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दिया फर्जी दस्तावेज, केस दर्ज
गड़बड़ी. अवैध संपत्ति को बचाने के लिए आरोपितों का फर्जीवाड़ा इओयू ने इनके खिलाफ धारा 420, 67, 68, 71 समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर दिया है. पटना : परिवहन में प्रवर्तन अवर निरीक्षक मो. युनूस के यहां वर्ष 2013 में आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) ने आय से अधिक संपत्ति (डीए) मामले में मुकदमा […]
गड़बड़ी. अवैध संपत्ति को बचाने के लिए आरोपितों का फर्जीवाड़ा
इओयू ने इनके खिलाफ धारा 420, 67, 68, 71 समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर दिया है.
पटना : परिवहन में प्रवर्तन अवर निरीक्षक मो. युनूस के यहां वर्ष 2013 में आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) ने आय से अधिक संपत्ति (डीए) मामले में मुकदमा दर्ज किया था. इन्होंने अपनी अवैध संपत्ति को बचाने के लिए कई तरह के दस्तावेज पेश किया. इसमें एक दस्तावेज के अंतर्गत उन्होंने अपने बेटे के नाम पर सिनेमा हॉल की खरीद को दिखाया था. जांच के दौरान यह बात सामने आयी कि मो. युनूस ने अपने बेटे के जिस पैन नंबर के आधार पर सिनेमा हॉल की खरीद का पेपर प्रस्तुत किया है. वह उसके जन्म के तीन साल पहले का है. उनके बेटे के नाम से दो अन्य पैन नंबर भी मिले हैं. इन दोनों में बेटे का उम्र अलग-अलग अंकित है.
मो. यूनुस पर पांच करोड़ 16 लाख रुपये की अवैध संपत्ति का मुकदमा दर्ज किया गया है. उन्होंने अपनी अवैध संपत्ति को बचाने के लिए कुछ अन्य दस्तावेज भी पेश किये हैं, जो भी जांच में फर्जी पाये गये हैं. अपनी काली कमाई से बनायी गयी अवैध संपत्ति को बचाने की जुगत सिर्फ मो. यूनुस ने ही नहीं की है. इनके जैसे दो अन्य लोक सेवकों डीआरडीओ में अधीक्षण अभियंता रामचंद्र शर्मा और सीतामढ़ी के आरडब्ल्यूडी में कार्यपालक अभियंता रामचंद्र गुप्ता ने भी अपनी पकड़ी गयी अवैध संपत्ति को बचाने के लिए कई तरह के फर्जी दस्तावेज जमा किये थे.
जांच में इन सभी लोक सेवकों के तमाम दस्तावेज फर्जी पाये जाने के बाद इओयू ने इनके खिलाफ धारा 420, 67, 68, 71 समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर दिया है. इन पर पहले से ही डीए केस दर्ज था और अब फर्जीवाड़ा एवं जालसाजी का मुकदमा दर्ज हो गया है. अब इस आरोप इनका जेल जाना तय माना जा रहा है. जालसाजी के आरोप में इनकी जल्द ही गिरफ्तारी होने जा रही है. एक आरोप से बचने के लिए झूठ का सहारा लेना इनके लिए काफी महंगा पड़ा.
रामचंद्र शर्मा, स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन में एक्जीक्यूटिव इंजीनियर थे. एक करोड़ 24 लाख की अवैध संपत्ति का मामला 2013 में ही दर्ज किया था. इन्होंने कृषि सर्टिफिकेट को दिखाकर आय बताने की कोशिश की थी, लेकिन जब इस प्रमाणपत्र की जांच जहानाबाद डीएम से करवायी गयी, तो यह फर्जी पाया गया. इसके अलावा इनके प्रस्तुत किये गये कुछ अन्य दस्तावेज भी फर्जी मिले.
रामचंद्र गुप्ता, सीतामढ़ी के आरडब्ल्यूडी में कार्यपालक अभियंता. एक करोड़ 41 लाख की अवैध संपत्ति का मामला सामने आया. इन्होंने जमीन खरीद की एग्रीमेंट के कई दस्तावेज प्रस्तुत किये थे. इसके जरिये इन्होंने 52 लाख रुपये की संपत्ति खरीद का दावा किया था. इनकी जांच संबंधित जिला ट्रेजरी से करवायी गयी, तो यह भी फर्जी निकला.
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