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महिला किसान समूहों को भी जीविका से जोड़ा जाये
पटना : ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि भारत कृषि प्रधान देश है. देश के 64 फीसदी लोग खेती किसानी से जुड़े हैं. इसमें 78 फीसदी महिलाएं भी शामिल हैं. बावजूद इसके महिला किसानों की स्थिति दयनीय है. 2010-11 के खेती सेंसस के मुताबिक मात्र छह फीसदी महिलाओं को ही जमीन […]
पटना : ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि भारत कृषि प्रधान देश है. देश के 64 फीसदी लोग खेती किसानी से जुड़े हैं. इसमें 78 फीसदी महिलाएं भी शामिल हैं. बावजूद इसके महिला किसानों की स्थिति दयनीय है. 2010-11 के खेती सेंसस के मुताबिक मात्र छह फीसदी महिलाओं को ही जमीन का मालिकाना हक है. ऐसे में खेती से जुड़ी महिलाओं को सशक्त करने के लिए महिला किसान सशक्तीकरण परियोजना को गंभीरतापूर्वक लागू करने की जरूरत है. मंगलवार को महिला किसान अधिकार मंच की ओर से कुर्जी स्थित नवज्योति निकेतन में महिला किसानों के हक और पहचान पर दो दिवसीय विमर्श का आयोजन किया गया.
पूर्व कृषि उत्पादन आयुक्त विजय प्रकाश ने खेती से जुड़ी महिलाओं को नये -नये प्रयोगों के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि सब्जियों के उत्पादन कर महिलाएं बेहतर जीविका पार्जन कर सकती हैं. नाबार्ड के डीजीएम डीके दास ने कहा कि नाबार्ड खेती कार्य से जुड़ी महिलाओं को सस्ते दर पर कर्ज उपलब्ध करा रही है.
रिटायर्ड आइएस मनोज श्रीवास्तव ने महिलाआें को जमीन का मालिकाना हक दिलाने पर जोर दिया. वहीं, पूर्व सभापति उदय नारायण चौधरी ने कहा कि महिला किसानों के भूमि अधिकारों को सुरक्षित करना हमारी जिम्मेवारी है. मौके पर महिला किसान अधिकार मंच की बिहार संयोजक कीर्ति, झारखंड से आये प्रतिनिधि बिन्नी एसएचएआरसी, निदान की सुनीता व एकता परिषद की मंजु डुंगडुंग समेत अन्य मौजूद थे.
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