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नर्सिंग एक्ट ताक पर, बोर्ड टांग खोल दिया अस्पताल

आनंद तिवारी पटना : स्वास्थ्य विभाग नर्सिंग एक्ट का पालन नहीं करवा पा रही है. एक्ट को लागू हुए दो साल से अधिक हो चुके हैं, इसके बावजूद अब तक एक भी नर्सिंग होम पर न तो चेतावनी जारी हुई है और न कोई कार्रवाई. झोला छाप डॉक्टरों पर कार्रवाई की बात, तो छोड़ ही […]

आनंद तिवारी
पटना : स्वास्थ्य विभाग नर्सिंग एक्ट का पालन नहीं करवा पा रही है. एक्ट को लागू हुए दो साल से अधिक हो चुके हैं, इसके बावजूद अब तक एक भी नर्सिंग होम पर न तो चेतावनी जारी हुई है और न कोई कार्रवाई. झोला छाप डॉक्टरों पर कार्रवाई की बात, तो छोड़ ही दीजिए.
स्वास्थ्य क्षेत्र में गुणवत्ता लाने और मरीजों को सस्ता इलाज मुहैया कराने को लेकर बनाये गये इस एक्ट का पालन नहीं होने का सबसे बड़ा कारण अस्पतालों का रजिस्ट्रेशन नहीं होना है.
विभाग भी इस मामले में सुस्त है. यही वजह है कि प्रदेश में नर्सिंग होम एक्ट लागू होने के बाद भी मरीजों को लाभ नहीं मिल पा रहा है. पटना में अस्पतालों की भरमार है. सबसे अधिक अस्पताल बाइपास इलाके में हैं. खास बात यह है कि सभी अस्पतालों के सामने बड़े-बड़े बोर्ड लगे हैं, जिन पर डॉक्टरों की विदेशों से प्राप्त उच्च चिकित्सा की डिग्री है. मरीज भी जाते हैं, पर जब कोई मरीज इलाज से संतुष्ट नहीं होता है, तब उसका ध्यान बोर्ड पर लगे डिग्री पर जाती है और सही से इलाज न होने पर खुद को ठगा महसूस करते हैं. इन डॉक्टरों की डिग्रियां सही हैं या गलत, इसको चेक करनेवाला कोई नहीं है.
एक्ट में आनेवाले नर्सिंग होम को मरीजों के हित में सुविधाएं और सेवाएं देनी होंगी. एक बीमारी का एक जैसा फीस सभी अस्पतालों को करना होगा. अस्पतालों में न्यूनतम कर्मी की व्यवस्था होनी चाहिए. लेखा-जोखा का भी हिसाब रखना होगा. इसके लागू होने से लोगों को चिकित्सा के क्षेत्र में बेहतर सुविधाएं मिलेंगी, साथ ही निजी नर्सिंग होम पर नियंत्रण भी होगा. एक अस्पताल का लाइसेंस दूसरे अस्पताल को हस्तांतरित नहीं किया जा सकता. बगैर लाइसेंसवाले नर्सिग होम में काम करनेवालों पर भी कार्रवाई होगी. नियमों का उल्लंघन करने पर अस्पताल का लाइसेंस रद्द होगा.
क्या कहते हैं अधिकारी
स्वास्थ्य विभाग जब कार्रवाई करने को कहेगा, तो हम उसी दिन से कार्रवाई करना शुरू कर देंगे. पिछले साल ही हम लोगों ने बाइपास इलाके में कई अस्पतालों में छापेमारी की थी. जिम्मेवार डॉक्टरों व अस्पताल पर भी कार्रवाई हुई थी. छापेमारी के दौरान डॉक्टरों की डिग्री की भी जांच होती है.
डॉ जीएस सिंह, सिविल सर्जन
आइएमए का पक्ष
एक्ट में संशोधन की बातें स्वास्थ्य विभाग से चल रही हैं. बहुत सारे अस्पतालों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है. सरकार की ओर से जो भी फैसला आयेगा, हमें मंजूर है. फैसले के अनुसार ही कार्रवाई होगी.
डॉ सुनील सिंह, उपाध्यक्ष,
आइएमए
कहां कितने हुए रजिस्ट्रेशन
– पूरे बिहार में 280 अस्पतालों ने क्लिनिकल एस्टेब्लिसमेंट एक्ट के तहत कराया है रजिस्ट्रेशन – इनमें 235 प्राइवेट और 45 सरकारी अस्पताल हैं – पटना जिले में अब तक सरकारी और प्राइवेट मिला कर 175 अस्पतालों का रजिस्ट्रेशन
स्वच्छता अभियान के साथ पीएमसीएच में आज से शुरू होगा फाउंडेशन डे
पटना. पटना मेडिकल कॉलेज में शनिवार से ही स्थापना दिवस की शुरुआत हो जायेगी. इस साल पीएमसी का 92वां स्थापना दिवस मनाया जा रहा है. 11 फरवरी से 28 फरवरी तक आयोजित कार्यक्रम को लेकर शुक्रवार को प्रिंसिपलकार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया
गया. इसमें फाउंडेशन डे के अध्यक्ष डॉ विजय गुप्ता ने बताया कि स्थापना दिवस की शुरुआतस्वच्छता अभियान से होगी. पहले दिन पीएमसीएच के सभी सीनियर व जूनियर डॉक्टर कॉलेजकैंपस व वार्डों में झाड़ू लगायेंगे और साफ-सफाई करेंगे. वहीं, 25 फरवरी को सीएफडी काउद्घाटन राज्यपाल रामनाथ कोविंद करेंगे. डॉ विजय गुप्ता ने बताया कि सीएफडी के दौरान 33 छात्रों को गोल्ड मेडल दिया जायेगा. इसमें 20 एमबीबीएस और 13 छात्र पोस्ट ग्रेजुएट के हैं. परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए इन्हें मेडल दिया जायेगा. छात्राअों की ओर से लगायी गयी पेंटिंग प्रदर्शनी में इस बार नशामुक्त बिहार को भी शामिल किया गया है.

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