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बेटियों के जन्म पर पंचायतों में उत्सव
खुशखबरी. मुखिया जी की भागीदारी सुनिश्चित की जायेगी हर महीने मनाया जायेगा उत्सव. बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना के तहत किया जा रहा है काम. अनुपम कुमारी पटना : अब पंचायतों के मुखिया बेटियों का जन्मोत्सव मनायेंगे. बेटियों के जन्म को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अब पंचायतों के मुखिया जी की भागीदारी सुनिश्चित की […]
खुशखबरी. मुखिया जी की भागीदारी सुनिश्चित की जायेगी
हर महीने मनाया जायेगा उत्सव. बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना के तहत किया जा रहा है काम.
अनुपम कुमारी
पटना : अब पंचायतों के मुखिया बेटियों का जन्मोत्सव मनायेंगे. बेटियों के जन्म को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अब पंचायतों के मुखिया जी की भागीदारी सुनिश्चित की जायेगी. इसकी तैयारी वैशाली जिले से होगी. जहां केंद्र सरकार की योजना बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का संचालन किया जा रहा है. इसके तहत अब जनवरी से पूरे जिले में पंचायत स्तर पर बेटियाें के जन्म पर उत्सव मनाया जायेगा. ताकि बेटियों के जन्म को बढ़ावा और कन्या भ्रूण हत्या को कम किया जा सके.
अलग-अलग संस्थाएं कर रही हैं तकनीकी मदद : इस कार्य में यूएनएफपीए (यूनाइटेड नेशन पाॅपुलेशन फंड) और सेवा भारत संस्थाएं तकनीकी मदद कर रही है. इसके द्वारा किशोर-किशोरियों का ग्रुप बनाकर बेटियों के जन्म को लेकर जागरूकता कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं. वहीं, सेवा भारत के जरिये पंचायत स्तर जन्मोत्सव मनाने जैसे कार्यक्रमों की भी जानकारी दी गयी है.
अब यह कार्यक्रम जनवरी से मुखिया स्तर पर की जानी है. इसके लिए ग्रामीण स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण समिति को ट्रेनिंग दी जायेगी. ताकि समिति के जरिये पहले प्रत्येक पंचायत में जन्मी बेटियों की सूची तैयार कर उन बेटियों का सामूहिक स्तर जन्मोत्सव मनाया जा सके. प्रत्येक महीने पूरे पंचायत में कितनी बेटियों का जन्म हुआ है. पहले इसकी सूची तैयार की जायेगी. इसके बाद मुखिया जी व समिति के सदस्यों के सहभागिता से कोई एक तिथि निर्धारित कर उन परिवारों को सूचना देंगे. इसके बाद सामुदायिक भवन, पंचायत भवन या आंगनबाड़ी केंद्र में जन्मोत्सव कार्यक्रम किया जायेगा. इसमें जन्मी बेटियों के पूरे परिवार को बुलाया जाता है. जहां बच्चियों का जन्म निबंधन प्रमाण-पत्र, मच्छरदानी और राज्य सरकार की योजना कन्या सुरक्षा योजना का बचत पत्र पुरस्कार के रूप में दिया जायेगा. साथ ही मां और पूरे परिवार को बधाई दी जायेगी.
यह है योजना : केंद्र सरकार ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना की शुरुआत 22 जनवरी, 2015 को हरियाणा के पानीपत से की गयी थी. महिला एवं बाल विकास मंत्रालय व मानव संसाधन विकास मंत्रालय की संयुक्त पहल से योजना की शुरुआत देशभर में किया गया है. इसके अंतर्गत देशभर के कुल 100 जिलों का चयन किया गया है. इसमें बिहार के वैशाली जिला शामिल है.
ये किया गया है काम : इस योजना की जानकारी अधिक से अधिक लोगों को मिल सकें, इसके लिए सूचना प्रसारण मंत्रालय द्वारा एक महीने तक चयनित जिलों में कैंपेन चला कर जागरूकता कार्यक्रम भी चलाया गया है. इनमें क्षेत्रीय प्रचार निदेशालय द्वारा वैशाली जिले में नुक्कड़ नाटक, गोष्ठी, रैली व पोस्टर आदि के द्वारा राज्य व जिला स्तर पर फरवरी माह में जागरूकता कार्यक्रम चलाये गये.इसका उद्देश्य है, कन्या भ्रूण हत्या को रोकना और बेटियों को सुरक्षा देना है.
इन जिलों में चलायी जा रही है योजना : इस योजना के अनुसार 100 जिलों का चयन किया गया है.इनमें 87 जिले ऐसे हैं, जहां लिंगानुपात 918 राष्ट्रीय स्तर से कम है. इनमें 12 जिला हरियाणा के हैं.
केंद्र सरकार की योजना को अब राज्य स्तर पर भी पहल करने का विचार-विर्मश किया जा रहा है. इनमें बिहार के ऐसे 27 जिलों का चयन किया गया है. जहां, लिंगानुपात की स्थिति खराब है. इनमें पश्चिमी चंपारण , पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया, किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार, मधेपुरा, सहरसा, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, सीवान, सारण, समस्तीपुर, बेगूसराय, खगड़िया, भागलपुर, बांका, जमुई, मुंगेर, पटना , बक्सर, व रोहतास अादि जिलों में कार्यक्रम का विस्तार किया जाना है.
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