पटना : 18 फरवरी से विद्युतकर्मियों की हड़ताल प्रस्तावित है.इसे रोकने के लिए बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी के साथ विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोरचा की वार्ता दूसरे दिन भी बेनतीजा रही.
शनिवार को जहां तीन घंटे तक वार्ता हुई, तो रविवार को एक बजे से पांच बजे तक कंपनी के सीएमडी संदीप पौंड्रिक और चारों कंपनी के एमडी के साथ मोरचा नेताओं की वार्ता हुई. वार्ता में मोरचा नेताओं ने अपनी 27 मांगों को सीएमडी के समक्ष रखा.
इसमें कुछ मांगों को नीतिगत बता कर सरकार को भेजने का आश्वासन दिया गया, तो कंपनी स्तर पर पूरी होने वाली मांगों पर ही आश्वासन दिया जा रहा था. इस आश्वासन को मानने के लिए मोरचा नेता तैयार नहीं हैं. मोरचा नेताओं का कहना है कि आश्वासन नहीं, नोटिफिकेशन चाहिए. अगर नोटिफिकेशन नहीं किया जाता है, तो 18 फरवरी से हड़ताल जारी रहेगी. हालांकि सोमवार को सीएमडी ने तीन बजे वार्ता के लिए मोरचा नेताओं को बुलाया है.
27 सूत्री मांगों को रखा
मोरचा के नेता बीएल यादव ने बताया कि चार घंटे चली वार्ता में मोरचा अपनी ओर से 27 सूत्री मांगों को रखा. इसमें कंपनी के शीर्ष पर आइएएस के बदले प्रोफेशनल रखने, फ्रेंचाइजी बंद करने, बहाली की नयी नीति खत्म करने जैसी मांगों पर सीएमडी ने बताया कि नीतिगत फैसला है.
निर्णय को बदलने के लिए सरकार के पास भेजा जायेगा. वहीं प्रोन्नति, एसीपी का लाभ, वेतन विसंगतियों को दूर करने, विद्युत भवन के समीप हुए लाठीचार्ज की उच्च स्तरीय जांच की मांगों पर सीएमडी ने आश्वासन देते हुए कहा कि शीघ्र पूरा किया जायेगा, लेकिन मोरचा के नेता मानने को तैयार नहीं है.
सिर्फ मिलता है आश्वासन
बीएल यादव ने बताया कि आश्वासन सुनते-सुनते थक गये हैं. अब आश्वासन से काम नहीं चलेगा. मांग जायज है, तो नोटिफिकेशन जारी करें. इसके बाद ही हड़ताल स्थगित की जायेगी. हालांकि सोमवार को फिर वार्ता के लिए बुलाया गया है. देखना है कि हमारी मांगों पर नोटिफिकेशन होता है या नहीं. अगर नोटिफिकेशन नहीं होता है,तो हड़ताल जारी रहेगी. संघर्ष मोरचा में विद्युत बोर्ड के 15 संगठन शामिल हैं. वार्ता में पेसा के अध्यक्ष वीरेंद्र प्रसाद, बिहार पावर वर्कर्स के महामंत्री महेश प्रसाद सिन्हा, मंत्री संजय कुमार तिवारी के साथ साथ बीपी यादव, रामचंद्र प्रसाद, अजर्न प्रसाद यादव, निरंजन लाल और दिगंबर कुमार सिंह समेत कई मोरचा नेता उपस्थित थे.