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विधि विभाग में अटकी एसटीइटी की फाइल
एक साल पहले सीएम ने टीइटी लेने का दिया था निर्देश, अब तक गाइडलाइन नहीं बन पायी पटना : राज्य के हाइ व प्लस टू स्कूलों में शिक्षकों की बहाली के लिए होने वाली विशेष शिक्षक पात्रता परीक्षा (एसटीइटी) के लिए शिक्षा विभाग अब तक गाइडलाइन तैयार नहीं कर सका है. विभाग ने ऑनर्स पेपर […]
एक साल पहले सीएम ने टीइटी लेने का दिया था निर्देश, अब तक गाइडलाइन नहीं बन पायी
पटना : राज्य के हाइ व प्लस टू स्कूलों में शिक्षकों की बहाली के लिए होने वाली विशेष शिक्षक पात्रता परीक्षा (एसटीइटी) के लिए शिक्षा विभाग अब तक गाइडलाइन तैयार नहीं कर सका है. विभाग ने ऑनर्स पेपर वाले विषयों के अभ्यर्थियों को अलग से पांच अंक देने के प्रावधान को लेकर विधि विभाग में फाइल भेजी है.
विधि विभाग से इस संबंध में कोई जवाब नहीं आया है, जिससे एसटीइटी के आयोजन पर ग्रहण लगा हुआ है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक साल पहले 18 दिसंबर, 2015 को टीइटी कराने का निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिया था. लेकिन साल भर बीतने के बाद भी शिक्षा विभाग ने अब तक गाइडलाइन तैयार नहीं किया है. इसकी वजह से बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा 17-18 दिसंबर को टीइटी-एसटीइटी के लिए संभावित तारीख घोषित करने के बाद उसे स्थगित करना पड़ा. इसी गाइडलाइन की वजह से वर्तमान में हाइ व प्लस टू स्कूलों में चल रही शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया पर भी रोक लगा दी गयी है. नयी गाइडलाइन आने के बाद ही बहाली की प्रक्रिया भी शुरू हो सकेगी. एसटीइटी में इस बार उन्हीं अभ्यर्थियों को मौका मिलना है जो ट्रेंड हैं.
अप्रशिक्षित अभ्यर्थियों को इसमें अवसर नहीं दिया जायेगा. समस्या आ रही है कि स्कूलों में गणित विषय में बहाली होनी है. ऐसे में गणित में ऑनर्स करने वाले को पांच अंक मिल रहे हैं. वहीं, जिन अभ्यर्थियों ने सब्सिडी पेपर भौतिकी व रसायन शास्त्र रखा, उन्हें साइंस विषय के लिए अतिरिक्त पांच अंक नहीं दिये जा रहे हैं. सिर्फ ऑनर्स वाले अभ्यर्थियों को यह अंक मिल रहा है. इससे सब्सिडी विषय वाले अभ्यर्थियों ने राज्य सरकार से मांग की कि उन्हें भी अतिरिक्त पांच का लाभ दिया जायेगा. इसके बाद शिक्षा विभाग ने इस पर विधि विभाग से राय मांगा है.
विधि विभाग से स्थिति स्पष्ट होने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जायेगी.
राज्य में 2011 में एसटीइटी का आयोजन किया गया था. हर साल टीइटी-एसटीइटी लेने की बात कही गयी थी, लेकिन नहीं हो सका. 2011 में हुई एसटीइटी के सफल अभ्यर्थियों के सर्टिफिकेट की मान्यता सात सालों के लिए है. सात सालों तक चलने वाले बहाली प्रक्रिया में वे शामिल हो सकते हैं. एसटीइटी में हाइ स्कूलों में करीब 68 हजार और प्लट टू स्कूलों में 20 हजार अभ्यर्थी क्वालिफाइ किये थे. इसमें अधिकांश अभ्यर्थी सोशल साइंस विषय के थे. एसटीइटी पास इन्हीं अभ्यर्थियों की बहाली प्रक्रिया 2012 में शुरू की गयी, जो अब तक जारी है. हाइ स्कूलों में 17,500 पदों में 11 हजार पदों बहाली हो चुकी है, जबकि 6500 पद खाली हैं. वहीं, प्लस टू स्कूलों में 17,583 पदों में से 5,391 पदों पर बहाली हुई है. 12,192 पद अभी भी खाली हैं.नयी गाइडलाइन की वजह से नियुक्ति प्रक्रिया में भी रोक लगा दी गयी है.
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