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आवेदक के दावे की होगी जांच, तभी मिलेगा स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड का लोन

हर जिले में बनायी गयी तीन सदस्यीय कमेटी पटना : स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड में लोन तभी मिलेगा, जब जिला शिक्षा कार्यालय द्वारा उसे ग्रीन सिगनल दिया जायेगा. स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के लिए लोन मिलने से पहले थर्ड पार्टी के तौर पर जिला शिक्षा कार्यालय काम करेगी. इसके लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया […]

हर जिले में बनायी गयी तीन सदस्यीय कमेटी
पटना : स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड में लोन तभी मिलेगा, जब जिला शिक्षा कार्यालय द्वारा उसे ग्रीन सिगनल दिया जायेगा. स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के लिए लोन मिलने से पहले थर्ड पार्टी के तौर पर जिला शिक्षा कार्यालय काम करेगी. इसके लिए तीन सदस्यीय कमेटी का
गठन किया गया है.
इसमें उच्च माध्यमिक के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी और मध्याह्न भोजन योजना केजिला कार्यक्रम पदाधिकारी को शामिल किया गया है. यह जांच कमेटी संबंधित अभ्यर्थी के पूरे डिटेल्स की जांच करेगी, जो स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत एजुकेशन लोन लेना चाह रहे हैं.
चेन्नई, मुंबई, कोलकाता के कॉलेजों के आये हैं अधिक आवेदन : स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के लिए अब तक दो हजार से अधिक आवेदन आ चुके हैं. इसमें से अधिकांश आवेदन चेन्नई, कोलकाता, मुंबई, कानपुर और एनएसआइटी, बिहटा से आया है. अब इन तमाम कॉलेजों की जांच जिला शिक्षा कार्यालय की ओर से करवायी जायेगी. सही होने पर ही लोन मिलेगा.
– आंध्र प्रदेश की थी थर्ड पार्टी, जानकारी किसी को नहीं
स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के तहत लोन लेने के लिए जिस थर्ड पार्टी से जांच करवायी जा रही थी, वो थर्ड पार्टी आंध्र प्रदेश की थी. जिला शिक्षा कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार इस थर्ड पार्टी की जानकारी किसी को नहीं थी. स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के तहत जाे पदाधिकारी अभ्यर्थी के आवेदन लेते थे, उन पदाधिकारी को भी थर्ड पार्टी के बारे में जानकारी नहीं थी.
ज्ञात हो कि स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के लिए पहले अभ्यर्थी को आवेदन देना होता है. ऑनलाइन आवेदन जमा लेने के बाद अभ्यर्थी का सारे कागजात के साथ फिजिकल वेरिफिकेशन किया जाता है. इसके बाद अभ्यर्थी जिस कॉलेज में पढ़ रहा है, उसकी जांच थर्ड पार्टी से करवायी जाती है.
इन चीजों की टीम करेगी जांच
– स्टूडेंट ने कॉलेज में नामांकन लिया है या नहीं
– कॉलेज कहां पर है और कॉलेज कब से चल रहा है
– कॉलेज का फीस स्ट्रक्चर क्या है
– स्टूडेंट का रिजल्ट कैसा है
कोट
अभ्यर्थी की पूरी जांच की जायेगी. किस कॉलेज में नामांकन लिया, किस विषय में पढ़ाई कर रहा है. संबंधित शिक्षण संस्थान के फीस स्ट्रक्चर आदि की जांच की जायेगी. सारी जांच के बाद ही कोई लोन दिया जायेगा.
डॉ. अशोक कुमार, डीपीओ, जिला शिक्षा कार्यालय
पटना : इंटरमीडिएट के बाद मैट्रिक के रजिस्ट्रेशन में भी गड़बड़ी की गयी है. प्रदेश भर के कई स्कूलों से डुप्लीकेट रजिस्ट्रेशन बनवाने के मामला सामने आये हैं. इसका मकसद बड़े स्तर पर फर्जी तरीके से परीक्षा दिलवाने की कोशिश थी. रजिस्ट्रेशन के बाद
परीक्षा फाॅर्म भरा दिया गया.
जब एडमिट कार्ड बनने का समय आया, तो बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के सामने पूरा गड़बड़झाला पकड़ में आया. समिति के अनुसार डुप्लीकेट रजिस्ट्रेशन बनवाने का मामला सबसे ज्यादा वैशाली और छपरा में पाया गया है. इन दाेनों जिला के अलावा सीवान से भी डुप्लीकेट रजिस्ट्रेशन के मामले सामने आये हैं.
दो कोड पर भर दिया रजिस्ट्रेशन : सूरज कुमार (बदला हुआ नाम) का नाम, अभिभावक का नाम, जन्मतिथि सब एक जैसा था. लेकिन दो जिला कोड पर परीक्षा फाॅर्म भर दिया था. एक वैशाली जिला जहां 53512 कोड है और दूसरा छपरा जिला 91503 कोड से रजिस्ट्रेशन करवाया गया है. जब परीक्षा फॉर्म भराया, तो मामला पकड़ में आया. ऐसे कई परीक्षार्थियों की सूची बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के पास मौजूद है.
परीक्षार्थी संग संस्थान पर भी होगी प्राथमिकी
जिन परीक्षार्थियों ने डुब्लीकेट तरीके से रजिस्ट्रेशन करवाये हैं, उन पर समिति कार्यालय प्राथमिकी दर्ज करेगी. वहीं, जिन कॉलेज या स्कूलों से इंटर और मैट्रिक का रजिस्ट्रेशन किया गया है, उन संस्थानों को पहले कारण बताओ नोटिस जारी किया जायेगा. उसके बाद प्राथमिकी की जायेगी.
डुप्लीकेट रजिस्ट्रेशन के कई मामले समिति की नजर में हैं. वैसे परीक्षार्थियों को परीक्षा नहीं देने दिया जायेगा. कई जिले ऐसे हैं, जहां से डुप्लीकेट के मामले अधिक आये हैं.
आनंद किशोर, अध्यक्ष, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति

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