पटना. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में केंद्र ने राज्यों पर बोझ बढ़ा दिया है. इसके साथ ही पैसे भी नहीं दे रही है. विधान परिषद में यह वक्तव्य ग्रामीण कार्य मंत्री शैलेश कुमार ने दिया. उन्होंने 2017-18 के आय व्यय पर सामान्य वाद विवाद के बाद सरकार की ओर से जवाब दे रहे थे. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने जनवरी 2017 तक 21145 किलोमीटर सड़क बनायी है.
इसके अलावा 41562 किमी सड़क पीएमजीएसवाइ में बनायी गयी है. केंद्र के पास कुल 9648 करोड़ रुपये बकाया हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र 60 प्रतिशत और राज्य को 40 प्रतिशत देना होता है. इसके साथ ही इंटीग्रेटेड एक्शन प्लान में भी राशि का आवंटन बंद कर दिया गया है. इसके बाद भी राज्य सरकार कृत संकल्पित है कि हमने सारे टोलों तक सड़क बनाने का संकल्प सात निश्चय के तहत लिया है. इस राह में हम आगे बढ़ रहे हैं और इसे पूरा करेंगे.
सेंटर ऑफ एक्सिलेंस पर है जोर : विजय प्रकाश
श्रम संसाधन मंत्री विजय प्रकाश ने कहा कि हम युवाओं को कुशल बनाने की राह में लगातार काम कर रहे हैं. 240 घंटे का प्रशिक्षण देकर हम सारे युवाओं को सशक्त कर रहे हैं. 18 अनुमंडलों में आइटीआइ हो गये हैं, 18 होना बाकी है. वर्ल्ड बैंक की सहायता से हम श्रम संसाधन केंद्रों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाएंगे. नियोजनालयों में ऑनलाइन निबंधन हो रहा है और उनके रोजगार के रास्ते हम खोल रहे हैं.
ध्यानाकर्षण प्रस्ताव:
इसके पहले ध्यानाकर्षण प्रस्ताव में रामचंद्र भारती ने मानसिक दिव्यांग बच्चों के लिए आवासीय विद्यालय खोलने की मांग की. समाज कल्याण मंत्री ने बताया कि अगले वित्तीय वर्ष में ये खोल दिये जायेंगे. लालबाबू प्रसाद ने पश्चिम चंपारण में नटकटियागंज बलथर पथ पर पंडई पुल की मरम्मति के संबंध में ध्यान आकृष्ट कराया. ग्रामीण कार्य मंत्री ने कहा कि इसकी जल्द ही मरम्मत करायी जायेगी. नीरज कुमार के टाल क्षेत्र में स्थायी जल प्रबंधन के संबंध में सरकार का ध्यान आकृष्ट कराने पर ललन सिंह ने जवाब देते हुए कहा कि 16200 हेक्टेयर में टाल है. बाढ़ नियंत्रण के लिए एंटी फ्लड फिश बनाया जा रहा है. 18850 लाख रुपये की योजना से पटना, नालंदा और शेखपुरा जिले में इसे दो साल के अंदर क्रियान्वित करा रहे हैं. केदारनाथ पांडे ने स्लीपर बसों का परिचालन बंद करने और बिना स्लीपर बसों का परमिट निर्गत करने के संबंध में ध्यान दिलाया तो परिवहन मंत्री ने जवाब दिया कि मोटर वाहन अधिनियम में कुछ स्पष्ट निर्देश नहीं हैं. कार्रवाई के जो सामान्य नियम हैं उसी के तहत कार्रवाई होती है. सरकार भी इसकी जांच करायेगी. हीरा बिंद ने धोबा नदी और फोर लेन के बीच में चौड़ीकरण के संबंध में सवाल पूछा तो मंत्री ने जवाब दिया कि वे उसे प्राथमिकता के स्तर पर बनवा देंगे. सामान्य वाद विवाद में विजय कुमार मिश्रा, राजन कुमार सिंह, रामलषण राम रमन, सुबोध कुमार और रीना देवी ने भाग लिया.