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पड़ोसी प्रांत पर निर्भर खाद्य नूमनों की जांच
हाल अगमकुआं स्थित खाद्य प्रयोगशाला का पांच वर्षों से रिक्त है खाद्य विश्लेषक का पद लाखों की मशीनों को लग रहा है जंग अपग्रेड करने की योजना पर हो रहा मंथन पटना सिटी : अगमकुआं स्थित सूबे के एकमात्र संयुक्त खाद्य एवं औषधि प्रयोगशाला में नमूनों के जांच का कार्य पांच वर्षों से ठप पड़ा […]
हाल अगमकुआं स्थित खाद्य प्रयोगशाला का
पांच वर्षों से रिक्त है खाद्य विश्लेषक का पद
लाखों की मशीनों को लग रहा है जंग
अपग्रेड करने की योजना पर हो रहा मंथन
पटना सिटी : अगमकुआं स्थित सूबे के एकमात्र संयुक्त खाद्य एवं औषधि प्रयोगशाला में नमूनों के जांच का कार्य पांच वर्षों से ठप पड़ा है. जब्त किये गये खाद्य पदार्थ की जांच का दायित्व पड़ोसी राज्यों पर है.
दरअसल मामला यह है कि नूमनों के जांच के लिए अधिकृत खाद्य विश्लेषक का पद सितंबर, 2012 के बाद से रिक्त पड़ा है. इस कारण नमूनों की जांच का काम बंद है, जबकि तीज-त्योहार के मौसम में खाद्य सुरक्षा कानून को प्रभावी बनाने के लिए ताबड़-तोड़ छापेमारी की जाती है.
छापेमारी में जब्त खाद्य नमूनों को जांच के लिए कोलकाता व झारखंड भेजा जाता है. स्थिति यह है कि जांच के लिए लगे करोड़ों रुपये की मशीन जंग खा रही है. हालांकि, विभाग की ओर से अपग्रेड करने की योजना बनी है, लेकिन मामला खाद्य विश्लेषक के नहीं रहने की स्थिति में अटक गया है.
जांच के लिए खास हैं जो मशीनें: प्रयोगशाला में खाद्य पदार्थों में सूक्ष्म से सूक्ष्म पदार्थों की जांच के लिए प्रमुख मशीनें लगी हैं, जो कारगर नहीं हैं. जानकारी के अनुसार गैसको मोटोग्राफी, गैस एनिलाइजर व फोटो साइंटोग्राफी समेत अनेक ऐसी मशीनें हैं. इतना ही नहीं एएएस नामक मशीन ,तो चालू ही नहीं हो सकी. पूरा उपकरण कंप्यूटराइज्ड है, जो जांच कार्य नहीं होने की स्थिति में बंद पड़ा है.
सूबे में फूड सेफ्टी एक्ट 2011 लागू है.
कोलकाता जायेगा जांच को: आलमगंज थाना के मीना बाजार जल्ला रोड में 21 फरवरी को छापेमारी के बाद जब्त किये गये तीन हजार टीन मिलावटी खाद्य तेल व एसेंस के नमूने को कोलकाता जांच के लिए भेजा जायेगा. बताते चलें कि आर्थिक अपराध इकाई व खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी ने यह छापेमारी की थी.
नया नहीं है मिलावट का धंधा: ब्रांडेड कंपनी के जार व टीन में लोकल तेल व रिफाइंड को भर कर बेचने का मामला नया नहीं है. पहले भी पुलिस व खाद्य सुरक्षा की टीम धंधे का उजागर कर चुकी है. अगमकुआं थाना के 2013 में पुलिस ने छोटी पहाड़ी स्थित एक गोदाम में छापेमारी कर भारी मात्रा में रिफाइन जब्त किया था.यहां घटिया रिफाइन को ब्रांडेड कंपनियों के के जार में भर कर बाजार में बेचने के लिए भेजा जाता था. 26 दिसंबर, 2014 को भी खाजेकलां थाना क्षेत्र के मैदा टोली मोहल्ले में छापेमारी कर मिलते जुलते नाम से बने नारियल तेल की फैक्टरी का उद्भेदन किया था.
2014 में ही तत्कालीन एसडीओ त्याग राजन एसएम ने मारुफगंज मंडी में छापेमारी कर ब्रांडेड कंपनी के टीन में लोकल खाद्य तेल भर कर बेचने के लिए ठेला पर जा रहे 11 टीन में रखे 165 किलो खाद्य तेल को जब्त किया था. बताया जाता है कि पटना सिटी में नकली साबुन, तेल, चप्पल, कॉस्मेटिक आदि सामान बनाने का धंधा वर्षों से चल रहा है़ इसके अलावा खाद्य पदार्थों में भी मिलावट का खेल खुलेआम जारी है़
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