की घर पर देखभाल और मुख्यमंत्री पोशाक योजना (अनुसूचित जाति).
विभाग खर्च होगी राशि
कला संस्कृति विभाग 10 करोड़
शिक्षा विभाग 12,978 करोड़
समाज कल्याण 3354 करोड़
श्रम संसाधन 281 लाख
एससी-एसटी कल्याण 644 करोड़
स्वास्थ्य विभाग 79 करोड़
अल्पसंख्यक कल्याण 73 करोड़

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