पटना : बिहार विधानसभा मेंशुक्रवार को बीएसएसएसी पेपर लीक मामले में हुए नये खुलासे को लेकर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया. भाजपा सदस्यों केहंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने नेता प्रतिपक्ष को चेतावनी दी और कहा कि वे अपने विधायकों को हंगामा करने से रोकें, नहीं तो उनपर कार्रवाई की जायेगी. उधर, बीएसएससी प्रश्न-पत्र लीक मामले में आइएएस अधिकारी सुधीर कुमार की गिरफ्तारी का विरोध आइएएस अधिकारियों की परेशानी बढ़ा सकता है.
वहीं बीएसएससी पेपर लीक मामले में आइएएस सीके अनिल को लेकर सरकार इश्तेहार जारी करने की तैयारी में जुट गयी है. सरकारउनके खिलाफ अखबार में इश्तेहार जारी करउन्हें दस दिनोंकेभीतर एसआइटी के सामने उपस्थित होने की चेतावनीदेगी. आइएएस अधिकारियों को नोटिस भेजे जाने पर भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा किराज्य में सरकार इमरजेंसी जैसी स्थिति पैदा करना चाहती है.
इन सबके बीच भाजपा नेता प्रेमकुमारने पेपर लीकमामले की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी से कराये जाने की मांग करते हुए आइएएस अधिकारियों को नोटिस जारी किये जाने को अलोकतांत्रिक करार दिया है. इससे पहले आज सुबहबीएसएससीपेपर लीक मामले को लेकर विधानसभा परिसर में भाजपा सदस्यों ने हंगामा करते हुए मामले की जांच सीबीआइ से कराये जाने की मांग करतेहुए नारेबाजीकी.
वहीं भाजपा एमएलसी विनोद नारायण झा ने इस मामले पर कहा कि एसआइटी की जांच में नए खुलासे चौंकानेवाले है.उन्होंने मांग करते हुए कहा कि सीएम नीतीशइननये खुलासे के बाद अविलंब करें कार्रवाई.गौर हो कि बीएसएससी पेपरलीककेस में आयोग के पूर्व सचिव और मुख्य आरोपियों में से एक परमेश्वर राम के जब्त मोबाइल ने इसमामले मेंकई राज उगले हैं.जिससे पेपरलीक प्रकरण में नया मोड़ आ गया है. रिमांड पर आए पूर्व सचिव परमेश्वर राम के मोबाइल से एसआइटी को बिहार के मंत्री-विधायक, पूर्व सांसद और एक बड़े आइएएसअधिकारी के नंबर मिले हैं.
आइएएस अधिकारियों को मिला नोटिस
बीएसएससी पेपर लीक मामले में आइएएस अधिकारी सुधीर कुमार की गिरफ्तारी का विरोध में आइएएस ऑफिसर्स एसो. द्वारा किए गए आंदोलन को लेकर सरकार का रुख सख्त है. सूत्रों के मुताबिक जल्द ही आंदोलन में शामिल हुए आईएएस अफसरों से स्पष्टकीकरण मांगने की तैयारी है. मालूम हो कि सुधीर कुमार की गिरफ्तारी के विरोध में 26 फरवरी को आइएएस ऑफिसर्स एसोसिएशन बिहार शाखा की पटना में बैठक हुई थी. एसोसिएशन ने दावा किया था कि बैठक में 110 के करीब आइएएस अफसर शामिल हुए थे. इनमें से पांच दर्जन से ज्यादा अफसर राजभवन के सामने कतार में खड़े होकर गिरफ्तारी पर अपना विरोध प्रकट किया था.