कर राजस्व में प्रथम छह महीने में पिछले साल जहां 11,419 करोड़ का संग्रह हुआ था वहीं इस साल मात्र 9,565 करोड़ यानी 16.23 प्रतिशत कम संग्रह हुआ है. मोदी ने कहा कि आम उपभोग की सभी चीजों पर अप्रत्याशित कर वृद्धि के बावजूद सरकार पिछले वर्ष की तुलना में इस साल के प्रथम छह महीने में काफी कम कर संग्रह कर पाई है. शराबबंदी के बाद मुख्यमंत्री का दावा था कि राजस्व संग्रह में कोई कमी नहीं आयेगी क्योंकि शराब पर खर्च होने वाले 10 हजार करोड़ की बचत को लोग अन्य उपयोग के सामानों पर व्यय करेंगे और इससे सरकार को पर्याप्त राजस्व मिलेगा. मगर मुख्यमंत्री के सारे दावे धरे के धरे रह गये हैं.
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पहली छमाही में कर राजस्व में 16.23 प्रतिशत की कमी : मोदी
पटना. पूर्व उपमुख्यमंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि वाणिज्य कर में पिछले साल की तुलना में इस साल की पहली छमाही में 9.75 प्रतिशत की कमी आयी है. पिछले साल 7,474 करोड़ के संग्रह की तुलना में इस साल मात्र 6,745 करोड़ यानी 729 करोड़ कम संग्रह हो […]
पटना. पूर्व उपमुख्यमंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि वाणिज्य कर में पिछले साल की तुलना में इस साल की पहली छमाही में 9.75 प्रतिशत की कमी आयी है. पिछले साल 7,474 करोड़ के संग्रह की तुलना में इस साल मात्र 6,745 करोड़ यानी 729 करोड़ कम संग्रह हो पाया है. प्रथम छह महीने में उत्पाद व मद्य निषेद्य विभाग के लक्ष्य 2100 करोड़ के विरुद्ध मात्र 46 करोड़ ही संग्रह हो पाया है.
धान खरीद की व्यवस्था करे सरकार : पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय ने राज्य सरकार पर किसानों की अनदेखी करने का आरोप लगाया और कहा कि भाजपा किसानों के हित के लिए संघर्ष करेगी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार तत्काल धान क्रय की व्यवस्था करे.
चुनावी वर्ष की तरह इस बार भी सरकार किसानों को प्रति क्विंटल 300 रुपए बोनस व पिछले साल धान क्रय की बकाया राशि किसानों को दे. 15 नवम्बर से सरकार ने धान खरीद की घोषणा की थी. अब तक क्रय शुरू नहीं हुआ है किसान कम कीमत पर धान बेचने को मजबूर हैं. रोजाना राज्य से 500 क्विंटल धान दूसरे राज्यों में जा रहा है.
कपड़ा, मिठाई आदि पर 5 प्रतिशत के साथ
ही सभी वस्तुओं पर 2 प्रतिशत टैक्स वृद्धि के अलावा पेट्रोल-डीजल पर सरचार्ज और दर्जनों वस्तुओं पर प्रवेश कर लगाने के बावजूद आखिर सरकार कर राजस्व संग्रह में फिसड्डी क्यों
रह गयी.
गुजरे छह महीने में राजस्व संग्रह में फिसड्डी रहने वाली सरकार क्या अब अगले छह महीने नोटबंदी का बहाना नहीं बनायेगी. गैर कर राजस्व के अंतर्गत भी पहली छमाही में खनन व भूतत्व विभाग के राजस्व में 10.77 तो कृषि विभाग में 11.63 तथा पर्यावरण विभाग के राजस्व संग्रह में 19.77 प्रतिशत की कमी आई है. कर व गैर राजस्व के संग्रह में कुल 14.46 प्रतिशत की गिरावट है.
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